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Uttarakhand

मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का सच

पहाड़ों में एक कहावत वर्षों से चली आ रही है ‘सूर्य अस्त पहाड़ी मस्त’। सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी इस कहावत को बदलना चाहते हैं। इसके मद्देनजर ‘मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि’ का अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में मुख्यमंत्री ने शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए कड़े नियम-कानून तय किए हैं। पहाड़ों पर यह नियम-कानून जमीन पर नहीं दिख रहे हैं जबकि मैदान में पुलिस विभाग का ‘नशा मुक्त अभियान’ का कारवां आगे बढ़ रहा है

उत्तराखण्ड के साथ सीमांत पहाड़ी जिलों में नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। पहाड़ी जनपदों में बढ़ते नशे के कारोबार से युवा पीढ़ी इसके गिरफ्त में आ रहे हैं। जिसके चलते युवा छोटी उम्र में ही चरस, गांजा, भांग ड्रक्स, शराब व स्मैक का सेवन कर रही है। तेजी से बढ़ रहे इस अवैध कारोबार से अभिभावक भी चिंतित हैं। लोगों की मांग है कि नशे के कारोबार को रोकने के लिए निरंतर इस व्यवसाय से जुड़े तस्करों की धर-पकड़कर कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही समाज में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए। तभी पहाड़ में बढ़ते नशे पर रोक लगाई जा सकेगी और हमारी युवा पीढ़ी बर्बाद होने से बच पाएगी।
चमोली जिले के युवाओं में बढ़ते नशे को लेकर पुलिस भी अब गंभीर दिखाई दे रही है। इसके लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध नशे के तस्करों पर नकेल कसने के लिए सभी तैयारियां की जा रही है। यहां तक कि एक से अधिक बार नशा कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर पुलिस गुंडा एक्ट में भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

पहाड़ में एक कहावत है सूर्य अस्त और पहाड़ी मस्त। जो सही में चरितार्थ हो रही है। पहले पहाड़ में अवैध कच्ची एवं अंग्रेजी शराब पीकर लोग इसके गिरफ्त में जा रहे थे। लेकिन कालांतर में युवा पीढ़ी शराब के साथ ही चरस, गांजा, भांग, ड्रग्स, स्मैक के साथ ही अन्य नशाओं की ओर बढ़ रही है। विद्यालयों में भी स्कूली छात्र शुरुआत में शौक के रूप में इसका सेवन करते हैं लेकिन बाद में वह नशेड़ी बन जाते हैं। जिसके चलते कई बार विद्यालय प्रबंधन द्वारा अभिभावक की विशेष बैठक बुलाकर जागरूक किया जाता है। यहां तक कि पुलिस प्रशासन द्वारा भी नशे को रोकने के लिए विद्यालयों में जागरूकता शिविर आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 2025 तक प्रदेश को नशा मुक्ति का संकल्प लिया है। लेकिन जिस तरह से प्रदेश में अवैध शराब एवं नशा कारोबार ने पैर पसार रखे हैं ऐसे में नशा मुक्त प्रदेश का सपना साकार करने के लिए मुख्यमंत्री को केवल पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग के भरोसे रहने से इससे मुक्ति मिलना असंभव है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित कराए जाए और विद्यालयों में भी जागरूकता अभियान चलाकर कर युवा पीढ़ी को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही अभिभावकों को भी सचेत रहना होगा। इस तरह सामूहिक प्रयास से ही नशा को समूल नष्ट किया जा सकेगा।

उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिलों में शराब व भांग की लत से पहाड़ में कई घर तबाह हो रहे हैं। इसे लेकर राज्य में कई आंदोलन भी चले। लेकिन पहाड़ नशा मुक्त नहीं हो पाया। चमोली जिले में अवैध कच्ची एवं अंग्रेजी शराब के खिलाफ बड़े आंदोलन भी हुए हैं। वर्ष 2012 में बंड क्षेत्र में शराब के खिलाफ महिलाओं ने कंडाली आंदोलन भी चलाया था। तब उसकी गूंज पूरे प्रदेश तक फैली। इसका असर सीमांत पहाड़ी जिलों में दिखाई भी दिया और प्रशासन के सहयोग से अवैध शराब पर प्रतिबंध भी लगा। गांवों में भी लोगों ने सामाजिक समारोहों में शराब पीने-पिलाने पर प्रतिबंध लगाया था। गांव में यदि किसी व्यक्ति द्वारा शादी-विवाह एवं मुंडन में शराब पिलाई गई तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ ही उसका सामाजिक बहिष्कार भी किया जाता था जिसके डर से लोगों ने शराब पिलाना बंद कर दिया और इसकी जगह दूध, दही, घी ने ले लिया।

लेकिन कुछ वर्षों के बाद फिर पहाड़ में अवैध शराब कारोबार तेजी से बढ़ गया है। गांव-गांव तक अवैध शराब धड़ल्ले से पहुंच रही है। इस पर प्रतिबंध लगाने वाले और कार्रवाई करने वाले जिम्मेदार अधिकारी सोए हुए हैं। पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे अवैध शराब पानी की तरह बह रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी न हो लेकिन सब कुछ पता होने के बाद भी पुलिस शराब माफियाओं पर नकेल कसने में असमर्थ दिखाई दे रही है। जिसका परिणाम है कि चमोली से पीपलकोटी के बीच अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे लोग पुलिस प्रशासन एवं आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं। इस तरह अवैध शराब से कई परिवार व घर टूट रहे हैं। साथ ही युवा पीढ़ी भी नशे के गिरफ्त में आ रही है। नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों ने बताया कि चमोली से पीपलकोटी के बीच अवैध शराब पानी की तरह बिक रही है।

बात अपनी-अपनी
जिले में नशा मुक्ति को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है। सघन चेकिंग अभियान चलाकर नशा तस्करों को पकड़ कर जेल भेजा जा रहा है। साथ ही अवैध नशा कारोबार में एक से अधिक बार पकड़े जाने पर गुंडा एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा विद्यालयों में भी जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रमेंद्र डोभाल, पुलिस अधीक्षक चमोली

नशा तस्करों की धर-पकड़ के लिए पुलिस द्वारा बराबर दबिश दी जा रही है। अभी कुछ ही दिनों में दो चरस तस्करों को पकड़ कर जेल भेजा गया है। अवैध शराब की शिकायत आती है तो इस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।
प्रदीप रावत, प्रभारी रिपोर्टिंग चौकी पीपलकोटी

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