ब्राजील के अमेजन जंगल को ‘दुनिया के फेफड़े’ कहा जाता है। माना जाता है कि यहां की हरियाली से पूरी दुनिया को बीस फीसदी ऑक्सीजन मिलती है। बीते दो हफ्ते से इसमें भीषण आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। पर्यावरण से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता इस स्थिति के लिए राष्ट्रपति जेयर बोलसोनैरो को जिम्मेदार बता रहे हैं।
इस बीच ब्राजील के अमेजन वर्षावन में लगी आग को बुझाने के लिए विदेशी आर्थिक मदद लेने को ब्राजील एक शर्त पर राजी हो गया है।फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अपनी पत्नी ब्रिगित मैक्रों को लेकर ब्राजील राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो द्वारा की गई टिप्णणी से दोनों नेताओं के बीच अमेजन वर्षावन को लेकर शुरू हुआ विवाद पर भी ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह शर्त भी रखी है कि फ़्रांस के राष्ट्रपति पहले माफ़ी मांगे।
एक दिन पहले यानी कल ही उसने यह मदद लेने से मना कर दिया था। अब ब्राजील इस शर्त पर यह आर्थिक सहायता लेने के लिए तैयार हो गया है कि इस धन पर लातिन अमेरिकी देश का नियंत्रण हो।
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनैरो के प्रवक्ता ओटावियो रिगो बरोज ने कहा, ‘ब्राजील सरकार राष्ट्रपति के जरिए संगठनों और देशों से आर्थिक मदद लेने को तैयार है। उन्होंने कहा कि “आवश्यक बिंदु यह है कि यह पैसा, ब्राजील में प्रवेश करने पर, ब्राजील के लोगों के नियंत्रण में होगा। ”
इससे पहले ब्राजील ने जी-7 देशों की ओर से की गई मदद की पेशकश ठुकरा दी थी। राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ ओनिक्स लोरेन्जॉनी ने एक बयान में कहा था, ‘हम मदद की पेशकश की सराहना करते हैं, लेकिन शायद यह बेहतर होगा कि इन संसाधनों का इस्तेमाल यूरोप में पेड़ लगाने में किया जाए।