कोरोना महामारी के चलते पूरी दुनिया बेहाल है। इंसानी जानें खतरे में हैं। अलग से चैपट है। अब एक और नई आफत दस्तक दे रही है। यह आफत एक नए वायरस ‘डिजीज-एक्स’ के प्रसार की है। अफ्रीकी वायरस इबोला का पता लगाने वाले डाॅ. जीन जैक्स मुएंब तामफम ने इस वायरस की चेतावनी जारी की है। डाॅ तामफम के अनुसार ‘डिजीज-एक्स’ कोरोना से ज्यादा घातक है। कोरोना वायरस से बहुत तेजी के साथ फैलता है। इसका असर जल्दी महसूस होने लगता है।
नए वायरस से मरने वालों की संख्या इबोला की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत ज्यादा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार अमेरिकी टीवी चैनल से संपर्क में डाॅ. तामफम ने कहा, आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं, जहां नए वायरस बाहर आएंगे। ये वायरस मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे। कांगो के इगेंड में एक महिला मरीज को खून आने के साथ बुखार के लक्षण पाये गये हैं। इस मरीज की इबोला जांच कराई गई।
लेकिन यह निगेटिव आई है। डाॅक्टरों को डर है कि यह ‘डिजीज-एक्स’ की पहली मरीज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘डिजीज-एक्स’ महामारी अभी परिकल्पना है, लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही आएगी। इससे पहले डाॅ. तामफम की 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला तो कांगो के यामबूकू मशिन अस्प्ताल में अठ्ठासी मरीजों और अस्सी कर्मचारियों की मौत हो चुकी थी।