दुनिया की अलग-अलग टेक्नोलॉजी में काम कर रहे एलॉन मस्क न केवल स्पेसएक्स बल्कि टेस्ला और ट्विटर जैसी कंपनियों के मालिक भी हैं वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी काफी रूचि रखते हैं। मस्क एक और कंपनी के मालिक हैं, इस कंपनी का नाम ‘न्यूरालिंक’ है। न्यूरल इंटरफेस टेक्नोलॉजी वाली ये कंपनी इन दिनों अपने आविष्कार के कारण काफी चर्चा में है। इस कंपनी के द्वारा एक ऐसी चिप बनाई गई है, जिसे लोगों को दिमाग में लगाया जा सकेगा। इससे इंसानों की डिसेबिलिटी को दूर करने में सहायता मिलेगी। यह चिप न केवल इंसानों पर बल्कि जानवरों और परिंदों पर भी काम कर सकेगी जिसके द्वारा हमें उनके दिमाग के चल रहे विचारों का और वह क्या बोल रहे हैं, क्या करने वाले हैं सब बातों का पता लगाया जा सकेगा और जानवरों को इंसानों की तरह काम करने और समझने की छमता भी मिल सकेगी। जिन व्यक्तियों में यह चिप लगाई जाएगी वह बिना बोले एक दूसरे से बातचीत कर पाएंगे।
इस चिप का सुर्ख़ियों में होने की खास बात ये है कि मस्क खुद इस चिप को अपने दिमाग में लगवाने जा रहे हैं। इस संदर्भ में ‘न्यूरोलिंक’ से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आ चुका है, इसमें एक बंदर अपने दिमाग की सहायता से टाइपिंग करता दिख रहा है। मस्क की यह कंपनी लंबे वक्त से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है।
क्या है न्यूरोलिंक चिप?
ये एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड माइक्रो चिप है, जो दिमाग की एक्टिविटी को रिकॉर्ड और रीड भी कर सकती है। जिसकी सहायता से लोगों की डिसेबिलिटी को दूर करने में मदद मिलने वाली है। इस चिप की सहायता से एक पैरालाइजड शख्स अपने दिमाग का इस्तेमाल कर स्मार्टफोन यूज कर सकेगा। इस चिप को इस्तेमाल करने वाले लोग अपने हाथ से अधिक तेजी से दिमाग की मदद फोन यूज कर सकेंगे। मस्क की कंपनी ने इस टेक्नोलॉजी के बारे में वर्ष 2016 में काम करना शुरू किया था । जो अब पूरा होता दिख रहा हैं बीच बीच में इस टेक्नोलॉजी की कुछ डिटेल्स सामने आती रही हैं। न्यूरालिंक ने उदाहरण के तोर पर यह भी दिखाया कि कैसे एक बंदर अपने हाथों का इस्तेमाल किए बिना ही पिंग पोंग गेम खेलने में लगे हुए है।
क्या कर सकती है ये चिप?
कंपनी का इस बारे में कहना है कि चिप आपके दिमाग में आने वाले विचार को पढ़ने वाली है। यहां तक की जिसके दिमाग में ये चिप लगी होगी, वो शख्स बिना कुछ बोले न केवल जानवरों और परिंदों से अपितु मशीनों से भी बातचीत कर पाएंगे। फिलहाल इसकी मदद से यूजर्स स्मार्टफोन और कम्प्यूटर जैसे बेसिक डिवाइसेस को कंट्रोल कर सकेंगे।
इसके बारे में बताते हुए मस्क ने इस बारें में बोला है कि ‘हम इसे लेकर बेहद सावधानी बरतते रहे है कि किसी इंसान के दिमाग में लगाए जाने से पहले ये ठीक तरह से काम करे। अगले 6 माह में हम किसी इंसान के दिमाग में न्यूरोलिंक इंस्टॉल कर पाएंगे। कंपनी की मानें तो ये टेक्नोलॉजी पैरालाइज, नेत्रहीन, मेमोरी लॉस और न्यूरो संबंधित समस्याओं में लोगों की मदद करने वाली है।
मस्क के दिमाग में लगेगी चिप?
वैसे तो इस पर मस्क ने साफ-साफ कुछ नहीं कहा है, लेकिन अपना इंटरेस्ट जरूर दिखा दिया है। ऐश्ली वेन्स के एक ट्वीट के रिप्लाई में उन्होंने ये जानकारी दी है। यानी मस्क ने अपने दिमाग में ऐसे एक चिप को इम्प्लांट कराने की बात भी बोला है। यूजर ने ट्विटर पर लिखा, ‘एलॉन ने एक ब्रेन इम्प्लांट का संकल्प भी ले लिया है। उन्होंने कहा कि वह डेमो के दौरान एक चिप अपने दिमाग में लगवाएंगे। चूंकि अभी इसके रिजल्ट सामने नहीं आए हैं, इसलिए अभी उन्होंने चिप इम्प्लांट नहीं कराया है।’