तालिबान ने पंजशीर घाटी पर नियंत्रण का दावा करने के कुछ ही घंटों बाद Afghanistan में अंतरिम सरकार की घोषणा कर दी गई है। Afghanistan में तालिबान की सरकार में पीएम से लेकर गृह मंत्री तक खूंखार आतंकियों के नाम शामिल है। अंतरिम सरकार का नेतृत्व मुल्ला हसन करेंगे। मुल्ला बरादर इस सरकार में डिप्टी चीफ होंगे। तालिबान ने Afghanistan के मोस्ट वांटेड आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का नया आंतरिक मंत्री नामित किया है। जबकि अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क के इस आतंकी के नाम इनाम की घोषणा कर रखी है।
सिराजुद्दीन हक्कानी उत्तरी वजीरिस्तान, पाकिस्तान से हैं। हक्कानी नेटवर्क चलाने वाला सिराजुद्दीन हक्कानी उत्तरी वजीरिस्तान के मिराम शाह इलाके का रहने वाला बताया जाता है। हक्कानी नेटवर्क का आतंकी अभी भी एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है।
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Afghanistan के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है। अमेरिका ने उसे पकड़ने के लिए सूचना देने वाले के लिए 5 मिलियन (यूएस) तक का इनाम देने की पेशकश की है। अमेरिका सिराजुद्दीन हक्कानी को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। सिराजुद्दीन पर जनवरी 2008 में काबुल के एक होटल पर हमला करने का आरोप है। इस हमले में अमेरिकी समेत छह लोग मारे गए थे। सिराजुद्दीन अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ सीमा हमलों में भी शामिल था। सिराजुद्दीन का नाम 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश में भी शामिल था।
जलालुद्दीन हक्कानी की मौत के बाद उनके बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी हक्कानी नेटवर्क का नेतृत्व कर रहे हैं। हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की आर्थिक और सैन्य संपत्ति पर नजर रखता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि Afghanistan में आत्मघाती हमलों की शुरुआत हक्कानी ने ही की थी। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
सिराजुद्दीन ने 7 जुलाई 2008 को काबुल में भारतीय दूतावास पर आत्मघाती कार बम हमला किया था। इस हमले में कई भारतीयों समेत 58 लोग मारे गए थे। हमले का आदेश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दिया था। पाकिस्तान से सीधे जुड़े होने के कारण आतंकवादी समूह अब भारत के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हक्कानी नेटवर्क को पनाह देती रही है और समय-समय पर भारत के खिलाफ इसका इस्तेमाल करती रही है। हक्कानी नेटवर्क का पूर्वी अफगानिस्तान में सबसे अधिक प्रभाव है। यह समूह, जो Afghanistan में प्रभावशाली है, पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित है। पिछले कुछ वर्षों में इस संगठन की गतिविधियों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। 2015 में सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान का उप नेता घोषित किया गया था।