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अब अफगानी महिलाओं के पार्क में जाने पर रोक

पिछले साल अफगानिस्तान में छात्राओं के लिए माध्यमिक स्तर के स्कूल और विश्वविद्यालय तालिबान सरकार द्वारा बंद कर दिए गए थे। इन प्रतिबंधों के अलावा कई प्रतिबंध है जिन्होंने महिलाओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।  महिलाओं पर स्विमिंग पुल, पार्लर में जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कई महिला अफगान सहायता कर्मचारियों को काम करने से भी रोक दिया गया ।

हाल ही में तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं के लिए एक और नया फरमान सुनाया गया है। तालिबानी हुकूमत ने अब मध्य बामियान प्रांत में बंद-ए-अमीर नेशनल पार्क में महिलाओं के जाने पर रोक लगा दी है। बंद-ए-अमीर अफगानिस्तान के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। इस पार्क का हर साल हजारों लोग दौरा करते हैं। देश के मध्य बामियान प्रांत में नीलमणि-नीली झीलों और विशाल चट्टानों के नजारों का आनंद लेते हैं।

हाल ही में कार्यवाहक नैतिकता मंत्री मोहम्मद खालिद हनाफी ने सुरक्षा बलों से महिलाओं को पार्क में प्रवेश करने से रोकने के लिए कहा है। हनाफी के कहने अनुसार महिलाओं के लिए दर्शनीय स्थलों की यात्रा करना जरूरी नहीं है। हनाफी ने तालिबान सुरक्षाबलों और बामियान प्रांत के बुजुर्गों से पार्कों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लागू करने में सहायता करने की अपील की है । साथ ही तालिबान के निर्देशों की अवहेलना करने वाले लोगों ,हिजाब नियमों का पालन न करने वाली महिलाओं की भी आलोचना की है। बंद-ए-अमीर उद्यान में महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा तब की गई जब  मंत्री हनाफी ने शिकायत की कि पार्क में आने वाली महिलाएं हिजाब पहनने के उचित तरीके का पालन नहीं कर रही हैं।

 

पार्लर से लेकर स्कूल तक पर प्रतिबंध

 

जुलाई में नैतिकता मंत्रालय द्वारा एक महीने के भीतर ब्यूटी सलून को बंद करने का आदेश दिया गया था। गौरतलब है कि वर्ष 2001 में तालिबान के सत्ता से हटने के बाद काबुल और अन्य अफगान शहरों में ब्यूटी सलून खुल गए थे। करीब दो दशक बाद साल 2021 में तालिबान दोबारा सत्ता में आया, उस दौरान भी कई सलून खुले रहे। इससे एक ओर जहां कई महिलाओं को नौकरियां मिल रही थीं वहीं उनके ग्राहकों को भी सुविधाएं मिल रही थीं।  प्रतिबंधों के कारण कई महिला अफगान सहायता कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया गया । इसके अलावा , स्कूल , विश्वविद्यालय, स्नानघर, जिम और पार्क सहित कई सार्वजनिक स्थान महिलाओं के लिए बंद कर दिए गए हैं।

पश्चिमी देशों समेत अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तालिबान को कई संकेत दिए हैं। महिलाओं पर लगातार प्रतिबंध लगाने से तालिबान प्रशासन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने में बाधा आ सकती है। लेकिन तालिबान का कहना है कि वह इस्लामी कानून और अफगान रीति-रिवाजों  के अनुसार महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करता है। लेकिन अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के हनन को देखते हुए ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने अफगान महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों की बढ़ती सूची पर चिंता जताई है। एचआरडब्ल्यू की हीदर बर्र ने कहा कि अफगान महिलाओं और लड़कियों पर तालिबान के दमन को रोकने के लिए दुनिया को अब एकजुट होना चाहिए।

यह भी पढ़ें : ब्यूटी पार्लर बंद करने के विरोध में अफगानी महिलाओं का प्रदर्शन

 

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