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दुनिया भर में 488 मीडिया पेशेवर जेलों में कैद

दुनिया भर में लोक हित के लिए आवाज़ बुलन्द करने वाले पत्रकारों को सभी स्थानों पर बहुत जोखिम का सामना करना पड़ता है। पिछले कई सालों से पत्रकारों की हत्या और उनके उत्पीड़न का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे देश में पिछले कुछ वर्षों से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार हमले हो रहे है। सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर से ऐसी खबरें आ रही हैं।

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के 488 पत्रकारों का उत्पीड़न अब भी जारी है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ)द्वारा ये रिपोर्ट पेश की गई है।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया है कि दुनियाभर में 488 पत्रकार हिरासत में हैं। बताया जा रहा है 25 साल में यह संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं भारत में भी मीडिया की हालत बेहद खराब स्तर पर है। रिपोर्ट में इस पर प्रकाश डाला गया है । रिपोर्ट में भारत को मीडिया के लिए विश्व में पांचवा सबसे खतरनाक देश कहा गया है।

आरएसएफ के मुताबकि, भारत में इस साल 4 पत्रकारों की मौत हुई है।  गौरतलब है कि भारत में पिछले पांच सालों में 18 पत्रकारों की जान गई है।  विश्व में पत्रकारों के लिए सबसे असुरक्षित देश मैक्सिको को बताया गया है। यहां एक साल में 7 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई है।

रिपोर्ट में दुनियाभर में महिला की स्थिति कभी उल्लेख किया गया है।  रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व में 60 महिला पत्रकार इस समय जेल में हैं।

चीन में 127 पत्रकार जेल में है तो वहीं म्यांमार में 53, वियतनाम में 43, बेलारुस में 32 और सऊदी अरब में 31 पत्रकार हिरासत में है।

 

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