[gtranslate]
Uttarakhand

सफेद सोने का काला धंधा

नदियों के सीने को चीरकर निकाले जाने वाली रेत कारोबारियों के लिए सफेद सोना कही जाती है। देवभूमि की नदियों से इस सफेद सोने का काला धंधा चरम पर है। हाईकोर्ट द्वारा नदियों में खनन पर रोक लगाने के बावजूद भी अवैध खनन का खेल चल रहा है। हरिद्वार में रात के अंधेरे में नदियों से रेत चोरी कर खनन माफिया करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे हैं

देवभूमि उत्तराखण्ड में अवैध खनन का कारोबार हमेशा से खनन कारोबारियों और खनन माफिया के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समान रहा है। वैध खनन के काम में जितना पैसा राज्य सरकार को राजस्व के रूप में मिलता है उतना और शायद ही कहीं से मिलता होगा। लेकिन अवैध खनन के कारोबार में लगे खनन माफिया नदियों का सीना चीर कर अवैध कमाई करते हुए अपनी तिजोरिया भरने में लगे हैं। समय के साथ-साथ खनन माफिया ने भी अवैध खनन के अपने ट्रेंड को बदल लिया है अब रात को नदियों में पोकलैंड मशीन और जेसीबी उतार कर इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। नदियों से लगते हुए स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा भैंसा बुग्गी के माध्यम से अवैध खनन कराए जाने के मामले भी सामने आए हैं। याद रहे कि मार्च 2022 के बाद से हाईकोर्ट ने राज्य में सभी तरह के खनन पर रोक लगा रखी है। अवैध खनन के खिलाफ हमेशा मुखर होकर लंबी लड़ाई लड़ने के लिए मातृसदन मशहूर है। अवैध खनन पर मातृसदन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने खनन पर रोक लगाई थी।

रेत से भरा ट्रैक्टर

वर्तमान में वन विकास निगम द्वारा हरिद्वार जिले के श्यामपुर गेंडी खाता क्षेत्र में खनन लॉट प्रारंभ की गई है। वन विकास निगम की लॉट की आड़ लेकर खनन माफिया जेसीबी और पोकलैंड के माध्यम से मशीनों को नदियों में उतार कर अवैध खनन कर रहे हैं। हरिद्वार का भोगपुर इलाका और श्यामपुर का क्षेत्र ऐसा है जहां खनिज भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन खनन माफिया शहर की 20 से अधिक बहने वाले बरसाती नदियों से भी अवैध खनन करने में जुट गए हैं। बहादराबाद क्षेत्र अंतर्गत बढ़ेडी राजपूताना की रतमऊ नदी से तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों से रात-दिन दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉलियों द्वारा अवैध खनन के इस काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। यही नहीं रुड़की, लक्सर और लक्सर कोतवाली क्षेत्र भी अवैध खनन के लिए बदनाम है। ऐसा नहीं है कि खनन माफिया के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ना लिया जाता रहा हो पूर्व में एसएसपी हरिद्वार रहते तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अरुण मोहन जोशी ने भीकमपुर पुलिस चौकी के पूरे स्टाफ को ही लाइन हाजिर कर दिया था। उसके बाद ऐसी कोई कार्रवाई नजर नहीं आई।

अवैध खनन से लदे वाहनों को पार करने के रास्ते में श्यामपुर थाने की चंडीगढ़ पुलिस चौकी, चिड़ियापुर पुलिस चौकी सहित पथरी थाने की फेरूपुर पुलिस चौकी और लक्सर कोतवाली अंतर्गत बीकमपुर पुलिस चौकी, बहादराबाद थाने की शांति शाह पुलिस चौकी पड़ती है। इसके बावजूद भी खनन माफिया बेखौफ होकर आवाजाही करते हैं। अवैध खनन से लदे वाहनों के आवाजाही के रास्ते में पड़ने वाली उक्त सभी पुलिस चौकियों को मलाईदार पोस्ट माना जाता है। पिछले कुछ समय से जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे द्वारा अवैध खनन को लेकर कार्यवाही के नाम पर अधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन होता नहीं दिख रहा है। ऐसा होता तो राजस्व और खनन विभाग द्वारा अवैध खनन की सूचना पर की जाने वाली छापेमारी की तब-तब टीम को अवैध खनन होने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते। इससे यह साबित हो रहा है कि जनपद में अवैध खनन नहीं रूक पा रहा है।

