पाकिस्तान सरकार और सेना के द्वारा बलूचिस्तान के लोगों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर अपनी आवाज बुंलद करने वाली करीम बलोच की कनाडा में हत्या कर दी गई है। उनका शव कनाडा के टोरंटो में हर्बरफ्रंट में पाया गया। करीम के पति और भाई ने उनके शव को पहचाना। माना जा रहा है कि उनकी हत्या की गई है, और हत्या का आरोप पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई पर लग रहा है।
करीम बलोच एक ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट महिला हैं। पाकिस्तान की सेना के द्वारा बलूचिस्तान में किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष कर रही थी। करीम बलोच पर कई बार हमले किए गए, इन हमलों से बचने के लिए वह 2016 में कनाडा भाग गई और वहीं से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ मोर्चा खोलने लगी। करीम वहां शरणयार्थियों की तरह रह रही थी, उन्हें बलूचों की सबसे मजबूत आवाज माना जाता था। कनाडा में रहकर वह अक्सर पाकिस्तानी सेना और सरकार के बारें में सोशल मीडिया पर अपने लेख लिखती रहती थी। वे पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए पिछले काफी समय से लगातार संघर्ष कर रही थी। हालांकि इससे पहले भी कई बलूचिस्तानी राष्ट्रवादी नेताओं पाकिस्तान से बलूच की आजादी के खिलाफ आवाज उठाई थी। पंरतु उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। बलोच राष्ट्रवादी नेता अकबर खान बुगती की पाकिस्तानी सेना द्वारा 2006 में हत्या कर दी गई थी। इस अभियान का आदेश जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने दिया था जो तब देश के सैन्य प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों थे। लेकिन जब मुशर्रफ का शासन समाप्त होने के बाद अगली सरकार आई, उसने 13 जून 2013 को इस हत्या के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। करीमा बलोच स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ‘आजाद’ की पूर्व चेयरपर्सन भी थीं।
पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ करीम ने स्विजरलैंड में हुए यूनाइटेड नेशन के सेशन में बलूचिस्तानियों पर हो रहे अत्याचारों की आवाज उठाई थी। पाकिस्तानी अखबार बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार करीम को अंतिम बार टोरंटो के ‘बे स्ट्रीट’ और ‘क्वीन्स क्वे वेस्ट’ एरिया देखा गया था। हत्या को परिवार वालो ने प्राईवेसी बनाए रखने की अपील की है। करीम अपने एक्टिविस्टिजम की वजह से अक्सर पाकिस्तान सरकार के निशाने पर रहती थी। उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप पाकिस्तान पर लग रहा है। 2016 में रक्षा बंधन के दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई बताया था और उनसे बलूच के लोगों की आवाज बनने की अपील की थी। करीम की इस पोस्ट के बाद पाकिस्तान सरकार ने करीम समेत बलूच के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश और पाकिस्तानी अफसर पर हमला करने का आरोप लगा था।
पाकिस्तान सरकार बलूच के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती रही है। दोहन और बाहरी आबादी की यहां बसावट के कारण 2003 से पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ बलूच के लोग संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना और सरकार यहां के मूल लोगों खासकर जो कम संख्या में हैं उनके खिलाफ काफी अमाननीय व्यवहार करती रही है। काफी संख्या में बलूच लोग या तो सेना के हाथों मारे गए और कुछ अभी तक लापता हैं। इन्हीं नीतियों के खिलाफ कई बलोच अलगाववादी और चरमपंथी संगठन पिछले दो दशक से बलूचिस्तान में सक्रिय हैं। 2016 में बीबीसी ने करीम बलोच को दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बताया था।