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बस एक जानकारी पर दे रहा है अमेरिका 7.5 अरब रुपये !

अमेरिका

विश्व का सुपर पावर देश अमेरिका लगातार अपने अहम और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हो रैंसमवेयर हमलों को लेकर चिंतित हैं। अमेरिका का बाइडन प्रशासन इन साइबर अटैक के मास्टर माइंड को ढूंढ़ने में लगा हुआ है। यही कारण है कि अब उसने लगातार हो रहे हमले के पीछे किसका हाथ है इसका पता लगाने की ठान ली है। अमेरिका ने एलान किया है कि अगर कोई अमेरिका के ऊपर होने वाले साइबर अटैक में किसी विदेशी राष्ट्र की भूमिका की जानकारी देगा तो उसे अमेरिका एक करोड़ डॉलर तक का ईनाम देगा।

क्या होते हैं रैंसमवेयर हमले ?

हैकर्स द्वारा किसी कंप्यूटर या वेबसाइट प्रणाली को हैक कर लेने के बाद उसे वापस ठीक करने के एवज में हैकर्स एक बड़ी रकम की मांग करते हैं। रैंसमवेयर हमलों से बचने और उनपर रोक लगाने के लिए वाइट हाउस ने एक कार्यबल शुरू किया है। गुरुवार को अमेरिकी वित्त विभाग के फाइनेंशियल क्राइम्स एन्फोर्समेंट नेटवर्क द्वारा बताया गया कि क्रिप्टोकरंसी मनी लांड्रिंग नियंत्रण और रैंसमवेयर हमला करने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों, प्रौद्योगिकी कंपनियों और दूसरी कंपनियों का सहयोग लिया जाएगा।

अमेरिका दे चुका है रूस को चेतावनी

कुछ दिन पहले ही रैंसमवेयर हमलों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा रूस को चेतावनी दी गई थी। रैनसमवेयर हमले मिश्रित अपराध की श्रेणी में आते हैं। यह एक ऐसा अपराध माना जाता है जिसका विस्तार विभिन्न पुलिस एजेंसियों और कई मामलों में कई देशों तक है और इसमें कोई एक मुख्य अपराधी नहीं होता है। रैनसमवेयर हमले के साइबर अपराधियों को एक दूसरे की कोई पहचान नहीं होती है। इनका अलग-अलग नेटवर्क होता है जिससे कि यह आसानी से बच निकलते हैं।

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