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नस्लभेदी नीति से नाराज अश्वेत

‘‘हम अफ्रीकी-अमेरिकी हैं, हम देश भक्त हैं और हम चुपचाप बैठे रहने से इनकार करते हैं’’

‘वाशिंगटन पोस्ट’ में प्रकाशित अफ्रीकन अमेरिकी अफसरों के पत्र का यह मूल वाक्य काफी कुछ कह जाता है। यह पत्र साबित करता है राष्ट्रपति टं्रप से अश्वेत लोग खुश नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही एक खबर में वाशिंगटन में ब्रिटेन के राजदूत किम डैरेक ने कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से चिढ़ते हैं। लेकिन क्या वो उनसे इसलिए चिढ़ते हैं कि वे अश्वेत हैं? जो भी है पर ट्रंप के खिलाफ अब अश्वेत अफसरों ने अपनी आवाज उठा दी है। डोनाल्ड ट्रंप अपने आक्रामक बयानों की वजह से शुरू से ही विवादों के केंद्र में रहे हैं। महिलाओं को लेकर कही गई बात हो या मेक्सिको के साथ विवाद, अप्रवासी लोगों की बात हो या उत्तर कोरिया को खत्म कर देने की धमकी, उन पर विवाद रहा है, पर इस बार अश्वेत अमेरिकी महिलाओं और वह भी निर्वाचित प्रतिनिधियों को देश छोड़कर चले जाने की बात कहकर उन्होंने सभी सीमाएं मानो तोड़ दी हैं।

इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति की काफी किरकिरी हुई। विपक्ष डेमोक्रेट्स ही नहीं, उनकी अपनी पार्टी के कई सदस्यों ने उनकी तीखी आलोचना की और अपना बयान वापस लेने को कहा। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाने तक की बात कही गई, हालांकि इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसकी शुरुआत तब हुई जब ट्रंप प्रशासन में काम करने वाले 149 अफ्रीकन अमेरिकन अफसरों ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में छपी एक चिट्ठी जो कि सम्पादकीय के रूप में छपी, उस पर अपने दस्तखत किए। इसका शीर्षक था, ‘हम अफ्रीकी अमेरिकी हैं, हम देशभक्त हैं, और हम चुप चाप बैठे रहने से इनकार करते हैं।

चिट्ठी में लिखा गया है कि, हम यह पहले ही सुन चुके हैं। जहां से आए हो, वहीं चले जाओ। कई ने यह महसूस किया है कि कई बार यह हमारे सामने ही चीख कर कहा जाता है। कई बार हमारे पीठ पीछे फुसफुसा कर कहा जाता है, हमारे लॉकर्स पर लिख दिया जाता है या हमें ये बातें ऑनलाइन कही जाती हैं। यह देश के उस पैटर्न का हिस्सा है, जिसके तहत हमें अलग-थलग रखा जाता है, नीचा दिखाया जाता है और डराया जाता है।

हम 149 अफ्रीकी अमेरिकियों ने पिछले प्रशासन में काम किया है और हमने देखा है कि किस तरह पहले काले राष्ट्रपति बराक ओबामा को राष्ट्रपति के रूप में लगातार खारिज किया जाता रहा है। बराक ओबामा के कार्यकाल में और उसके बाद भी नस्लवाद को तेजी से बढ़ते हुए हमने देखा है और यह हमारे लिए सच्चाई है, पर इससे हमें अपनी सक्रियता बढ़ाने का ईंधन भी मिलता है।

हम कांग्रेस सदस्या इलहान उमर, अलेक्जांद्रिया ओकेसियो-कॉर्टिज, अयाना प्रेसली और रशीदा तलैब के साथ खड़े हैं। इसके साथ ही हम उन लोगों के साथ भी हैं, जिन पर राष्ट्रपति ट्रंप और उनके समर्थक लगातार हमले कर रहे हैं। ये समर्थक यह समझते हैं कि उन्हें यह तय करने का हक है कि कौन यहां का है और कौन नहीं है। इससे अधिक गैर अमेरिकी हो ही नहीं सकता है कि किसी को यह कहा जाए कि वह देश छोड़ कर वहां चला जाए जहां से वह आया है और इसके लिए उसके अप्रवासी जड़ों, पूर्वजों और इस बात की चर्चा की जाए कि वह पूरी तरह आज्ञाकारी बन कर चुपचाप बैठे रहने से इनकार करता हो।

