अमेरिका के राष्ट्रपति का एक बयान जो निश्चित तौर पर दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव को बढ़ाएगा। आज अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने ट्विटर एकाउंट से आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा विनिमय की दर में उलट फेर करने वाला देश घोषित कर दिया।
इसके पहले भी अमेरिका के एक सांसद ने चीन की मुद्रा की विनिमय दर को लेकर वहां की सरकार की तरफ से उठाये जा रहे कदमों पर चिंता जतायी थी।उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील भी किया था कि वह चीन को ‘विनिमय दर की हेराफेरी करने वाला देश’ घोषित करें।
अमेरिकी डॉलर की तुलना में चीनी युआन की विनिमय दर में गिरावट को लेकर चिंता जताते हुए सीनेटर टैमी बाल्डविन ने ट्रंप को लिखे पत्र में कहा था कि अमेरिकी सरकार के शुल्क लगाने की कार्रवाई के बाद से डॉलर के मुकाबले चीनी यूआन की विनिमय दर 9 फीसदी नीचे आयी है। ट्रंप को पत्र लिखकर बाल्डविन ने उन्हें अपना चुनावी वादा याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सरकार में आने के पहले ही दिन चीन को मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला देश घोषित करेंगे।उन्होंने यह पत्र छह महीने पर जारी होने वाली रिपोर्ट से पहले लिखा।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की चिंता है कि चीन के खिलाफ विनिमय दर में गड़बड़ी करने और विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करने का मामला बनता है। मैं आपसे आगामी रिपोर्ट में अपना वादा पूरा करने और चीन का नाम विनिमय दर में हेराफेरी करने वालों की सूची में डालने का आग्रह करता हूं।
सोमवार को युआन ने 2008 के बाद पहली बार 7 प्रति डॉलर के स्तर को पार किया। जिस पर ट्रंप ने अपने ट्वीट में चीन पर मुद्रा में हेरफेर करने का आरोप लगाया है।
अमेरिका के ट्रेज़री विभाग ने मुद्रा विनिमय में हेरफेर को परिभाषित करते हुए कहा कि
“अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने के लिए चीन अपनी मुद्रा और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर को जानबूझकर प्रभावित करता है क्योंकि एक कमजोर चीनी युआन, चीनी निर्यात को अधिक बढ़ाता है।”