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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके परिणामस्वरूप ‘वाॅइस ऑफ़ अमेरिका (वीओए) की मूल एजेंसी, यूएस एजेंसी फाॅर ग्लोबल मीडिया के साथ अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं। इस निर्णय के कारण वीओए के लगभग 1,300 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया है, जिससे इसकी प्रसारण सेवाएं प्रभावित हुई हैं तथा इस मीडिया संस्थान से जुड़े कई चैनलों ने समाचार प्रसारण बंद कर दिया है, और उनकी जगह संगीत कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। ट्रम्प द्वारा वाॅइस ऑफ़ अमेरिका और अन्य सरकारी मीडिया प्रसारकों को कमजोर करने का निर्णय चीन के लिए एक वरदान साबित हो सकता। इससे चीन को अपनी प्रचार मशीनरी को और मजबूत करने, अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रभाव को कम करने और अपने नागरिकों को बाहरी दुनिया से कटे रहने का एक बड़ा अवसर मिल सकता है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन अमेरिकी मीडिया नीति में बड़े बदलावों के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा वाॅइस ऑफ़ अमेरिका (वीओए) और इससे जुड़े अन्य प्रसारकों को समाप्त करने या कमजोर करने की नीति चीन में खुशी का कारण बन रही है। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप ‘वाॅइस ऑफ़ अमेरिका’ (वीओए) की मूल एजेंसी, यूएस एजेंसी फाॅर ग्लोबल मीडिया (यूएसएजीएम) के साथ अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं। इस निर्णय के कारण वीओए के लगभग 1,300 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया है, जिससे इसकी प्रसारण सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस कदम के परिणामस्वरूप, वीओए के कई चैनलों ने समाचार प्रसारण बंद कर दिया है और उनकी जगह संगीत कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। वरिष्ठ सम्पादकों को भी काम रोकने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे वैश्विक समाचार कवरेज बाधित हुआ है।

ट्रम्प प्रशासन के समर्थकों का मानना है कि ये प्रसारण संस्थान अप्रासंगिक हो चुके हैं और इन पर खर्च किया जाने वाला धन व्यर्थ है। दूसरी ओर आलोचकों का कहना है कि इन संस्थानों को बंद करने से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय समाचार प्रसारण क्षमता कमजोर होगी, जिससे विदेशी प्रचार का मुकाबला करने में कठिनाई हो सकती है। इस प्रकार राष्ट्रपति ट्रम्प ने सीधे तौर पर ‘वाॅइस ऑफ़ अमेरिका’ को बंद करने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन उनकी मूल एजेंसी के साथ अनुबंध रद्द करने और बजट में कटौती के कारण वीओए की संचालन क्षमता गम्भीर रूप से प्रभावित हुई है।

वाॅइस ऑफ़ अमेरिका और इसकी भूमिका

वाॅइस ऑफ़ अमेरिका (वीओए) 1942 में स्थापित एक अमेरिकी सरकारी मीडिया नेटवर्क है, जो दुनिया भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उन देशों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाना है, जहां स्वतंत्र मीडिया पर प्रतिबंध होता है। चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों में वीओए एकमात्र भरोसेमंद सूचना स्रोत रहा है। इसके तहत रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) और रेडियो फ्री यूरोप (आरएफई) जैसे अन्य प्रसारण नेटवर्क भी संचालित होते हैं, जो सेंसरशिप से ग्रस्त देशों में सत्यता की आवाज पहुंचाने का कार्य करते हैं।

ट्रम्प प्रशासन की नीति और इसके पीछे की मंशा

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान वीओए और उससे जुड़े संस्थानों को लेकर कई बार असंतोष व्यक्त किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे से चलने वाला यह संस्थान ‘अमेरिका विरोधी’ एजेंडा चला रहा है। अपने दूसरे कार्यकाल में उनकी सरकार ने इन मीडिया संस्थानों के बजट में कटौती करने और उन्हें कमजोर करने के संकेत दिए हैं। ट्रम्प प्रशासन की प्राथमिकता घरेलू एजेंडा था, और वे अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रसारण को गैर-जरूरी मानते थे। ट्रम्प ने आरोप लगाया है कि वीओए उनके प्रशासन की नीतियों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं कर रहा था। ट्रम्प प्रशासन द्वारा वीओए को लेकर कठोर रुख पर चीन खासा खुश है। चीन के सरकारी मीडिया ने इसका स्वागत किया। दूसरी तरफ ‘ग्लोबल टाइम्स’ और ‘पीपुल्स डेली’ जैसे अखबारों ने इसे अमेरिका की गिरती हुई शक्ति और भ्रमित मीडिया नीति का संकेत करार दिया है। चीन के सरकारी विशेषज्ञों ने इसे
अमेरिकी लोकतंत्र की विफलता के रूप में प्रस्तुत किया है।

ट्रम्प की चीन नीति में कई बार उतार-चढ़ाव आया है। कभी वे चीन विरोधी नीति अपनाते हैं तो कभी अप्रत्यक्ष रूप से उसे लाभ पहुंचाने वाले कदम उठाते हैं। ट्रम्प प्रशासन द्वारा वीओए को कमजोर करने या समाप्त करने का निर्णय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए एक बड़ी जीत की तरह देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि वाॅइस ऑफ़ अमेरिका और चीन के उइगर मुस्लिमों और तिब्बती समुदायों पर हो रहे अत्याचारों की खबरें लगातार प्रसारित करता रहा है। यदि यह संस्थान कमजोर होता है, तो चीन को इन मुद्दों को दबाने का एक और अवसर मिल जाएगा।

डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वाॅइस ऑफ़ अमेरिका और अन्य सरकारी मीडिया प्रसारकों को कमजोर करने का निर्णय चीन के लिए एक वरदान साबित हो सकता। इससे चीन को अपनी प्रचार मशीनरी को और मजबूत करने, अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रभाव को कम करने और अपने नागरिकों को बाहरी दुनिया से कटे रखने का एक बड़ा अवसर मिल सकता। ट्रम्प की इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका की साॅफ्ट पावर को कमजोर करने वाले फैसलों का सीधा लाभ चीन जैसी अधिनायकवादी सरकारों को मिलता है।

उल्लेखनीय है कि चीन में सरकारी मीडिया का एकाधिकार है और सभी समाचार एजेंसियां सरकार के नियंत्रण में काम करती हैं। वीओए और आरएफए जैसे प्रसारक वहां उन लोगों के लिए सत्यता की एकमात्र किरण थे जो कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार से परे जाकर सच्चाई जानना चाहते थे। यदि यह स्रोत बंद हो जाता है, तो चीन के नागरिक केवल सरकार द्वारा अनुमोदित खबरों पर ही निर्भर रह जाएंगे। वीओए का उद्देश्य केवल समाचार देना ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना भी है। इसके कमजोर होने से चीन को अपनी एकदलीय शासन प्रणाली को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा, क्योंकि बाहरी लोकतांत्रिक आवाजें वहां तक नहीं पहुंचेंगी।

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