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दुनियाभर में कोरोना के अलावा भी कई नए वायरस

दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। समय के साथ कोरोना वायरस के कई नए रूप सामने आ रहे हैं। वहीं दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वायरस से जुड़ी नई जानकारियों और इसके खतरों को समझने के लिए रिसर्च में लगे हुए हैं। इस महामारी के साथ साथ अब और कई नए वायरस और बीमारियां सामने आ रही है।

कोरोना का असर कम नहीं हुआ और इस बीच दुनिया में कई और खतरे भी मंडराने शुरू हो गए हैं। पहले भी कई एक्सपर्ट्स  चेतावनी दे चुके हैं कि कोरोना को आखिरी महामारी नहीं कहा जा सकता है। दुनिया भर में कोरोना के अलावा भी कई नए वायरस देखने को मिल रहे हैं। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, विश्व के कई देश इस समय कोरोना ही नहीं बल्कि और भी कई गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। अब तक मंकी पॉक्स ही 20 दिन में 27 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है।  27 देशों से मंकीपॉक्स के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं।  इसके अलावा 33 देशों में बच्चों में एक्यूट हेपेटाइटिस के 650 मामले देखे गए हैं। विदेश के अलावा भारत में भी कोरोना के प्रकोप के साथ ही दूसरी बीमारियां भी तेजी से पैर पसार रही हैं। भारत के राज्य केरल में टोमैटो फ्लू, वेस्ट नाइल फीवर, स्वाइन फ्लू और नोरो वायरस से या तो मौत हो चुकी है या कोई मामला सामने आया है।
 
 
 
 1. मंकीपॉक्सः विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया के 27 देशों में 2 जून तक मंकीपॉक्स के 780 मामले मिल चुके हैं। चिंता इस बात पर जताई जा रही है, जहां ये वायरस एंडेमिक स्टेज में नहीं है वहीं ये मंकी पॉक्स तेजी से फ़ैल रहा है। 
2. Hemorrhagic फीवर: इस बीमारी का असर इराक में है। इसका पूरा नाम Crimean-Congo Hemorrhagic Fever है। इसके अभी तक 212 केस सामने आ चुके हैं और 7 लोगों की मौत हो चुकी है। ये बीमारी संक्रमित जानवर को खाने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर प्रसारित होती है।  

3. एक्यूट हेपेटाइटिस: दुनिया के 33 देशों में एक्यूट हेपेटाइटिस के 650 मामले सामने आए हैं। अभी यह बीमारी बच्चों में फैल रही है। WHO के मुताबिक इस बार यह बीमारी ज्यादा गंभीर है और बच्चों में लीवर फेल होने का कारण बन रही है। बच्चों में तीव्र हेपेटाइटिस गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है।

4. स्वाइन फ्लू: 11 मई को जर्मनी ने स्वाइन फ्लू (H1N1) का मामला सामने आने की सूचना दी थी।  यह मामला नार्थ राइन-वेस्टफेलिया में सामने आया। हालांकि उसके बाद से यहां कोई मामला सामने नहीं आया है। भारत में भी केरल के कोझीकोड में स्वाइन फ्लू से 12 साल की एक बच्ची की मौत हो गई।

5. मर्स : मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) का पहला मामला 2012 में सामने आया था। यह भी कोरोना वायरस परिवार का ही एक वायरस है। इससे 850 से ज्यादा मौतें हुई थीं। हाल ही में ओमान में एक 34 वर्षीय व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित पाया गया है। इसके बाद उसके संपर्क में आए 6 करीबी और 27 स्वास्थ्य कर्मियों को आइसोलेट किया गया।

 
 
 

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