अहम सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के दरबार में कोई ठग पहुंचा तो कैसे? अब उसे बचाने की कोशिश कौन कर रहा है?
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रॉपर्टी डीलरों औेर साहूकारों का आना-जाना लगा रहता था। ये लेाग अपनी मुलाकात के फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया में जमकर प्रचार करते थे। लेकिन अब तो मुख्यमंत्री कार्यालय में ठग और तंत्रमंत्र से सम्मोहन करने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के बाबाओं का भी आना-जाना शुरू हो गया है। ऐसा ही एक खास दिलचस्प मामला देहरादून में भी सामने आया है जिसमें एक बाबा ने अपनी पुस्तक विमोचन करवाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को चुना और बड़ी शान से अपनी पुस्तक का विमोचन पुष्कर सिंह धामी के हाथों न सिर्फ करवाया, बल्कि उसका सोशल मीडिया में जमकर प्रचार-प्रसार भी किया। हैरानी की बात यह है कि इस बाबा के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में लाखों की ठगी का मुकदमा तक दर्ज है। बावजूद इसके बाबा आसानी से मुख्यमंत्री तक अपनी पहुंच बनाने में सफल रहा।
दरअसल, ऋषिकेश के एक सर्राफा कारोबारी हितेंद्र सिंह पंवार ने ऋषिकेश कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया है कि बाबा प्रियव्रत अनिमेश ने उनकी धर्मपत्नी जिनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है, को सम्मोहित करके लाखों का सोना- चांदी आदि का सामान ठग लिया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बाबा को हिरासत में ले लिया और सर्राफा कारोबारी की पत्नी से ठगी करके लूटा हुआ सामान भी बरामद कर लिया है।
अब इस मामले का दूसरा पहलू भी सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। बाबा के कई राजनेताओं और आईपीएस अधिकारियों, यहां तक कि कई बड़े उच्चाधिकारियों से घनिष्ठ संबंध बताए जा रहे हैं। कुछ ही दिन पूर्व यह प्रियव्रत अनिमेश नाम का बाबा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय में अपनी पुस्तक का विमोचन करवाने में भी सफल रहा है। इस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय तक इस बाबा की पहुंच किस तरह और किसके द्वारा करवाई गई? हालांकि अब इसकी जांच के आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन जिस तरह से बाबा का आपराधिक इतिहास सामने आ रहा है, साथ ही उसके कई राजनेताओं और उच्चाधिकारियों से संबंध होने की बात सामने आ रही है उससे तो साफ है कि मामला कोई छोटा-मोटा नहीं है।
आशंका जताई जा रही है कि बाबा ने उत्तराखण्ड में अपने पैर पसारने के लिए राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात और उनसे संबंध बनाकर ठगी का कारोबार करने के लिए ही इस तरह का कार्यक्रम किया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल तथा पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भी फंसाए जाने का खेल रचा गया, लेकिन मामला जल्द ही सामने आ गया और बाबा पर कार्यवाही हो गई।
अंदरखाने यह भी सुनाई दे रहा है कि बाबा को बचाने के लिए बड़े संबंधों का सहारा लिया जा रहा है। एक आईपीएस अधिकारी का नाम इस मामले से जुड़ रहा है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह बाबा का पूरा संरक्षण करती रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्यवाही करती है। जिन सूत्रों द्वारा बाबा प्रियव्रत अनिमेश की पहुंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक करवाई गई उन सूत्रों पर कोई कार्यवाही होती है या नहीं।
मेरी पत्नी से बाबा प्रियव्रत अनिमेश ने सम्मोहन के जरिए लाखों का सामान ठगा है। बाबा के बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों से संबंध हैं। पुलिस के सामने ही बाबा मुझे धमकियां दे रहा था। बाबा को सरंक्षण देने में एक महिला आईपीएस अधिकारी शामिल रही है। हमें अब बाबा से जान का खतरा है।
हितेंद्र सिंह पंवार, सर्राफा कारोबारी ऋषिकेश