- बैतड़ी (नेपाल) से लौटकर भारतीय पाण्डेय
भारत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नेपालवासियों का आरोप है कि उनके यहां का एक नागरिक जब रस्सी के सहारे नदी पार कर रहा था, तो एसएसबी ने बीच में ही रस्सी काट दी। जिससे उस व्यक्ति की मौत हो गई
नेपाल में इन दिनों भारत के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है। इस आक्रोश की वजह पिछले माह 8 अगस्त को व्यास गांव पालिका जिला दार्चुला (नेपाल) के एक निवासी की मौत बताई जा रही है। दरअसल, सीमांत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से लगी भारत- नेपाल सीमा पर भारत व नेपाल के दार्चुला के मध्य से नदी बहती है। नदी पार कर आने-जाने के लिए एक वैध मार्ग उपलब्ध है। जिसके माध्यम से आवाजाही होती है, परंतु 8 अगस्त को नेपाल के दार्चुला से आ रहे तीन लोगों ने वैध मार्ग के बदले अवैध तरीके से रस्सियां लगाकर नदी पार कर भारत के प्रवेश करने की कोशिश की जिसमें दो लोग सफल हुए, परन्तु एक व्यक्ति जय सिंह धामी (उम्र 33 वर्ष) की मृत्यु हो गई। नेपाल की जनता ने आरोप लगाया है कि सीमा पर तैनात भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के किसी जवान ने नदी पार कर रहे तीसरे व्यक्ति की रस्सी को काट दिया जिस कारण वह व्यक्ति नदी में गिर गया। उसके जीवित होने की संभावना नहीं है।
नेपाल के लोग अपने नागरिक की मौत के कारण भारत से बेहद खफा हैं। वे इन दिनों भारत विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एसएसबी द्वारा उनके देश के नागरिक की हत्या की गई है। गुस्साए लोगों ने भारत के खिलाफ नारेबाजी के साथ ही आरोपी एसएसबी जवान की पहचान कर उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। नेपाल के विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर अपने देश की सरकार व भारतीय सरकार पर आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि कार्यवाही तो दूर भारत की तरफ से नदी में डूब रहे उस व्यक्ति को बचाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया गया और न ही इतने हफ्ते गुजर जाने के बाद भी भारत द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया ही दी गई है। प्रदर्शन में उपस्थित लोगों ने कहा कि कम से कम इंसानियत के नाते ही सही उस व्यक्ति को नदी में मरने के लिए नहीं धकेला जाना चाहिए था।
नेपाल में उग्र हुए लोगों ने कहा कि हालांकि अवैध तरीके से सीमा पर आवाजाही करना कानूनी रूप से पूर्णतः गलत है जिस पर उन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की जानी चाहिए थी, परन्तु ऐसा न कर रस्सी को काटकर व्यक्ति को नदी के बीच में डूबकर मरने के लिए छोड़ देना कहां का न्याय है? रस्सी काटने के बाद न कोई बचाव कार्य किया गया और न ही इस घटना की कोई आधिकारिक जानकारी ही भारत सरकार द्वारा दी गई। नदी पार कर चुके अन्य दो लोगों को पकड़ कर वापस नेपाल भेज दिया गया जिन्होंने इस घटना की जानकारी दी। नेपाल में यह मुद्दा दिन पर दिन गरमा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि भारत सरकार और नेपाल सरकार आरोपी को ढूंढ़कर कठोर कार्यवाही नहीं करेंगी, तो इस घटना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा।