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हिंसक होता अमेरिकी समाज, पांच सालों में 100 से अधिक स्कूलों में गोलीबारी

अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है। यहां के नागरिकों को सुखद जीवन जीने की तमाम सुविधाएं हासिल हैं। इसके बावजूद विरोधाभास यह है कि अमेरिकी समाज में दिन-प्रतिदिन हिंसा बढ़ती जा रही है। हिंसा की यह प्रवृति इतनी गहरी हो चुकी है कि आए दिन स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। स्कूली बच्चों तक को हिंसा ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है मासूम स्कूली बच्चे तक खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल कर हिंसा को अंजाम दे रहे हैं। 

हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में हुई गोलीबारी में 21 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में 18 मासूम बच्चे भी शामिल थे। अमेरिका में स्कूलों को निशाना पहली बार नहीं बनाया गया है। पिछले कई सालों से अमेरिका के स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं घटती रही हैं।

अमेरिका के स्वतंत्र डेटा संग्रह करने वाले संगठन ‘गन वायलेंस आर्काइव’ की एक रिपोर्ट से सामने आया कि वर्ष 2022 में अमेरिका में 212 घटनाएं सामूहिक गोलीबारी की है। रिपोर्ट में दिए आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में अमेरिका के स्कूलों में 100 से अधिक मामले गोलीबारी के सामने आ चुके हैं। वहीं इस साल अमेरिका में 200 से ज्यादा घटनाएं घटित हो चुकी हैं।

2021 में 34 स्कूलों में गोलीबारी की घटना को अंजाम

आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका के स्कूलों में वर्ष 2021 में गोलीबारी की 34 घटनाएं सामने आईं। वर्ष 2020 में 10 स्कूलों तो 2018 व 2019 में 24-24 केस सामने आए। वर्ष 2022 में अब तक 27 स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं घटित हो चुकी हैं।

टेक्सास के स्कूल हमेशा बनते हैं निशाना

वैसे तो लगातार अमेरिका में हिंसक गोलीबारी होती आई है। लेकिन आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक अमेरिका के टेक्सास से गोलीबारी की घटनाएं सामने आती हैं। पिछले आंकड़ों में स्पष्ट किया गया है कि टेक्सास में ही स्कूल के अंदर गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

चार महीने में 212 जगह मास फायरिंग

अमेरिका के स्वतंत्र डेटा संग्रह करने वाले संगठन ‘गन वायलेंस आर्काइव’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में अब तक 212 सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 2021 में 693 और 2022 में 611 जगह गोलीबारी हुई तो 2019 में 417 वारदात सामने आ चुकी हैं।

हथियारों की खरीदारी बेहद आसान

वर्ष 2018, फरवरी महीने में ही फ्लोरिडा हाई स्कूल में 17 लोगों की गोली मारकर हत्या कर देने के बाद जनता आक्रोशित हो उठी थी। जिसके बाद अमेरिका में वर्ष 2018 , 25 मार्च को 800 से ज्यादा जगहों पर 10 लाख से अधिक लोगों ने बंदूक नियंत्रण के कड़े कानूनों की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किये। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के स्कूलों और सार्वजानिक जगहों पर होते हिंसक रक्तपात की खबरों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे कि अमेरिका में आखिर बंदूक कानून इतने लचीले क्यों हैं कि वे मानवता पर संकट प्रतीत होने लगे हैं? इस तरह की घटनाओं का बड़ा कारण अमेरिका का गन एक्ट है। 

कहा जाता है हिंसा या अहिंसा दोनों ही बचपन से हम सीखना शुरू कर देते हैं। अमेरिकी बचपन ही हिंसक हो गया है और हिंसा की ओर बढ़ चुका है। हिंसा का यह कोई पहला वाक्या नहीं है अमेरिका में कई बार इस तरह गोलीबारी की घटनाएं होती आई हैं। वर्ष 2018 में अमेरिका के ही राज्य टेक्सास में एक स्कूल में गोलीबारी से दस लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। कई लोग उस घटना के वक्त घायल भी हुए थे। सबसे चिंता में डालने वाली बात यह थी कि घटना को अंजाम देने वाला कोई आतंकवादी नहीं बल्कि एक 17 वर्षीय छात्र था जिसने इस भयानक कांड को अंजाम दिया। अनेक बार अमेरिकी स्कूलों और सार्वजानिक जगहों पर होती हिंसा की घटनाओं ने अमेरिकी अख़बारों में एक विशेष जगह बना ली है। 

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