कोरोना वायरस महामारी के बीच अमेरिका सहित कई देशों की कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चीन से भारत शिफ्ट करना चाहती हैं। अमेरिकी कंपनी ऐपल ने भी अपने प्रोडक्शन यूनिट को चीन से भारत ले जाने की बात की है। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना महामारी के मध्य चीन से अमेरिका में लौटने की जगह अब भारत और आयरलैंड जैसे देशों में अपनी उत्पादन इकाई को ले जाने से रोकने के लिए ऐपल जैसी अमेरिकी कंपनियों पर अब नए कर लगाने की धमकी दी है।
फॉक्स बिजनेस न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा अमेरिका में कंपनियों के उत्पादन इकाइयों को वापस लाने के लिए ये निर्णय लिया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐपल कंपनी कह रही है कि अब वे भारत में अपनी उत्पादन इकाई ले जाने वाली हैं। वे चीन से हटकर कुछ उत्पादन भारत में करने जा रहे हैं।
ट्रंप ने कहा, ”एपल ने कहा है कि अब वे भारत जाने वाले हैं। वे चीन से हटकर कुछ उत्पादन भारत में करने जा रहे हैं। अगर वे करते हैं, तो आप समझ लीजिए कि हम एपल को थोड़ा सा झटका देंगे क्योंकि वे एक ऐसी कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो हमारे द्वारा किए गए व्यापार सौदे का हिस्सा थी। इसलिए यह एपल के लिए थोड़ा अनुचित है, लेकिन हम अब इसकी इजाजत नहीं देंगे। अगर हम दूसरे देशों की तरह अपनी सीमाओं को बंद कर लेंगे, तो एपल अपने शत प्रतिशत उत्पादों को अमेरिका में ही बनाएगी।”
चीन से भारत जाना उचित नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इन कंपनियों को यह समझना होगा की वे सिर्फ चीन ही नहीं जा रही हैं, वे भारत और आयरलैंड जैसे देश में भी जा रही हैं। वे सभी जगह जा रही हैं इसलिए उन पर कर लगाना आवश्यक हो गया है। ट्रम्प ने आगे ये कहा कि ऐपल यदि चीन से निकलकर भारत में अपनी उत्पादन इकाई लगाता है तो ये उचित नहीं होगा। और हम इसकी अनुमति बिलकुल भी नहीं देंगे।
न्यूयार्क पोस्ट में खबर दी है कि ऐपल कंपनी अपने उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा चीन से हटाकर भारत में स्थापित करना चाहती है। आपको यह भी बता दे की चीन के वुहान शहर में घातक कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद चीन स्थित तमाम टेक कंपनियों की सप्लाई लाइन अस्त-व्यस्त हो गईं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि बात स्पष्ट है, जब वे प्रोडक्शन बाहर करते हैं तो उन पर टैक्स लगाना एक अच्छा उपाय है। हमें उनके लिए इससे ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें हमारे लिए यह करना होगा। ट्रंप ने कहा कि वह अपने उत्पादन को अमेरिका में वापस लाना चाहते हैं।
ट्रंप का कहना है कि जिस तरह दूसरे देश अपने कारोबार के संरक्षण के लिए बहुत से कदम उठाते हैं उसी तरह हमें भी अपने कारोबार और कंपनियों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाना है। देश में हमारी कंपनी का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो इसके लिए इस तरह के कदम उठाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त ट्रम्प चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध के दौरान उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर शुल्क बढ़ाने की धमकी दे चुका है।
चीनी मार्केट को अलविदा
गौरलतब है कि दुनिया के पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग हब चीन से कई कंपनियां अपना बोरिया बिस्तरा समेट सकती हैं। ये कंपनियां अपने लिए नए बाजार की तलाश में हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न मुश्किलों के बीच लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अधिकारियों से भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं।
बिजनस टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कम से कम 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में भारत में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से सक्रिय रूप से संपर्क में हैं। अगर बातचीत सफल होती है तो यह चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा और भारत के लिए सुनहरा मौका।