यूएस नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल हैन्स ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन रूस में मार्शल लॉ लागू कर सकते हैं।
उन्होंने आगे बातचीत करते हुए कहा कि पुतिन द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर कोई भी आदेश जारी करने की फिलहाल योजना नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी तक रूसी जमीन का अस्तित्व खतरे में नहीं पड़ा है। जब उनको खतरे का अंदाजा होगा तो राष्ट्रपति पुतिन कोई भी आदेश जारी करने के सम्बंध में फैसला कर सकते हैं।
हेन्स ने आगे बातचीत करते हुए बताया कि कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन का डोनबास के साथ हो रहे युद्ध अभियान को रोकने का कोई इरादा नहीं है। क्योंकि रूसी राष्ट्रपति मोल्दोवा में ट्रांसनिस्ट्रिया तक एक पुल बनाने का इरादा रखे हुए हैं।
मार्शल लॉ क्या है ?
हेन्स ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन में जारी युद्ध अभियान को लंबे समय तक जारी रख सकते हैं। वह सिर्फ यूक्रेन तक नहीं रुकेंगे उनका लक्ष्य और भी बड़ा है और इससे आगे जाने का भी है। गौरतलब है कि मार्शल लॉ का सीधा अर्थ यह है कि ‘सेना का राज’ । इस कानून के तहत पूरे देश की जनता पर सीधा सेना का अधिकार हो जाता है। मार्शल लॉ को किसी खतरे वाली स्थिति में, कब्जे वाले क्षेत्र में या फिर उस संकट वाली स्थिति में नियंत्रण करने के लिए लगाया जाता है।
अत्याचार कर रहा है रूस
अमेरिका ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि यूक्रेन में रूसी सेना अत्याचार कर रही है। जिसके वजह से यूक्रेन के आम लोगों को अत्याचार और विनाश का सामना करना पड़ रहा है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने एक बयान में कहा कि अमेरिका इस महत्वपूर्ण घड़ी में यूक्रेन के साथ आर्थिक और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
अमेरिका की यूक्रेन को 40 अरब डॉलर की मदद
वहीं अमेरिका ने यूक्रेन को सहायता प्रदान करने वाले प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। अमेरिका, यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमले के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिका की कर्ज देने की नीति के कारण ही द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी को हराने में मदद मिली थी। यूक्रेन को दी जाने वाली मदद को अमेरिका की दोनों पार्टियों डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन ने मंजूरी दी है।