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Uttarakhand

उत्तराखण्ड भाजपा – कांग्रेस में कई सीटों पर बगावत

कुछ ही दिनों में उत्तराखण्ड सहित पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां अपने – अपने  प्रत्याशियों   की सूची जारी कर रही हैं। राज्य में भाजपा और कांग्रेस में कुनबे की कलह से कई सीटों पर पेच फंसा हुआ है। दोनों दलों ने पहली सूची में कद्दावर नेताओं का टिकट तय कर चुनाव मैदान में उतार दिया है। लेकिन टिकट को लेकर  दोनों ही प्रमुख दल उलझे हुए हैं। वहीं कई सीटों पर टिकट को लेकर दोनों दलों में असंतुष्टों की नाराजगी भी खुल कर सामने आ रही है।इसके अलावा कांग्रेस भी अभी अपने सबसे अनुभवी और दिग्गज नेता हरीश रावत को चुनावी रण में उतारने पर अभी कोई फैसला नहीं कर पाई है। 

 

चुनाव आयोग ने नामांकन के लिए 28 जनवरी अंतिम तिथि तय की है। उम्मीद्वारों को लेकर भाजपा -कांग्रेस में मंथन चल रहा है। भाजपा ने जहां पहली ही सूची में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कैबिनेट मंत्रियों का  टिकट तय किया है। वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह समेत सभी वर्तमान विधायकों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। लेकिन दोनों दलों में कलह के चलते अभी तक कई सीटों पर  पेच फंसा है। 

भाजपा डोईवाला सीट पर उलझी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव लड़ने से इनकार किया है। अब इस सीट पर सीडीएस स्व. बिपिन रावत के भाई विजय सिंह रावत को टिकट दिए जाने की चर्चा है। हाल ही में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। वहीं हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने से कोटद्वार सीट पर पेच फंसा हुआ है। यहां पर ऋतु खंडूड़ी को टिकट देने की चर्चाएं है। पार्टी ने यमकेश्वर से वर्तमान विधायक होने के बाद भी उनका टिकट काट दिया है।

कोटद्वार सीट से 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वे चुनाव हार गए थे। भाजपा 11 सीटों पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस पार्टी में दिग्गज नेता पूर्व सीएम हरक सिंह रावत, हरीश रावत, किशोर उपाध्याय समेत कई नेताओं को लेकर 17 सीटों पर टिकट तय नहीं हो पाए हैं। 

 


कांग्रेस – भाजपा के इन सीटों पर बगावत

 

कांग्रेस में इन सीटों पर बगावत 

 

बागेश्वर जिले में दूसरे दावेदारों ने पूर्व सीएम हरदा व पार्टी के विरुद्ध बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। वहीं गंगोलीहाट, किच्छा, बाजपुर, सितारगंज व गदरपुर सीट पर भी पार्टी की स्थिति सहज नहीं दिख रही कांग्रेस ने बागेश्वर सीट से रंजीत दास व कपकोट से ललित मोहन सिंह फस्र्वाण को प्रत्याशी घोषित किया है। टिकट मांग रहे सज्जन लाल टम्टा ने हरीश रावत पर सीधे आरोप लगाते हुए अपने ओएसडी रहे रंजीत दास को टिकट देने का आरोप लगाया है। साथ ही कपकोट सीट से निर्दलीय उतरने का एलान कर दिया है। वहीं प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने दिल्ली से पैसा मांगने का आरोप लगाते हुए बागेश्वर से निर्दलीय लडऩे का निर्णय लिया है।

पिथौरागढ़ जिले की गंगोलीहाट सीट पर कांग्रेस ने खजान गुड्डू को मौका दिया है। यहां दो बार के विधायक रहे नारायण राम आर्य का टिकट कटने से नाराजगी सामने आ गई है। आर्य के समर्थक बैठक कर रणनीति बना रहे हैं। जबकि दूसरे दावेदार भीम कुमार ने निर्दलीय लडऩे का एलान कर दिया है। हल्द्वानी से पहुंचे खजान गुड्डू को बाहरी बताते हुए पहले ही पार्टी स्तर पर दोनों विरोध जता चुके हैं।

घनसाली विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घनसाली से दावेदार रहे पूर्व विधायक भीमलाल आर्य का कहना है कि कांग्रेस ने धोखा किया है, इसलिए वह निर्दलीय मैदान में उतरेंगे धनोल्टी सीट पर टिकट से वंचित रहे डा. वीरेंद्र सिंह रावत पार्टी से खासे नाराज हैं। उनका आरोप है कि पार्टी ने उन पर विश्वास नहीं किया। उन्हें आगे क्या करना है, इसका फैसला वह समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद लेंगे।

