जहां एक ओर पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जंग लड़ रही है वहीं अलगाववादी क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई अब भी जारी है और इसकी चपेट में अजरबैजान का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी आ गया है।यह लड़ाई अब तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ गई है।
पाकिस्तान और तुर्की ने अजरबैजान के साथ जेहादी फौजों को भी युद्ध के मैदान में उतार दिया है। सीरिया से सैकड़ों खूनी जेहादी लड़ाके नार्गोनो काराबाख पहुंच चुके हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्गोआन खुलकर अजरबैजान का साथ दे रहे हैं, जबकि भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान जो पहले से आतंकिस्तान के नाम से बदनाम है वह भी इस युद्ध में कूद पड़ा है। इमरान खान ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को नार्गोनो काराबाख में उतार दिया है। इसके आरोप आर्मीनिया की सरकार ने लगाया है।
दरअसल, इमरान खान मुसलमानों का मसीहा बनने के लिए आतंकियों की फौज भेजकर मुस्लिम देशों को खुश करना चाहते हैं, लेकिन जेहादी वॉर का मनसूबा इतना आसानी से सफल नहीं होने वाला क्योंकि रूस नार्गोनो काराबाख की लड़ाई पर पैनी नजर बनाए हुए है। अगर हालाता बेकाबू हुए और नागरिक ठिकानों पर जेहादी फौजों के हमले बढ़े तो फिर पुतिन की सेना को खुलकर मैदान में आना पड़ेगा जिसका मुकाबला करना एर्गोआन और इमरान के लिए मुश्किल होगा।
अब खबर है कि रूस के राष्ट्रपति ने आर्मीनिया की सरकार से कई बार बातचीत की है। अब तक इस जंग में मुस्लिम बाहुल्य देश अजरबैजान इसाई बाहुल्य आर्मीनिया पर भारी पड़ रहा है। हालांकि नुकसान दोनों देशों को हुआ है लेकिन ज्यादा मार आर्मीनिया पर पड़ी है। आर्मीनिया में रूस का सैन्य ठिकाना भी है हालांकि अभीतक अजरबैजान ने आर्मीनिया के एक सैन्य ठिकाने को तबाह करने का दावा किया है। लेकिन रूसी सैन्य ठिकाने से ये काफी दूर है। इसीलिए जैसे -जैसे जंग का ताप बढ़ रहा है रूस की भूमिका भी बढ़ती जा रही है। आर्मीनिया के पास ज्यादातर रूस के दिए हथियार हैं जिन्हें अजरबैजान और तुर्की पाकिस्तानी की जेहादी ब्रिगेड काफी नुकसान पहुंचा चुकी है। दरअसल अजरबैजान के पास इस युद्ध में एक ऐसा हथियार है जो आर्मीनिया पर भारी पड़ रहा है।
अजरबैजान ने इस हथियार को इजरायल से खरीदा है। ये एक टोही ड्रोन है जो दुश्मन के ठिकानों की टोह लेने के बाद चोरी छिपे उन पर हमला करता है और तबाह कर देता है। युद्ध का ये महाबली जल्द हिंदुस्तान की फौज को भी मिलने वाला है। अजरबैजान को मिले इजरायली ड्रोन को हापोर नाम दिया गया है आर्मीनिया को सबसे ज्यादा नुकसान इजरायल के इसी हापोर ड्रोन ने पहुंचाया है।
अजरबैजान के अधिकारियों ने कल चार सितंबर को कहा कि आर्मेनिया के बलों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर हमला किया है। अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहयोगी हिकमेत हाजियेव ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें क्षतिग्रस्त इमारतें देखी जा सकती हैं। उन्होंने इसे गांजा में सघन आवासीय बस्तियों पर निशाना साधकर आर्मेनिया द्वारा किये गये बड़े मिसाइल हमलों का परिणाम बताया। हालांकि वीडियो की सत्यता की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। हाजियेव ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि गांजा और अजरबैजान के अन्य इलाकों में आर्मेनिया के क्षेत्रों से हमले किए गए।
वहीं, आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनकी सरजमीं से अजरबैजान की दिशा में किसी तरह का हमला नहीं किया जा रहा है। लेकिन नागोरनो-काराबाख के नेता अरायिक हारुतयुन्यान ने फेसबुक पर इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने गांजा में सैन्य ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए रॉकेट से हमलों का आदेश दिया था। उनके प्रवक्ता वहराम पोघोस्यान ने कहा कि क्षेत्र की सेना ने गांजा में एक सैन्य हवाई अड्डे को तबाह कर दिया है, हालांकि अजरबैजान के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया। अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि शहर पर हमले में एक नागरिक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।