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अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन

पाकिस्तान के  सिंध प्रांत की दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन पर बवाल मचने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और हिंदू लड़की के अपहरण की खबर आई है। बताया जा रहा है कि इस अन्य हिंदू लड़की सोनिया भील का भी अपहरण करने के बाद धर्मपरिवर्तन कराया गया है।

पाकिस्तान में छोटी उम्र की हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराना कोई नई बात नहीं है। एक तरफ पाकिस्तान कहता है कि वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार करता है। लेकिन जब ऐसे मामले सामने आते हैं, तो पाकिस्तान की पोल खुल जाती है।

पाकिस्तानी पत्रकार कपिल देव ने ट्वीट कर सवाल किया है, “आखिर नाबालिग हिंदू लड़कियां ही इस्लाम से क्यों प्रभावित होती हैं? क्यों अधिक उम्र वाले मर्द या औरतें इससे प्रभावित नहीं होते? क्यों धर्मपरिवर्तन के बाद लड़कियां केवल पत्नियां बनती हैं, बेटियां या बहनें नहीं बनतीं?

हाल ही में सिंध प्रांत में होली के अवसर पर घोटकी से दो नाबालिग हिंदू बहनों को अगवाकर उनका धर्म परिवर्तन किया गया। इस्लामिक रिवाज के अनुसार जबरन दोनों की शादी भी करवा दी गई। इस मामले में करीब सात लोगों को हिरासत में लिया गया। इस घटना के बाद से पाकिस्तान में हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
दोनों बहन 13 वर्षीय रवीना और 15 वर्षीय रीना को रसूखदार लोगों ने कथित रूप से अगवा कर लिया। उनके अपहरण के कुछ वक्त बाद ही, एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक काजी कथित रूप से दोनों का निकाह (शादी) कराते हुए दिख रहा था।इसने देशभर में गुस्से का माहौल पैदा कर दिया। लड़कियों के परिवार ने उनके इस्लाम में कथित धर्म परिवर्तन को लेकर 20 मार्च को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग वीडियो वायरल हो जाने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए थे।

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने पुलिस के हवाले से खबर दी कि 24 मार्च की  रात पंजाब के रहीम यार खान जिले में कई स्थानों पर छापेमारी की गई और दोनों की शादी कराने वाले निकाह खान, पाकिस्तान सुन्नी तहरीक के एक नेता और लड़कियों से शादी करने वाले दो पुरुषों के कुछ रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया। खबर में बताया गया कि हिरासत में लिए गए संदिग्धों को सिंध पुलिस को सौंप दिया गया है।

ये मामला सुलझता इससे पहले एक और हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया। इस लड़की का नाम सोनिया भील बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सोनिया का अपहरण करने के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार बिलाल फारुकी ने ट्वीट कर इस नए अपहरण और धर्म परिवर्तन की जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक और हिंदू लड़की सोनिया भील का सिंध में अपहरण कर लिया गया।

वर्तमान में यहां हिंदू धर्म का अनुसरण करने वालों की संख्या कुल जनसंख्या का 1.6 फीसदी है। यानी 36 लाख। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90 फीसदी हिंदू देश छोड़ चुके हैं। धीरे-धीरे उनके पूजा स्थल और मंदिर भी नष्ट किए जा रहे हैं। हिंदुओं की संपत्ति पर जबरन कब्जे के कई मामले सामने आ रहे हैं। वहीं हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन कराना भी आम हो गया है।

पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपात की घटनाएं आम हो गई हैं। इसमें धर्म परिवर्तन कराना सबसे आम बात है। हर साल यहां एक हजार हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है। इसके बाद उनकी जबरन शादी कराई जाती है और उनसे इस्लाम कबूल करवाया जाता है।

रवीना और रीना के मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तानी सरकार गलत काम करने वालों को सजा देगी। लेकिन सरकार का ऐसा करना हिंदू लोगों को शांत करने का एक तरीका भी हो सकता है। अभी तक ऐसे मामलों पर अगर गौर करें तो यहां या तो ऐसे मामले सामने ही नहीं आते और अगर आते भी हैं तो आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। कई मामलों में तो ऐसा भी होता है कि परिवार वाले ही केस दर्ज नहीं कराते।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र की लड़कियों को ही अधिक निशाना बनाया जाता है। इन लड़कियों की उम्र 12 से 15 साल के बीच होती है।इन मामलों में लड़कियों के घर वाले अगर शिकायत दर्ज करवाते हैं, तो दूसरी तरफ आरोपी खुद भी शिकायत दर्ज कर देते हैं। वह कहते हैं कि लड़कियों ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कराया है और उन्हें परेशान किया जा रहा है। फिर कुछ नहीं होता और ऐसे मामले बंद कर दिए जाते हैं। बताया जाता है कि सरकार भी इन कट्टरवादी ताकतों के दबाव में रहती है, जिसके कारण शिकायतें ही नहीं सुनी जातीं।

पाकिस्तान में वर्ष 2012 में रिंकल कुमारी नाम की हिंदू लड़की का अपहरण किया गया था। सिंध प्रांत में रहने वाली रिंकल का अपहरण उसके घर से किया गया। जब रिंकल को अदालत के सामने पेश किया गया, तो उसने कहा कि उसने अपहर्ता नावेद शाह के साथ “अपनी मर्जी और बिना दबाव” के शादी कर ली है।ऐसा केवल रिंकल के मामले में ही नहीं हुआ। बल्कि कई मामलों में हुआ है। लड़कियों से दबाव में ये बयान दिलवाए जाते हैं।

वर्ष 1947 में भारत के बंटवारे के बाद भारी संख्या में हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। पाकिस्तान के मुस्लिम देश होने के कारण हिंदू भारत में आकर बस गए। लेकिन कुछ हिंदू ऐसे भी थे जो अपने घरों को नहीं छोड़ना चाहते थे। जिसके कारण वो पाकिस्तान में ही रहने लगे।

अब इन घटनाओं से पाकिस्तान में धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले लोगों को भी ये अंदेशा है कि स्थिति और बिगड़ सकती है। अखिल भारतीय हिंदू अधिकार संगठन के अध्यक्ष किशनचंद परवानी का कहना है कि धर्मांतरण की घटना से वह बेहद दुखी हैं। उनका कहना है,रोजाना ये समस्या बढ़ती जा रही है। सरकार समस्या को सुझाने की कोशिश नहीं कर रही है।
पाकिस्तान की सरकार साल 2008 में हिंदू विवाह कानून पास नहीं कर पाई थी। इस कानून के तहत पाकिस्तान में हिंदुओं को अपनी शादी रजिस्टर करने का मौका मिलता। वहीं धार्मिक जानकारों का मानना है कि इस्लाम जबरन किसी का धर्म परिवर्तन कराने की इजाजत नहीं देता है।

इस घटना पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा हैकि पाकिस्तान को उन दोनों हिंदू लड़कियों को उनके परिवार के पास वापस भेज देना चाहिए जिनका होली की शाम को जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करवा दी गई थी। वहीं इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दोनों नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य को सौंपी है।

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