यमुनोत्री सीट से टिकट न मिलने से नाराज संजय डोभाल ने चिन्यालीसौड़ में समर्थकों के साथ बैठक कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। वहीं, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष चिन्यालीसौड़ राजेंद्र पंवार, ब्रह्मखाल अध्यक्ष मनोज राणा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ब्रह्मखाल रेशमा रावत, उजाली बिष्ट, ब्लाक महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष कविता परमार, यमुनोत्री विधानसभा अध्यक्ष अरुण नौटियाल, इंटरनेट मीडिया अध्यक्ष राहुल रावत, ब्लाक यूथ कांग्रेस अध्यक्ष नंदकिशोर व उपाध्यक्ष अखिलेश जुवांठा ने पार्टी से इस्तीफे का एलान किया है। उधर, पुरोला सीट से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारे लाल हिमानी ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई है।कर्णप्रयाग सीट से टिकट वितरण में असंतोष जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश बिष्ट ने समर्थकों से बातचीत के बाद आगे राजनीतिक कदम बढ़ाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि पार्टी में बने रहने का अब कोई औचित्य नही है।सोमवार को समर्थकों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।

पौड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के बाद टिकट के दावेदार रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य नाराज हैं। उन्होंने जहां चुनाव लड़ने की घोषणा की है, वहीं पार्टी छोड़ने का मन भी बना चुके हैं । हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि निर्दलीय मैदान में उतरेंगे या किसी अन्य दल से। ऊधम सिंह नगर जिले की किच्छा सीट से तिलकराज बेहड़ का नाम तय होने से नाराज पूर्व दर्जाधारी हरीश पनेरू ने निर्दलीय लडऩे का एलान कर दिया है। पूर्व दर्जाधारी गणेश उपाध्याय भी नाराजगी जता रहे हैं। बाजपुर से यशपाल आर्य के विरोध में सुनीता टम्टा बाजवा ने कह दिया है कि चुनाव तो उन्हें लडऩा ही है। सुनीता ने आप व बसपा का विकल्प भी खुला रखा है। सितारगंज से मालती विश्वास व गदरपुर से पिछली बार प्रत्याशी रहे राजेंद्र पाल सिंह अपने समर्थकों के साथ आगे रणनीति तय कर रहे हैं। नैनीताल जिले में पार्टी ने हल्द्वानी, नैनीताल व भीमताल का टिकट घोषित किया है। ऐसे में फिलहाल यहां विरोध मुखर नहीं दिख रहा।

 

बीजेपी में इन सीटों पर बगावत  बगावत 

 

भाजपा ने राज्य की 70 सीटों में से 59 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। जैसा अनुमान लगाया जा रहा था अपना टिकट कटने और दावेदारी को उम्मीदवारी में तब्दील न होने पर मायूस लोगों में असंतोष फूट पड़ा है। कहीं-कहीं तो हताश दावेदारों ने सीधे-सीधे बगावत का बिगुल बजा दिया है। उत्तरकाशी जनपद की तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी घोषित होते ही बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। यमुनोत्री सीट पर पूर्व दर्जाधारी व दावेदार ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। वहीं गंगोत्री सीट पर भी एक दावेदार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। पुरोला सीट पर दावेदार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अग्रिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं। कर्णप्रयाग सीट पर भाजपा में बगावत शुरू हो गई है। कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर अनिल नौटियाल को टिकट दिए जाने की घोषणा होते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने भाजपा छोड कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

थराली से भाजपा विधायक मुन्नी देवी शाह का टिकट कहने पर वे आहत हैं। मुन्नी देवी शाह का कहना है कि मेरा टिकट क्यों काटा गया, हाईकमान से इसका जवाब चाहिए। मैंने विधायक रहते हुए क्षेत्र के विकास में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को भी जन -जन तक पहुंचाने का कार्य किया। विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता व पूरी जनता मेरे साथ थी। अगर सिटिंग विधायक का टिकट काटना ही था तो युवा और पार्टी में निष्ठावान एवं लंबे समय से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए था। भाजपा ने थराली से बिल्कुल नए और कांग्रेस पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दिया है, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। समर्थकों की ओर से मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, मैं इस बारे में सोच कर फैसला लूंगी। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व दर्जाधारी जगवीर सिह भंडारी ने यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है ।

