जी हां पिछले कुछ ही दिनों में दुनियां की कई पफाइनेंशियल कंपनियों और क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज से लगभग चौदह खरब रुपयों यानी दो अरब अमेरिका डाॅलर लूट लिए गए हैं। इससे भी ज्यादा चैकाने वाली बात यह कि इस महाडकैती की किसी गिरोह या जालसाज ने अजाम नहीं दिया बल्कि हाई एड़ तकनीक की मदद से यह काम उत्तर कोरिया की सरकार ने अपने मिसाइल कार्यक्रम को जारी रखने की नीयत से किया है। विश्व के अब तक के सबसे बड़े इस साइबर हमले की पृष्टि स्वयं सयुंक्त राष्ट्र की एक रिर्पोट से सामने आई है। जानकारो की माने तो इस साइवर क्राइम से अमेरिका व अन्य विकसित देशों में भारी खलबली मच गई है। करीब 35 ऐसे साइबर क्राइम हुए हैं जिसके जरिए 2 अरब डाॅलर विभिन्न बैकों से गायब है। आशंका जताई जा रही है कि नार्थ कोरिया अपने मिसाइल कार्यक्रम इसी लूट के जरिए कर रहा है। मंगलवारए 6 अगस्त को ही नार्थ कोरिया ने दो मिसाइल दागे हैं। यह पिछले पंद्रह दिनों में उसका चैथा मिसाइल परीक्षण है।
2 अरब डाॅलर की लूट
