काबुल। अफगानिस्तान में में बम धमाकों का सिलसिला थम नहीं पा रहा है। हर वर्ष देश में बम धमाके होते आए हैं। हाल के दो वर्षों के दौरान अफगानिस्तान पर कई आत्मघाती हमले हुए हैं। वर्ष 2018 में भी कई धमाके हुए तो साल 2019 में भी 5 लोगों की मौत और 50 के तकरीबन घायल हुए थे। सितंबर माह में 10 लोगों की जान गई थी और 50 घायल हुए थे। अप्रैल माह में भी 8 लोगों की मौत और 15 घायल हुए थे। अब अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में 7 जुलाई की सुबह पुलिस के काफिले को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती बम धामाके में पुलिस कमांडर सहित चार अधिकरियों की मौत हो गई। इसके अलावा देश के दक्षिण में हुए एक हमले में तीन अन्य पुलिस अधिाकारियों की मौत हो गई।
अफगानिस्तान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी के अनुसार, खेवा जिले के एक बाजार में हुए आत्मघाती बम धामाके में 11 लोग घायल भी हुए हैं। इस धमाके में नौ आम लोगों और सुरक्षा बलों के दो सदस्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मृतक कमांडर की पहचान मीर जमन के रूप में हुई। जमन के अंगरक्षक थे। दरअसल, अभी हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन अफगानिस्तान, विशेषकर नांगरहार में तालिबान और ‘इस्लामिक स्टेट समूह’ दोनों ही सक्रिय हैं।
मृतकों में राज्य परिषद के एक सदस्य अब्दुल्ला लाला जान भी शामिल थे जबकि उनके जन प्रतिनिधि पिता नूर आगा घायल हो गए थे। अफगानिस्तान जाबुल प्रांत के शिनकिया जिले में पुलिस के काफिले पर हुए हमले में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। इस हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार बताया गया है।