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Uttarakhand

उत्तराखण्ड में निवेश क्रांति की बयार

आठ-नौ दिसंबर के दो दिन उत्तराखण्ड के इतिहास में निवेश क्रांति के सबसे बड़े करार का गवाह बने। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में उद्यमशीलता बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के अथक प्रयासों के सकारात्मक नतीजे सामने आने शुरू हो गए हैं। धामी के देश और विदेशों में किए गए रोड शो के बाद देहरादून के एफआरआई ग्राउंड में ‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023’ में उद्योगपतियों का जो मेला लगा वह विकास की नई इबारत रचने की नींव रख गया। समिट के शुभारंभ में निवेशकों को प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी और समापन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सुरक्षित निवेश का दावा इतना भाया कि सीएम धामी का यह मिशन लक्ष्य को लांघते हुए साढ़े तीन लाख करोड़ के करार को पार कर गया। दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तराखण्ड के वर्तमान बजट 88,728 से करीब 4 गुना ज्यादा यानी 3 लाख 52 हजार करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए हैं। जिस दिन साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतरेगा निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड के विकास को पंख लग जाएंगे। इस समिट ने प्रदेश में नई पीढ़ी के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो उधमिता से लेकर रोजगार सृजन की नई संभावनाएं ‘वाइब्रेट उत्तराखण्ड’ के रूप में सामने आ सकती है

‘विदेशों में जाकर शादी करना हमारे देश के धन्नासेठों के लिए फैशन बन गया है। मैं देश के धन्नासेठों को कहना चाहता हूं कि जब जोड़े ईश्वर बना रहा है तो जोड़ा अपने जीवन की यात्रा की शुरुआत उस ईश्वर के चरणों में आने की बजाय विदेश में जाकर क्यों करता है। मैं चाहूंगा कि आप कुछ इन्वेस्टमेंट करें न करें अगले 5 साल में आपके परिवार की एक डेस्टिनेशन वेडिंग उत्तराखण्ड में जरूर करें। अगर एक साल में 5 हजार भी शादी यहां होने लगे तो नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा। उत्तराखण्ड दुनिया के लिए बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन जाएगा। मैं चाहता हूं देश के नौजवानों को ‘मेक इन इंडिया’ की तरह ‘वेड इन इंडिया’ मूवमेंट चलाना चाहिए।’ यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। वे देहरादून में ‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। मेरे तीसरे कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तीसरे पायदान पर होगी। स्थिर सरकार, एक सहायक नीति प्रणाली, सुधार और परिवर्तन की मानसिकता और विकास में विश्वास का संयोग पहली बार बना है। उन्होंने देश और दुनिया से आए निवेशकों और प्रतिनिधियों का आह्नान किया कि यह देश, कंपनियों और निवेशकों के लिए अभूतपूर्व समय है। लिहाजा उत्तराखण्ड के साथ चलें और इसकी विकास यात्रा में भाग लें।

PM visits an exhibition during ‘Uttarakhand Global Investors Summit 2023’ at Dehradun, in Uttarakhand on December 08, 2023.

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखण्ड की बाबत कहा कि यह वह राज्य है, जहां दिव्यता और विकास एक साथ महसूस होता है। प्रकृति संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखण्ड एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन के लिए आया था तो अचानक मुंह से 21वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा निकल गया था मुझे खुशी है कि अपने उस कथन को लगातार चरितार्थ होते देख रहा हूं।

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में उत्तराखण्ड में चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, देहरादून -दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे, पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट के विकास और विस्तार का जिक्र करके डबल इंजन की सरकारों के फायदे भी गिनाए। उन्होंने मंच से कहा कि उत्तराखण्ड को डबल इंजन का लाभ मिला है और प्रकृति, संस्कृति और विरासत को समेटे उत्तराखण्ड आज कनेक्टिविटी और विकास योजनाओं के कारण एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। हर इन्वेस्टर के लिए उत्तराखण्ड में बहुत सारा अनटैप पोटेंशियल है। हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार कर रहे हैं। इस अभियान में उत्तराखण्ड सशक्त ब्रांड बनकर उभरने वाला है। यहां नेचर कल्चर, हैरिटेज, योग, आयुर्वेद, तीर्थ, एडवेंचर स्पोर्ट्स हर तरह की संभावना है। इन्हीं संभावनाओं को अवसरों में बदलना होगा। पिछले 5 साल में 13.5 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं।