गत् दिनों क्षेत्र के ग्राम कटारपुर में स्थित दो स्टोन क्रशर में रात को बुगियों के माध्यम से अवैध खनन की सूचना प्राप्त हो रही थी। जिसके बाद औचक निरीक्षण किया गया जिसमें खान अधिकारी एवं नायब तहसीलदार फेरुपुर के नेतृत्व में राजस्व विभाग और खनन विभाग की टीम द्वारा शिव शक्ति स्टोन क्रशर की जांच की गयी। स्टोन क्रशर के ई रवन्ना पोर्टल व मौके पर जमा उपखनिज में कोई भिन्नता नहीं पाई गई, परन्तु मौके पर स्टोन क्रशर के गेट के अंदर दायीं ओर एक गड्ढा दिखाई दिया जो अवैध रूप से पाया गया, जिसकी पैमाइश की गई है, जिसमें 960 घन मीटर उपखनिज उठाया गया है। यह गड्ढा अवैध होने के कारण स्टोन क्रशर की ई रवन्ना पोर्टल आईडी तत्काल बंद कर स्टोन क्रशर को सीज कर दिया गया है। मौके पर स्थित स्टोन क्रशर मुंशी को हिदायत दी गई है कि अग्रिम आदेशों तक प्लांट में सभी कार्य स्थगित रखें।

टीम कतारपुर में ही श्री साईं स्टोन क्रशर में गई, जिसमें रात को बुग्गियों से उपखनिज की शिकायत थी। टीम से स्टोन क्रशर प्लांट की पैमाइश कराई गई जिसमें पाया गया कि स्टोन क्रशर प्लांट में ई रवन्ना पोर्टल से 368 घन मीटर उपखनिज अधिक जमा किया गया है। पैमाइश में अधिक उपखनिज पाए जाने पर स्टोन क्रशर की तत्काल ई रवन्ना आईडी बंद कर स्टोन क्रशर को सीज किया गया है। खनन राजस्व वन क्षेत्र में हो रहा है जहां गढ़वाल वन प्रभाग के चीफ सुशांत पटनायक ने चेतावनी दी थी कि अगर अवैध खनन नहीं रूका तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।। यहां छापे से पहले ही सूचना मिलना सरकारी विभागों में खनन माफिया की पहुंच को बयान करने के लिए काफी है। क्योंकि जब भी किसी छापेमारी की कार्यवाही के लिए टीम जाती है तो खनन माफियाओं को पहले ही सूचना पहुंच जाती है। जिसके चलते मौके पर खनन कर रहे खनन माफिया फरार होने में सफल रहते हैं।

