उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत कुर्सी से बेदखल किए जाने के बाद अपनी पार्टी और सरकार को अहसज करने वाली बयानबाजी कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने भू कानून को लेकर भी ऐसा कुछ कह दिया है जिससे राज्य की जनता में भारी आक्रोश है। गैरसैंण क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक नमन चंदोला ने तो यहां तक कह दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हमेशा से ही पहाड़ और सनातन धर्म विरोधी रहे हैं। चंदोला ने कहा कि बात चाहे सहारनपुर को उत्तराखण्ड में मिलाने की हो या देवस्थानम बोर्ड से हमारे तीर्थ पुरोहितों के सम्मान को ठेस पहुंचाने की त्रिवेंद्र इसमें हमेशा आगे रहे हैं।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहाड़ विरोधी कहते हुए कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के प्रति त्रिवेंद्र थोड़ा भी सम्मान रखते तो सहारनपुर को उत्तराखण्ड में मिलाने की बात कभी नहीं कहते। यहां तक कि देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड में भी तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूक छीनकर त्रिवेंद्र बाहरी लोगों को सौंपना चाहते हैं। चंदोला ने कहा कि इंडस्ट्रियल समिट के बहाने भू कानून बदलने वाले त्रिवेंद्र जवाब दें कि आज तक कितनी इंडस्ट्री पहाड़ों में लगी हैं। आज भू कानून का मुद्दा एक बार फिर उठा है, तो इसके पीछे भी त्रिवेंद्र ही हैं ना वो भू कानून में बदलाव करते और न जनता में आक्रोश में बढ़ता।