अमेरिका में अश्वेत लोगों से भेदभाव की एक लंबी परंपरा रही है। अतीत में यहां कई ऐसी हृदयविदारक घटनाएं घटी जिनमें अश्वेत लोगों की निर्मता से हत्याएं कर दी गई। हालांकि देश की जरूरत रही तो ओबामा जैसे अश्वेत को राष्ट्रपति भी बनाना पड़ा। लेकिन किसी अश्वेत के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के बावजूद उस देश में अश्वेतों से भेदभाव का सिलसिला थम ही नहीं पा रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक अश्वेत नागरिक जाॅर्ज फ्लायड की पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई से हुई मौत का मामला सुर्खियों में रहा था। यह मामला देश में चुनावी मुद्दा भी बना। अश्वेत नागरिकों के साथ सरकारी सेवाओं में भी दोयम दर्जे या भेदभाव की नीति अपनाई जाती रही है। हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी एअर फोर्स और स्पेस फोर्स सेवाओं में अश्वेत कर्मियों और अधिकारियों के साथ सौतेला व्यवहार होता है। उन्हें प्रताड़ित करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का इस्तेमाल किया जाता है। उनके खिलाफ जांचें बिठाई जाती हैं और गिरफ्तार किया जाता है। अश्वेत कर्मियों को जबरन डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है।
एअर फोर्स के इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) की ओर से 21 दिसंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वायु सेना और अंतरिक्ष बल के प्रत्येक कर्मचारियों और अधिकारियों को नस्ली भेदभाव के चलते अश्वेत कर्मचारियों के मुकाबले पदोन्नति के उचित अवसर नहीं मिलते। ऐसा क्यों होता है यह स्पष्ट नहीं है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब पेन्टागन वायुसेना के रैंक में विविधता के लिए प्रयासरत है। रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कुछ पहले से प्रयासरत है कि कैसे सैन्य बलों में भेदभाव को रोका जाए। कैसे इस पर रोक लगाई जाए। इसके लिए मसौदा तैयार किया गया है।
वायुसेना के आईजी की रिपोर्ट के मुताबिक़ अश्वेत सदस्यों को इस बात की शिकायत है कि एयर फोर्स में पदोन्नति के लिए श्वेत सदस्यों के मुकाबले उन्हें उचित अवसर नहीं दिए जाते या कम अवसर मिलते हैं। बड़ी संख्या में अश्वेत सदस्यों ने पूर्वाग्रह और नस्लवाद के अनुभव की सूचना दी। निस्कर्स यह है कि बड़े स्तर पर अश्वेत सदस्यों से भेदभाव हुआ है। एक ब्लैक कमांडर जिसका साक्षात्कार किया गया था। उन्होंने कहा कि कई बार ब्लैक सर्विस के सदस्य एक गलती करते हैं और इससे उनका करियर खत्म हो जाता है। नस्लीय भेदभाव अश्वेतों को महंगा पड़ता है।
भेदभाव की मान्यताएं रैंकों में कटौती करती हैं। सर्वे में कहा गया कि उनकी जाति के कारण अश्वेतों के साथ भेदभाव किया गया था। 45 प्रतिशत अश्वेत अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अपनी सेवा के दौरान भेदभाव से गुजरना पड़ा। चार्ल्स ब्राउन जूनियर ने कहा कि सेवा लीडर्स को अपने बल के साथ विश्वास का पुनर्निर्माण करना चाहिए। वायु सेना का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति ब्राउन ने कहा नस्लीय असमानता एक आसान विषय नहीं है और हम परंपरागत रूप से अपने कमांड के कई स्तरों के बारे में बात नहीं करते हैं। अब हम सभी को सार्थक स्थायी और स्थायी परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना चाहिए।वायु सेना के सचिव बारबरा बैरेट ने कहा कि लीडर्स बाधाओं को दूर करने के लिए उचित कदम उठाएंगे और विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए मेंटरशिप और अन्य कार्यक्रमों का विस्तार करेंगे। आईजी की समीक्षा ने 2012 में वापस जाने वाले सैन्य न्याय प्रक्रिया डेटा की जांच की। पदोन्नति दर और सेवा के सदस्यों को दिए गए अन्य अवसरों ,साक्षात्कारों का आयोजन किया और एक सर्वेक्षण में 1 लाख 23 हजार से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त कीं।
इस समीक्षा का खास निष्कर्ष यह है कि श्वेत कर्मियों की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक अश्वेत कर्मियों को न्यायिक प्रक्रिया से जूझना पड़ा। इसी तरह 72 प्रतिशत को गैर न्यायिक प्रकिया के तहत भी दंड एवं जाँच का सामना करना पड़ा। ज्यादातर अश्वेत सदस्य दुराचार और अवैध शारीरिक संबंधों के लिए दोषी पाए जाते रहे हैं।