अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लाइड की मौत के बाद इतना ज्यादा हंगामा हुआ था कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को संभालना मुश्किल हो गया था। फ्लाइड की मौत के बाद देश-दुनिया में अमेरिका की काफी किरकिरी हुई थी। क्योंकि अमेरिका जो खुद को लोकतंत्र का मसीहा कहता है औऱ ह्यूमन राइट का सबसे बड़ा समर्थक समझता है वहां इस घटना के बाद इतना बवाल हुआ कि अमेरिकी पुलिस इसके निशाने पर आ गई थी। लेकिन अब जॉर्ज फ्लाइड के परिवार और मेनेपोलिस की सिटी काउंसिल के बीच समझौता हो गया है। समझौता 196 करोड़ के में हुआ। अब सिटी काउंसिल जार्ज के परिवार को 196 करोड़ रूपए का भूगतान करेगा। लेकिन इस मामले में शामिल पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन के खिलाफ मामला चलता रहेगा।
समझौते को लेकर सिटी काउंसिल ने जार्ज के परिवार से निजी तौर पर मुलाकात की, इसके बाद वे सार्वजनिक सत्र के लिए आए और फिर सर्वसहमति से इस धनराशि के समर्थन में वोट किया। वहीं जॉर्ज के परिवार के वकील ने इस समझौते को नागरिक अधिकारों के दावे के लिए सबसे बड़ा समझौता करार दिया। जार्ज के परिवार ने जुलाई में मिनेपोलिस प्रशासन के खिलाफ संघीय नागरिक अधिकारों के उल्लंघन को लेकर दायर किए गए मामले के परिणामस्वरुप हुआ है। फ्लॉयड के भाई रोडनी ने कहा कि समझौता से संदेश साफ है कि हम ऐसी घटनाएं बंद करना शुरू करें।
वहीं फ्लाइड की मौत के लिए एक ज्यूरी बनाई गई है। जिसमें छह लोग शामिल है, इनमें से एक अधिकारी ऐसे भी है जिन्होंने कहा कि चौविन को लेकर उनके मन में नकारत्मक छवि है। जज ने फ्लाइड की मौत में शामिल चौविन के खिलाफ थर्ड डिग्री आरोप तय किए है। बतां दे जार्ज फ्लॉइड को मेनेपोलिस ने भ्रष्ट्राचार के मामले में गिरफ्तार किया था, पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन ने जॉर्ज को सड़क पर दबोचा था, और उसकी गर्दन को अपने घुटने से काफी देर तक दबाए रखा था। घटना का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। हालांकि पुलिस से जार्ज गुहार लगाते रहे कि उनको सांस लेने में कठिनाई हो रही है। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। जब दोबारा जॉर्ज को उठाया गया तो वह नहीं उठे, उसके बाद उसे अस्पताल लेकर जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई थी। जॉर्ज की मौत के बाद लोग सड़कों पर उतरने लगे और कई शहरों में जमकर हंगामा हुआ था। रंगभेद का मामला अमेरिका में फिर से उठने लगा था। हालांकि बाद में सबकुछ पुलिस ने शांत कर दिया था।