हमें मीडिल क्लास की पोटेंशियल को समझना होगा। मैं उत्तराखण्ड सरकार को हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड लॉन्च करने के लिए बधाई देता हूं, जो उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों को विदेशी बाजारों में स्थापित करेगा। भारत के हर जिले और ब्लॉक में ऐसे प्रोडक्ट हैं, जिनमें ग्लोबल बनने की संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों का आह्नान करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जो नीतियां बनाई हैं, उनका फायदा उठाइए। सरकार नीतियां बनाती है, पारदर्शी होती है, हरेक के लिए खुली होती है जिसमें दम हो, आ जाए मैदान में, फायदा उठा ले। उन्होंने कहा, मैं आपको गारंटी देता हूं जो बातें हम बताते हैं, उसके लिए हम डटकर खड़े भी रहते हैं, उसे पूरा भी करते हैं। आप सभी इस महत्वपूर्ण अवसर पर आए हैं, उत्तराखण्ड का मुझ पर विशेष अधिकार है।

9 दिसंबर को इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 3.5 लाख करोड़ रुपए के एमओयू के साथ नए उत्तराखण्ड की अनेक संभावनाओं को तराशने की शुरुआत है। उत्तराखण्ड ने बिना प्राकृतिक सौंदर्य को बिगाड़े इको-फ्रेंडली तरीके से कैसे एक छोटा राज्य उद्योग जगत से जुड़ता है, इसका एक उदाहरण दुनिया के सामने रखा है। 6 सालों में 30 से ज्यादा पॉलिसी बनाकर उत्तराखण्ड एक पॉलिसी ड्रिवन स्टेट बना है। यहां अच्छे डेस्टिनेशन के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त शासन भी है, जो इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत जरूरी है। भारत 2025 के अंत तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 2014 से 2023 के बीच भारत की अर्थव्यवस्था 11वें से 5वें नंबर पर पहुंच गई है।

उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जरनल गुरमीत सिंह ने कहा कि पिछले 6 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियां बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखण्ड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। निवेश के लिए 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है तथा वातावरण प्रदूषण रहित है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन पहला सेशन टूरिज्म और सिविल एविएशन पर हुआ। इसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि समिट में जितने भी करार देश के विभिन्न संस्थानों ने राज्य सरकार के साथ किए हैं, इससे रोजगार बढ़ेंगे और इकोनॉमी मजबूत होगी।

समिट में दूसरा सेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ। इसमें केंद्रीय उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने उद्यमियों से कहा कि वे यहां आएं और निवेश करें। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सरकार ने बजट में 33 प्रतिशत का इजाफा किया है। मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शुरू की है, साथ ही उत्तराखण्ड सरकार भी इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां लाई है। एक सेशन स्टार्टअप को लेकर भी हुआ जिसमें कौशल विकास मंत्री डॉ सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आज उत्तराखण्ड डेस्टिनेशन स्टार्टअप हब के रूप में विकसित हो रहा है।

प्रदेश स्टार्टअप के क्षेत्र में देश के टॉप-5 राज्यों में शुमार हो गया है। जहां 2016 में राज्य में मात्र 4 स्टार्टअप थे, वहीं आज राज्य ने 950 स्टार्टअप की संख्या को पार कर दिया है। दो दिन की इस समिट की थीम, पीस टू प्रोस्पेरिटी रही। इसमें स्पेन, स्लोवेनिया, नेपाल, क्यूबा, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, जापान, सऊदी अरब और अन्य देशों के 15 राजदूतों और मिशन प्रमुखों सहित 8,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। समिट में राज्य की 15 इन्वेस्टर-फ्रेंडली पॉलिसीज और गुड गवर्नेंस को प्रदर्शित किया गया।

 

लगेंगे उद्योग, मिलेगा रोजगार
रुड़की में अंबुजा सीमेंट के प्लांट की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। ऋषिकेश-देहरादून के बीच 1400 करोड़ रुपए ग्राइंडिंग यूनिट पर खर्च किए जाएंगे।
प्रणव अडाणी, डायरेक्टर, अडाणी इंटरप्राइजेज

जिंदल ग्रुप उत्तराखण्ड में 15,000 करोड़ रुपए खर्च कर दो पंप स्टोरेज प्लांट लगाएगा। केदारनाथ में प्लास्टिक वेस्ट और कचरा उठाने के लिए क्लीन केदारनाथ प्रोजेक्ट की शुरुआत भी की जाएगी।
सज्जन जिंदल , एमडी,जेएसडब्ल्यू स्टील लि .

पतंजलि उत्तराखण्ड में 10,000 करोड़ का निवेश करेगा और 10,000 लोगों को रोजगार भी देगा
बाबा रामदेव, फाउंडर, पतंजलि ग्रुप

उत्तराखण्ड में 9 होटल पहले से ही हैं, अब चार नए होटल बनाए जाएंगे। आईटीसी पेपर बोर्ड बिजनेस के लिए 4000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इससे पल्प मिल लगाई जाएगी।
संजीव पुरी, एमडी आईटीसी ग्रुप

हमारी कंपनी राज्य में निवेश बढ़ाएगी, जिससे 7 हजार से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे। राज्य में पहला स्पेशियलिटी मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी बनाया जाएगा।
आर. दिनेश, टीवीएस

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