आतंकवादी संगठन घोषित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) पर तुर्की के 13 नागरिकों को अगवा करने और उत्तरी इराक में उनकी हत्या का आरोप लगा है। जबकि दूसरी तरफ पीकेके ने तुर्की के हवाई हमलों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाने के मंसूबे पाल रहे तुर्की को इराक में बड़ा झटका लगा है। कुर्दिश छापामार गुट PKK ने तुर्की के 13 सैनिकों और पुलिस अधिकारियों की उत्तरी इराक में एक गुफा के अंदर बेहद निर्मम तरीके से हत्या कर दी है। इन सभी सैनिकों को कुर्दिश वर्कर्स पार्टी या पीकेके के छापामारों ने मार दिया है। सैनिकों की हत्या से विपक्ष के निशाने पर आए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान बुरी तरह से भड़क उठे हैं और उन्होंने अमेरिका पर निशाना साधा है।
पीकेके के गुरिल्ला छापामार पिछले 3 दशक से तुर्की की सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इराक की सरकार ने बताया कि तुर्की के सैनिकों ने उत्तरी इराक में एक सैन्य कार्रवाई के दौरान गुफा से मारे गए सैनिकों के शव को बरामद किया है। तुर्की के 12 सैनिकों के सिर को काटा गया था, वहीं एक सैनिक के सिर में गोली मारी गई थी। इन सैनिकों की मौतों से तुर्की की राजनीति में तूफान आ गया है।
मुस्लिम देशों में खलीफा बनने की फिराक में लगे तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान और उनके राजनीतिक सहयोगियों इस हमले की निंदा की है, वहीं विपक्षी दलों ने सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों ने एर्दोगान से सवाल किया है कि सरकार क्यों अपने सैनिकों को रिहा कराने में असफल रही। साथ ही इन सैनिकों को छुड़ाने के लिए असफल सैन्य अभियान को चलाया।
उधर, पीकेके ने कहा है कि उसने तुर्की के सैनिकों की मौत तुर्की की सेना के हवाई हमले की वजह से हुई। बता दें कि 10 फरवरी से तुर्की की सेना ने सैन्य अभियान शुरू किया है। वहीं तुर्की के रक्षामंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि जैसे ही यह सैन्य अभियान शुरू हुआ पीकेके के कमांडर ने उनके बंधक सैनिकों की हत्या कर दी। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने सोमवार को अमेरिका पर कुर्द आतंकियों के समर्थन का आरोप लगाया है।
कुर्द विद्रोहियों द्वारा अपहृत तुर्की के 13 सैनिकों, पुलिसकर्मियों और नागरिकों के शव इराक के उत्तरी प्रांत स्थित में गुफाओं से तुर्की की सेना द्वारा बरामद किये जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने अमेरिका पर कुर्द आतंकियों के समर्थन का आरोप लगाया है।
राइज शहर में सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों को संबोधित करते हुए एर्दोआन ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसने बंधकों की हत्या की तो निंदा की लेकिन यह भी कहा कि अमेरिका इन मौतों की कड़ी निंदा करेगा अगर यह पुष्टि हो कि वे कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके (PKK) के हाथों मारे गए हैं।
पीकेके से संबद्ध सीरियाई कुर्दिश समूहों के संदर्भ में एर्दोआन ने कहा, ‘ क्या आप यह नहीं कहेंगे कि आप पीकेके, द वाईपीजी या द पीवाईडी का समर्थन करते हैं? आप उनके साथ हैं तथा यह बात बिल्कुल स्पष्ट है.’ तुर्की इन संगठनों को आतंकवादी संगठन मानता है जबकि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में यह संगठन अमेरिका के सहयोगी हैं।
एर्दोआन ने कहा, ‘अगर हम ‘नाटो’ में साथ हैं, और अगर हमें नाटो गठबंधन में बने रहना है तो आपको हमारे प्रति गंभीर होना होगा। यानी आप आतंकवादियों का पक्ष नहीं ले सकते। आपको हमारी तरफ होना पड़ेगा।
तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हामी अक्सोय ने कहा कि तुर्की ने अमेरिकी राजदूत डेविड सेटरफील्ड को विदेश मंत्रालय में तलब किया था। इस दौरान तुर्की ने अमेरिकी बयान पर कड़े शब्दों में अपनी नाराजगी जताई थी। पीकेके ने कहा, उसके खिलाफ तुर्की का हवाई ऑपरेशन इसके लिए जिम्मेदार पीकेके ने तुर्की के हवाई हमले को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस तनाव को लेकर अमेरिका ने भी चिंता जताई है। तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा कि तुर्की के सैनिकों ने उत्तरी इराक के गारा इलाके में एक गुफा में जाने पर 13 शव बरामद किए हैं। ये सभी यहां बंधक बनाए गए थे जिनमें से 12 को सिर में जबकि एक को कंधे पर गोली मारी गई।
बता दें कि तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पीकेके को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। वर्ष 1980 के दशक में तुर्की और पीकेके के बीच संघर्ष में 40 हजार से अधिक लोग मारे गए थे।