अमेरिकी सेना ने हाल ही में फ्लाइंग ग्रेनेड का फील्ड परीक्षण पूरा किया है। माना जाता है कि हेलीकॉप्टर जैसे पंख 20 किमी तक उड़ान भरने और दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं। आज तक, जब आमतौर पर किसी दुश्मन पर ग्रेनेड दागा जाता है, तो सैनिक ग्रेनेड की पिन निकालता है और उसे अपने हाथ से फेंक देता है, और कुछ ही सेकंड में ग्रेनेड फट जाता है और आसपास के क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। अब ये नए हथगोले भविष्य के युद्धों का भूगोल बदल सकते हैं।
इसमें ग्रेनेड के शीर्ष पर चार रोटर ब्लेड होते हैं। सैनिक अपने हाथों में ग्रेनेड पकड़कर रोटर को घुमा सकते हैं। जब रोटर पूरी गति से घूमने लगा तो ग्रेनेड हवा में फेंका गया। इस ग्रेनेड को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। यदि ग्रेनेड लक्ष्य को नहीं मारता है, तो वह वहीं लौट आता है जहां उसे फेंका गया था। तब समझा जाता है कि इसे जाल की मदद से पकड़ा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
ग्रेनेड का परीक्षण 7 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका के कैंप कैरोलिना में किया गया था। खास बात यह है कि इस ग्रेनेड के ट्रिगर को भी रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। यह ग्रेनेड एक तरह का ड्रोन 40 मॉड्यूलर क्वाडकॉप्टर है। इसका मतलब यह है कि एक बार विस्फोट हो जाने पर यह नष्ट हो जाता है, लेकिन मूल रूप से इसे आर्थिक रूप से किफायती कहा जाता है क्योंकि ग्रेनेड बनाने में इसकी लागत कम होती है। एक और फायदा यह है कि ग्रेनेड के बजाय इसका इस्तेमाल जासूसी, निगरानी, टोही मिशन और आईएसआर पेलोड के लिए किया जा सकता है।