जुर्माना वसूलने में नाकाम प्रशासन
अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन और खनन माफियाओं की मिलीभगत का पता इससे चलता है कि पकड़े जाने पर लगाए जाने वाले भारी भरकम जुर्माने की रकम वसूलने में जिला प्रशासन नाकाम नजर आता है, जो सीधे-सीधे खनन माफियाओं के साथ गठजोड़ की ओर इशारा करता है। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर की गई छापेमारी में अवैध खनन पकड़े जाने पर छापामार टीम द्वारा जुर्माने की सिफारिश की जाती है लेकिन सालों-साल भी जुर्माना वसूलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छापमार टीम द्वारा 2022 में मैसर्स आरके त्यागी एंड कंपनी भोगपुर की जांच के दौरान अभिलेखों में दर्ज खनिज सामग्री के सापेक्ष 100 फीसदी का अंतर यानी 4354.33 टन अवैध खनन पकड़ा जिस पर 17 लाख चौबीस हजार सोलह रुपए का जुर्माना लगाया गया जो आज तक जमा नहीं कराया जा सका। मैसर्स सिद्धी विनायक स्टोन क्रशर पर अभिलेखों में दर्ज वैध खनिज सामग्री के सापेक्ष 77.8 फीसदी का अंतर यानी 72556.35 टन खनिज सामग्री अवैध खनन से अर्जित पाई गई मिली जिस पर टीम ने 80 लाख 94 हजार 933 रुपए का जुर्माना लगाया लेकिन आज तक भी वह जुर्माना जमा नहीं हुआ।

20 अप्रैल 2022 से सिद्धी विनायक क्रशर के जुर्माने की फाइल अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) हरिद्वार के कार्यालय की शोभा बढ़ा रही है। इसके अलावा मैसर्स महालक्ष्मी स्टोन क्रशर भोगपुर के स्टाक में जांच के दौरान 54.52 फीसदी अवैध खनिज मिला जिस पर 11 लाख 2 हजार 129 रुपए का जुर्माना तो लगा लेकिन आज तक जमा न होना कई सवाल खड़े करता है। मैसर्स श्री इंडस्ट्रीज (स्टोन क्रशर) भोगपुर की जांच के दौरान 93.43 फीसदी अवैध खनन पाए जाने पर 1 करोड़, 87 लाख 25 हजार, 354 रुपए का जुर्माना तो लगाया गया लेकिन इस क्षेत्र में दर्जन भर से ज्यादा स्टोन क्रशर और सैकड़ों वाहन अवैध खनन के आरोप में पकड़ में आ चुके हैं लेकिन कार्रवाई आज भी जीरो ही नजर आती है। खनन प्रभावित क्षेत्र कटारपुर तहसील हरिद्वार अंतर्गत आता है कटारपुर स्थित मैसर्स शिव शक्ति स्टोन क्रशर पर पिछले दिनों अवैध खनन से निकाले गए खनिज काफी मात्रा में जांच के दौरान मिले जिस पर क्रशर मालिकों के विरुद्ध 50 लाख से अधिक जुर्माने की कार्यवाही की गई जो आज तक भी आरोपी स्टोन क्रशर स्वामी ने जमा नहीं की है।

बात अपनी-अपनी
पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद खनन प्रेमी राजनीतिज्ञ हैं। वह जिला प्रशासन पर खनन के लिए दबाव बनाता है। हम शिकायत करते हैं तो पुलिस-प्रशासन एक दो डम्पर पकड़ लेते हैं और स्टोन क्रशर पर छापेमारी कर लेते हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि जिला प्रशासन की छापेमारी में अवैध खनन पकड़ा जाता है लेकिन फिर भी खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। यही कारण है कि सभी जगह धड़ल्ले से खनन हो रहा है। अवैध खनन के लिए सीधे-सीधे पुष्कर सिंह धामी सरकार जिम्मेदार है।
स्वामी शिवानंद महाराज, परम अध्यक्ष मातृसदन, हरिद्वार

जनपद में अवैध खनन का कारोबार अपने चरम पर है, कई बार शिकायत किए जाने के बाद जिला प्रशासन एक-दो जगह छापेमारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। अफसोस की बात यह है कि प्रशासन की छापेमारी में अवैध खनन का खुला खेल पकड़े जाने के बावजूद खनन माफिया के विरुद्ध कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हो पा रही है। धर्मनगरी में जल्द ही अवैध खनन पर रोक न लगाई गई तो गंगा और उसकी सहायक नदियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
लक्ष्मी मिश्रा, प्रदेश सचिव कांग्रेस सेवा दल, उत्तराखण्ड

You may also like

MERA DDDD DDD DD