निर्वाचित पंचायत अध्यक्ष शांति देवी के निर्देशों को न मानने वाले अपर मुख्य अधिकारी को गत् दिनों सरकार ने पंचायत निदेशालय में अटैच कर दिया है
हमेशा से विवादों में रहने वाली पौड़ी की जिला पंचायत में इन दिनों अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी के बीच काफी समय से चल रही तनातनी के चलते अब अपर मुख्य अधिकारी पर गाज गिर गई है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) को निदेशालय अटैच कर दिया गया है। करीब आठ माह के कार्यकाल के बाद उन्हें दूसरी बार निदेशालय अटैच किया गया है। वहीं जिला पंचायत पौड़ी में फिर से प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। गौरतलब है कि पौड़ी की जिला पंचायत अध्यक्ष शान्ति देवी अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह की कार्यशैली को लेकर शुरू से ही असहज थीं। पौड़ी में बतौर अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह अगस्त 2021 में तैनात हुए थे लेकिन पौड़ी में उन्हें चार दिनों तक नियुक्ति नहीं दी गई। मामला काफी गरमाने के बाद आनन-फानन में तेज सिंह को पदभार तो दिया गया लेकिन महज 13 दिन बाद ही उन्हें निदेशालय अटैच भी कर दिया गया। इसके बाद तेज सिंह इस मामले में कोर्ट की शरण में गए। कोर्ट के आदेशों के बाद तेज सिंह ने पौड़ी जिला पंचायत में अक्टूबर 2021 से पुनः कार्यभार संभाला जरूर लेकिन अब उनके और अध्यक्ष के बीच तनातनी और तेज हो गई। बीते 26 फरवरी को अध्यक्ष शांति देवी ने तेज सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। जिसमें उन्होंने कहा कि तेज सिंह मनमाने तरीके से काम करते हैं। जिसके बाद शांति देवी ने अपर मुख्य अधिकारी के एक माह के वेतन पर रोक लगाई गई थी, लेकिन उन्होंने आदेश की अवहेलना करते हुए वेतन भी आहरित कर लिया था। यहां तक कि अध्यक्ष ने अपर मुख्य अधिकारी को व्यवहार में सुधार लाने की कई बार चेतावनी भी दी थी। कहा जा रहा है कि अपर मुख्य अधिकारी को निदेशालय अटैच करने के पीछे आपसी तनातनी का भी कारण बताया जा रहा है। वहीं तेज सिंह का कहना है कि अध्यक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं।
पंचायतीराज विभाग के निदेशक बंशीधर तिवारी ने अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह को निदेशालय अटैच किए जाने और जिला पंचायत पौड़ी में सेवारत वित्तीय परामर्शदाता संतोष खेतवाल को फिर से प्रभारी अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी बनाए जाने का ओदश जारी किया है। उन्होंने आदेश का अनुपालन तत्काल प्रभाव से अमल में लाए जाने के लिए दोनों अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले जिला पंचायत में कई अनियमिताएं भी हुई। जिस पर कमिश्नर गढ़वाल की जांच रिपोर्ट में पूर्व में रहे अपर मुख्य अधिकारी व अन्य अधिकारी दोषी पाए गए। कमिश्नर ने जांच में दोषी पाए गए पूर्व में रहे अपर मुख्य अधिकारी सहित संबंधित सहायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीते जुलाई 2021 में शासन को पत्र भेजा लेकिन शासन ने अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई को लेकर अमल नहीं किया।
कब थमेगा नियमित एएमए के अटैच का सिलसिला
नियमों को ताक में रख पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष ने एक तदर्थ जेई को एएमए (अपर मुख्य अधिकारी) का चार्ज दे दिया गया था। लेकिन जिला पंचायत पौड़ी में नियमित एएमए को निदेशालय के अटैच का सिलसिला थम नहीं रहा है। इससे पहले दिसंबर 2017 में तत्कालीन एएमए बीडी पांडेय को निदेशालय भेजा गया था। इसके बाद जिला पंचायत पौड़ी में दो साल तक संतोष खेतवाल ने प्रभारी एएमए की जिम्मेदारी संभाली थी। जनवरी 2020 में नियमित एएमए कबूल चंद आए और वह फरवरी 2021 में निदेशालय चले गए। फिर खेतवाल प्रभारी एएमए बने। अगस्त 2021 में नियमित एएमए तेज सिंह आए, जिला पंचायत पौड़ी प्रशासन ने उन पर लगातार दबाव बनाए रखा और अब उन्हें भी निदेशालय के अटैच कर दिया गया है।
नियमित कामकाज नहीं कर पा रहे एएमए
जिला पंचायत पौड़ी में एएमए नियमित कामकाज नहीं कर पा रहे हैं। जिला पंचायत में पांच वर्षों में नियुक्त कोई भी नियमित एएमए बेहतर रुप में कामकाज नहीं संभाल पाया है। दरअसल, अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) जब तक विभाग के ढांचे और कार्य प्रणाली को ठीक से समझ पाता है तब तक उस अधिकारी को यहां से निदेशालय भेज दिया जाता है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष शान्ति देवी का कहना है कि को ये जो स्थानांतरण हुआ है वे शासन स्तर से हुआ है और शासन से ही वित्तीय परामर्शदाता को अपर मुख्य अधिकारी का चार्ज दिया गया है।