गाजा पट्टी में हाल ही में घोषित युद्धविराम अधिक समय तक स्थिर नहीं रह सका और क्षेत्र में फिर से हिंसा भड़क उठी है। इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम के बावजूद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया, जिससे युद्धविराम टूट गया और गाजा पट्टी में हिंसक घटनाएं फिर से शुरू हो गई हैं।
गौरतलब है कि युद्धविराम के दौरान अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी, लेकिन अचानक से इजराइल ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले शुरू कर दिए। ताजा हमलों में अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत होने की खबर है।
इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गाजा पट्टी में हमास के प्रधानमंत्री इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस को मार गिराया है। आईडीएफ ने उनकी मौत की पुष्टि की है। इसके अलावा, इजराइल ने गाजा में जमीनी हमले फिर से शुरू कर दिए हैं।
आईडीएफ ने गाजा के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में टैंक और सैनिकों को तैनात किया है, जिसका उद्देश्य उत्तरी और दक्षिणी गाजा के बीच एक बफर जोन बनाना और इजराइल की सुरक्षा क्षेत्र का विस्तार करना है।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ये हमले केवल शुरुआत हैं और जब तक हमास का पूर्णतः खात्मा नहीं हो जाता और सभी बंधक रिहा नहीं हो जाते, तब तक इजराइल पीछे नहीं हटेगा।
इन हमलों के परिणामस्वरूप गाजा में भारी जनहानि हुई है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। हमास ने इन हमलों को संघर्ष विराम का उल्लंघन बताते हुए विरोध प्रदर्शन की मांग की है। इजराइल ने गाजा के नागरिकों से अपील की है कि वे हमास के आतंकवादियों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल का निशाना हमास के आतंकवादी हैं, न कि फिलिस्तीनी नागरिक।
युद्धविराम के टूटने के पीछे कई कारण हैं जिनमें बंधकों की रिहाई से सम्बंधित शर्तें, क्षेत्रीय तनाव और राजनीतिक मतभेद शामिल हैं। इस हिंसा के पुनरारम्भ से गाजा पट्टी में मानवीय संकट और बढ़ सकता है, जिससे निर्दोष नागरिकों की जान को खतरा है और क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
गाजा पट्टी में हालिया संघर्ष विराम के टूटने और इजराइल-हमास के बीच फिर से हिंसा भड़कने पर विश्व नेताओं ने विभिन्न प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा कि ‘इजराइल ने हमले करने से पहले अमेरिकी प्रशासन से परामर्श किया था। हमास युद्ध विराम को बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन इसके बजाय उसने इनकार और युद्ध का विकल्प चुना।’ जाॅर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने गाजा के विस्थापन के प्रति अपना विरोध दोहराया है। उन्होंने कहा ‘फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना पुनर्निर्माण करना और भयानक मानवीय स्थिति को सम्बोधित करना सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।’
तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने संघर्ष विराम समझौते को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान के लिए तुर्की के समर्थन को दोहराया।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वाॅन डेर लेयेन ने कहा है कि ‘यह पूरे क्षेत्र में उम्मीद लेकर आया है, जहां लोगों ने बहुत लम्बे समय से भारी दुख सहा है।’ उन्होंने दोनों पक्षों से इस समझौते को पूरी तरह से लागू करने की अपील की।
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गाजा पट्टी में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए चिंतित है और सभी सम्बंधित पक्षों से संयम और संवाद की अपील कर रहा है।