 

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नरेंद्रनगर विधानसभा से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के टिकट पर मोहर लगने के बाद पूर्व विधायक और भाजपा नेता ओम गोपाल रावत बगावत पर उतर आए हैं। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की जनता को गाली देने वाले नेता को भाजपा ने विधानसभा का टिकट दे दिया, जबकि राज्य आंदोलन के दौरान गोली खाने वाले आंदोलनकारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ओम गोपाल रावत ने सुबोध उनियाल के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया है।

विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने कुमाऊं से विधानसभा की 29 सीटों में से 23 पर प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है। इन 23 सीटों पर अधिकतर पर सिटिंग विधायकों को ही टिकट दिए गए हैं, जबकि विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान समेत चार विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। टिकट कटने से नाराज दावेदारों ने अपनी नाराजगी तो खुलकर जाहिर नहीं की है लेकिन उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर नाराजगी जताई है।

धारचूला से धन सिंह धामी को टिकट देने पर बगावत शुरू हो गई है। मुनस्यारी में दर्जनों भाजपाइयों ने इस्तीफा दिया है। वहीं द्वाराहाट से भूतपूर्व ब्लॉक प्रमुख ममता भट्ट ने भी भाजपा से इस्तीफा  दिया है।भाजपा से टिकट के दावेदार समाजसेवी अजय तिवारी भी भाजपा से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन कर सकते हैं। टिकट घोषणा के बाद अजय तिवारी ने  कहा कि समर्थक टिकट नहीं मिले से मायूस हैं। तिवारी ने कहा समर्थकों के साथ बैठक करके उनकी राय के आधार पर निर्दलीय चुनाव लड़ने या पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार का निर्णय लेंगे।

द्वाराहाट विधानसभा सीट से अनिल शाही के भाजपा उम्मीदवार घोषित होने के बाद टिकट के दावेदार कैलाश भट्ट के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं। भट्ट का कहना है कि समर्थकों व कार्यकर्ताओं के भारी दबाव के चलते वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट को टिकट मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की अंदरूनी कलह सामने आने लगी। एक दावेदार ने पार्टी के सर्वे पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं। वहीं अन्य दावेदारों ने चुप्पी साध ली है। सांसद प्रतिनिधि एवं ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत के पति इंदर रावत खासे नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि समर्थकों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

नैनीताल में उम्मीद्वारों की सूची जारी होने के तीन दिन पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई  सरिता आर्य को भाजपा का टिकट मिलने से नैनीताल से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे भाजपाई नाराज हैं। हालांकि कोई खुलकर तो नहीं बोल रहा है लेकिन अंदरखाने नाराजगी स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है। इस सीट से भाजपा के टिकट के लिए दिनेश चंद्र आर्या, मोहन पाल, प्रकाश आर्या, कमला आर्या और हेम आर्या ने दावेदारी की थी।

 

कांग्रेस में इन सीटों पर पेच

 


नरेंद्रनगर, टिहरी, कैंट, डोईवाला, ऋषिकेश, रामनगर,  ज्वालापुर, झबरेड़ा,  रुड़की, खानपुर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, सल्ट,  लालकुआं, कालाढूंगी।



भाजपा में इन सीटों पर पेच

 


डोईवाला, कोटद्वार, झबरेड़ा, रुद्रपुर, लालकुआं, केदारनाथ, रानीखेत, जागेश्वर, पिरान कलियर, हल्द्वानी, टिहरी

 

 

आप ने भी 19 सीटों पर घोषित नहीं किए उम्मीदवार

 

कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्टों पर आम आदमी पार्टी की नजर है। टिकट न मिलने से जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा में असंतुष्ट दावेदार जिस तरह से तेवर दिखा रहे हैं। उसे देखते हुए आप ने अभी तक 19 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान नहीं किया है। राज्य में पहली बार चुनाव लड़ रही आप में टिकट को लेकर फिलहाल कोई असंतोष नजर नहीं आ रहा है। पार्टी ने सबसे पहले कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के साथ ही प्रत्याशियों की सूची जारी है। इसमें अब तक 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। जबकि 19 सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं है। सूत्रों का कहना है कि रणनीतिक तौर पर आप ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं घोषित किए हैं। आप की नजर भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्टों पर है।

 

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