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America के बाद भारत में भी मंकी पॉक्स का खतरा

कोरोना का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। हालांकि कभी मामलों में कमी आ जाती है तो कभी यही मामले अचानक से बढ़ने लगते हैं। इस बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आयी है। जिसमें पता चल रहा है कि ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल और कनाडा के बाद अब अमेरिका में भी मंकी पॉक्स का एक केस सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि जो शख्स पीड़ित हुआ है, वो हाल ही में कनाडा से मेसाचुसेट्स लौटा था।

स्मॉल पॉक्स और चेचक से तो हर कोई परिचित होगा। कुछ इसी तरह मंकी पॉक्स भी है। मंकी पॉक्स को चेचक का ही एक हिस्सा माना जाता है। इस बीमारी पर एक्सपर्ट्स की राय मानें तो ये बीमारी काफी दुर्लभ है। लेकिन समय रहते अगर इलाज न हुआ तो यह गंभीर भी हो सकती है। बता दें कि फिलहाल इसका खतरा मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है।

वहीं, अगर बात करें कि ये बढ़ता कैसे है, तो बता दें कि अगर कोई व्यक्ति मंकी पॉक्स से संक्रमित है। ऐसे में अगर स्वस्थ्य व्यक्ति पीड़ित के पास जाता है तो वह भी इस वायरस के चपेट में आ सकता है। जानकारी के मुताबिक, यह आपके नाक, आंख और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। जो पीड़ित के घाव वाली जगह से निकलता है। इस बात का ध्यान दें कि ये वायरस केवल इंसान में ही नहीं, बल्कि बंदर, गिलहरी और कुत्ते में भी पाया जा सकता है। जिसके संपर्क में आने से आप भी इसके शिकार हो सकते हैं। वहीं, पीड़ित मरीज तकरीबन 7-21 दिनों तक इस वायरस से पीड़ित रहता है।

अब बात आती है कि आखिर इस वायरस को पहचाना कैसे जाए। ऐसे में इसके लक्षण के तौर पर जिस व्यक्ति में बुखार, सिर दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, कंपकंपी छूटना जैसी चीजें पायी जाती हैं। इसके अलावा जिनके चेहरे पर दाने उभरने लगे और शरीर के दूसरे हिस्से में भी उभरने लगे।

मंकी पॉक्स को लेकर CDC की रिपोर्ट सामने आयी है। जिसमें कहा गया है कि चेचक की वैक्सीन भी मंकी पॉक्स में कारगर है। ऐसे में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं अमेरिका के फूड एंड ड्रग एसोसिएशन की तरफ से साल 2019 में Jynneos वैक्सीन को मंजूरी मिली थी। लेकिन इस वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

 

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