हम उन अप्रवासियों, शरणार्थियों और गुलाम बनाए गए अफरिकियों के वंशज हैं, जिन्होंने मूल पाप की भयावहता को झेलते हुए इस देश का निर्माण किया। हम उस जमीन पर खड़े हैं, जो उन्होंने तैयार की और उस सड़क पर चल रहे हैं जो उन्होंने बनाई हे। हम लाल खून वाले अमेरिकी हैं, हम देशभक्त हैं और जिस दिशा में यह देश जा रहा है, उसके बारे में काफी कुछ कह सकते हैं। हम दबाए- कुचले जाने को स्वीकार नहीं करते। हम नए अमेरिकियों का स्वागत खुली बांहों से करते हैं। और हम नस्लवादी आधारशिला पर बनी क्रिमिनल जस्टिस प्रणाली के खिलाफ संघर्ष नहीं छोड़ेंगे।

हम मिनेसोटा और मिशिगन के हैं, ब्रॉन्क्स और बेटन रूज के हैं, फ्लोरिडा और फिलाडेल्फिया के हैं, क्लीवलैंड और कैरोलाइना के हैं, अटलान्टा और नेवाडा के हैं, ओक टाउन और ची के हैं। हम लोकतंत्र में अपनी भूमिका को समझते हैं और अप्रवासियों के द्वारा और उनके लिए बनाए गए इस देश को सम्मान करना समझते हैं। हम उस पंरपरा के हैं, और हमारे पास यह ताकत है कि अपने पूर्वजों का सम्मान करें और जो दूर देशों से यहां आए और इसे अपना घर बनाया।

देश के प्रति हमारा प्रेम इस मांग में है कि हम इसे और सही बनाएं। हम नस्लवाद, लिंगवाद, होमोफोबिया और विदेशों से नफरत करने वालों के सामने चुप-चाप बैठे रहने से इनकार करते हैं। हम स्थानीय, राज्य, कांग्रेस के अधिकारियों और राष्ट्रपति के उम्मीदवारों से गुजारिश करते हैं कि वे ऐसी नीतियां चुनें जिससे लोकतंत्र मजबूत हो और लोगों को मुनाफे से अधिक महत्व दिया जाए। हम ऐसे उम्मीदवारों का समर्थन करते रहेंगे जो विविधता को बेहतर समझते हों। हम सभी अमेरिकियों से अपील करते हैं कि वे नस्लभेद विरोधी, पर्यावरण हितैषी और हरेक को साथ लेकर चलने की कोशिश कर खुद को बेहतर पड़ोसी साबित करें।

हमें यह देश जैसा मिला था, उससे बेहतर छोड़ कर जाएंगे। यह हमारा घर है। इसके बाद अपना मत रखते हुए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ने ट्वीट किया। बराक ने कहा, उनकी (डोनल्ड ट्रंप की) टीम ने मेरे प्रशासन में जो कुछ हासिल किया, उस पर मुझे हमेशा गर्व रहा है, लेकिन वे जिस तरह अमेरिका को बेहतर बनाने के लिए जूझ रहे हैं, मुझे उस पर अधिक गर्व है।

इस पर मिशेल ओबामा ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया ट्वीट पर दी और कहा, श्हमारे देश को जो चीज सबसे महान बनाती है, वह विविधता है। मैंने कई सालों में सुंदरता को कई रूपों में देखा है। हमारा यहां जन्म हुआ हो या हमने यहां शरण ली हो, यह हम सबकी जगह है। हम यह जरूर याद रखें कि यह मेरा अमेरिका या आपका अमेरिका नहीं है, यह हमारा अमेरिका है। डोनाल्ड ट्रंप का मौजूदा रवैया नस्लभेदी है, इसलिए सिर्फ डेमोक्रेटिक पार्टी ही नहीं बल्कि उनके अपने अफसरों ने भी उनकी घोर निंदा की है। लेकिन चिट्ठी विवाद से स्पष्ट है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति ट्रम्प अपने रंगभेदी बयानों की वजह से चारों ओर से घिर चुके हैं।

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