दुनिया के जाने-माने अरबपति जार्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में नरेंद्र मोदी पर भारत को ‘हिन्दू राष्ट्रवादी देश’ बनाने का आरोप लगाया है। वार्षिक वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक दावोस में हो रही है।
सोरोस ने ये भी कहा, “मोदी ने एक मुस्लिम बहुल अर्ध-स्वायत कश्मीर पर दंडात्मक उपाय किए, और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।” सोरोस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत में विवादित सीएए को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है।
ब्रिटेन की मैगज़ीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ में भी भारत में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर तीखा हमला बोला गया है। मैगज़ीन के कवर पेज को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है।
बीते गुरुवार को द इकोनॉमिस्ट ने कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा था कि नरेंद मोदी कैसे भारत के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। कवर पेज पर कंटीली तारों के मध्य बीजेपी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल दिख रहा है।
How India's prime minister and his party are endangering the world's biggest democracy. Our cover this week https://t.co/hEpK93Al11 pic.twitter.com/4GsdtTGnKe
— The Economist (@TheEconomist) January 23, 2020
मैगज़ीन ने अपने लेख में लिखा है कि ऐसा लग रहा है जैसे पीएम मोदी भारत को एक सहिष्णु और बहु-धार्मिक देश की ओर से उग्र-हिंदुत्व राज्य की ओर ले जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी भले ही सरकार की नीतियों से चुनाव जीत जाएं। लेकिन यह देश के लिए राजनीतिक जहर से कम नहीं होगा। मैगज़ीन में सीएए के लागू होने को लेकर देश में खूनी संघर्ष होने की चेतावनी भी दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन का आरोप लगाते हुए मैगज़ीन के टाइटल में लिखा गया है, भारत के 20 करोड़ मुसलमान डरे हुए हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री हिन्दू राष्ट्र के निर्माण में लगे हुए हैं।
लेख में 80 के दशक में राम मंदिर के आंदोलन के साथ बीजेपी के शुरुआत की भी चर्चा की गई है। जिसमें तर्क दिया गया है कि संभावित तौर पर मोदी और उनकी पार्टी को धर्म के चलते और राष्ट्रीय पहचान के आधार पर विभाजन से लाभ मिला है।