अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के आंदोलन में हजारों लोग 13 अप्रैल 1919 को जालियांवाला बाग में प्रदर्शन कर रहे थे। निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी। जिसके बाद सैकड़ों प्रदर्शकारी देश के लिए शहीद हो गए थे। ऐसा ही इन दिनों म्यांमार में देखने को मिल रहा है। जहां सेना ने तख्ता पलटकर कर दिया है। और देश की लोकतांत्रिक तरीकें से चुनी सरकार के नुमाइदों को बंधक बना रखा है। इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लाखों लोकतंत्र के समर्थक हर दिन सेना से भिड़ रहे है। जालियांवाले बाग जैसा ही कुछ म्यांमार के मांडले में देखने को मिला। जहां सेना ने हजारों की तादाद में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकर रहे लोगों पर गोलियां चलवा दी गई हैं। म्यांमार से जो तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं वो विचलित करने वाली हैं।
LOCOMOTIVE XYZ
💛Today General Strike in Shwe Mandalay, Myanmar.💛
Despite brutal and bloodshed multiple crackdowns by Military Terrorists, Mandalay Strike still protest peacefully.🕊️✊🏻"The dictatorship must come to an end."✊🏻#WhatsHappeningInMyanmar#Mar14Coup pic.twitter.com/GzH9bxQTCE
— bbydreamer (@baby_adorable23) March 14, 2021
मांडले में प्रदर्शनकारियों पर सेना ने बुरी तरह से जुल्म किया है और जुल्म की उन तस्वीरों को देखने के बाद यूनाइटेड नेशंस के रिपोर्टर ने कहा है कि म्यांमार की सेना लोगों का नरसंहार कर रही है। म्यांमार से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक आज मांडले में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों पर सेना ने गोलियां चलवा दी हैं। जिसमें कई लोगों के मारे जाने की संभावना है। मांडले में सेना के अत्याचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जा रही हैं, जिसमें सेना को गोलियां बरसाते देखा जा रहा है। चश्मदीदों का कहना है कि सेना द्वारा चलाई गई गोली में कई लोग घायल हुए हैं जबकि कई लोगों को मौत हो गई है। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि मांडले में कितने लोगों की मौत हुई है लेकिन मांडले ने प्रदर्शनाकारियों की क्रांति को और हवा दे दी है।
म्यांमार में रजनीतिक तख्तापलट के बाद से ही सेना द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता की तस्वीरें आनी शुरू हो गयी थीं। आलम यह है कि आंदोलनकारी भी सेना के इस बर्बरता के आगे घुटने टेकने को तैयार नहीं हैं। लागातार नेशनल लीग आफ डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की के रिहाई की मांग उठ रही है। प्रदर्शनकारियों ने एक अंतरराष्ट्रीय दबाव जरूर बनाया है यही कारण है कि अब अन्य देशों ने म्यांमार पर बात करना शुरू कर दिए है। यहां तक कि विश्व बैंक ने कहा है कि उसने म्यांमार को दी जाने वाले पैसे को रोक दिया है साथ ही सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा की जा रही है। अधर कई और देशों ने भी म्यांमार को दी जाने वाली सहायता पर भी रोक लगा दी है।