अमेरिकी समाज दिनों दिन हिंसक होता जा रहा है। हर दिन अमेरिका के किसी न किसी शहर में हर दिन गोलीबारी की घटना आती रहती है। साल 1968 में जब पुलिस ने वियतनाम युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को पीटा था, तब प्रदर्शनकारियों ने कहा था ‘द होल वर्ल्ड इच वॉचिंग। दशकों बाद आज पूरा विवाद आज अमेरिका में बढ़ती नस्लीय हिंसा और मानवाधिकारों के हनन को वॉच करता नजर आ रहा है।
दरअसल अमेरिका में फायरिंग की घटनाओं का सिलसिला थमनें का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को बफेलो शहर के एक सुपरमार्केट में हुई अंधाधुंध फायरिंग के एक दिन बाद रविवार को भी अमेरिका से एसी ही खबर सामने आई है, जिसके बाद से लोग दहशत में हैं। इस बार फायरिंग की घटना दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक चर्च में हुई है। जानकारी के मुताबिक, एक बंदूकधारी ने चर्च के अंदर ताबड़तोड़ गोलीबारी की, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। इस घटना में 5 लोग घायल भी हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फायरिंग की यह घटना रविवार की दोपहर करीब 1:26 बजे लगुना वुड्स के जिनेवा प्रेस्बिटेरियन चर्च में हुई। फायरिंग के बाद चर्च में भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इसी दौरान एक युवक बंदूकधारी की गोली की चपेट में आ गया, जिसके बाद उसकी मौत गई। पुलिस ने जानकारी दी कि इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ लिया गया है। उसके पास से हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं।
वहीं रविवार को ही ह्यूस्टन के एक व्यस्त बाजार में हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हैरिस काउंटी के शेरिफ एड गोंजालेज़ ने बताया कि गोलीबारी दो पक्षों के बीच विवाद के बाद शुरू हुई, जिसमें पांच लोग शामिल थे। हालांकि, इस वारदात में किसी निर्दोष को कोई चोट नहीं पहुंची है।
अमेरिका में सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले 36 घंटो के दौरान अमेरिका में 3 हिंसक वारदात हुई है। पहले बीते शनिवार को न्यूयॉर्क के बफेलो शहर के एक सुपरमार्केट में गोलीबारी हुई, उसके बाद रविवार दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक चर्च में अंधाधुंध फायरिंग की घटना हुई। इसी दिन ह्यूस्टन के एक व्यस्त बाजार में भी गोलीबारी हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इन वारदातों को नस्लीय हिंसा के तौर पर देखा जा रहा है।