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Uttarakhand

अतिथि देवो भवः की धूमिल होती छवि

चारधाम यात्रा में सरकार तीर्थयात्रियों को भरोसा दिला रही है कि उत्तराखण्ड आपके लिए सुरक्षित है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने उत्तराखण्ड दौरे पर लोगों को तीर्थयात्रा पर आने का आह्वान करते दिखे थे। लेकिन पिछले कई दिनों से यात्रियों के साथ बदसलूकी और मारपीट की जो घटनाएं सामने आ रही है। इस तरह की घटना से उत्तराखण्ड की ‘अतिथि देवो भवः’ की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में प्रदेश की धामी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि यात्रा के दौरान पर्यटकों के साथ हुई इन घटनाओं से देश-दुनिया में देवभूमि का क्या संदेश जाएगा

देवभूमि उत्तराखण्ड में गत 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुले। इसके साथ ही 6 मई को केदारनाथ के भी द्वार खुले। प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। इसके अलावा हरिद्वार में बुद्ध पूर्णिमा गंगा स्नान पर भी लोग जा रहे हैं। देशभर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री उत्तराखण्ड आ रहे हैं। ऐसे में कोरोनाकाल में दो साल से बंद पड़े पर्यटन और कारोबार के पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है। सरकार भी चारधाम यात्रा को लेकर उत्साहित है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा का जायजा लेने केदारनाथ का दौरा कर आए हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर यात्रियों के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटनाओं की वीडियो वायरल हो रही है। तीर्थ यात्रियों के साथ इसकी शुरुआत हरिद्वार से ही हो जाती है। जहां पिछले दस दिन में चार से अधिक ऐसी घटनाएं सामने आई है। इससे कहीं न कहीं तीर्थ यात्री अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर भयभीत नजर आ रहे हैं।

जबकि उत्तराखण्ड की पुष्कर सिंह धामी सरकार चारधाम यात्रा पर तीर्थ यात्रियों को आमंत्रित करने के उपलक्ष्य में विज्ञापन पर ही करोड़ों का खर्च कर रही है। हालांकि उत्तराखण्ड में देश- विदेश के श्रद्धालु और यात्री चारों धामों का बड़ी संख्या में रुख कर रहे हैं। 6 मई को केदारनाथ मंदिर प्रांगण में इतनी भीड़ थी की पैर रखने को जगह नहीं थी। चार धाम यात्रा में सरकार तीर्थ यात्रियों को भरोसा दिला रही है कि उत्तराखण्ड आपके लिए सुरक्षित है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने उत्तराखण्ड दौरे पर लोगों को तीर्थयात्रा पर आने का आह्नान करते दिखें थे। लेकिन पिछले कई दिनों से यात्रियों के साथ बदसलूकी और मारपीट की जो घटनाएं सामने आ रही है उससे उत्तराखण्ड की ‘अतिथि देवो भवः’ की छवि धूमिल होती दिखाई दे रही है। ऐसे में प्रदेश की धामी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी है कि यात्रा के दौरान पर्यटकों के साथ हुई इन घटनाओं से देश-दुनिया में देवभूमि का क्या संदेश जाएगा?

पिछले 10 दिनों के भीतर चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हरिद्वार कुंभ नगरी में ही अकेले तीर्थ यात्रियों के साथ मारपीट की 4 से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी है। श्रद्धालुओं के साथ खुलेआम हो रही मारपीट की इन घटनाओं ने यात्रा सीजन में पुलिस की मुस्तैदी की पोल खोल दी है। श्रद्धालुओं और यात्रियों की राह देखने वाले हरिद्वार में यात्रा सीजन के दौरान उन्हें लाठी-डंडों से पीटा जा रहा है। जबकि उत्तराखण्ड सरकार ने पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि तीर्थ यात्रियों को कोई परेशानी न हो। लेकिन इन निर्देशों की धज्जियां उड़ रही हैं। पहली घटना हरिद्वार में युवा मोर्चा से जुड़े एक भाजपा नेता द्वारा अपने होटल में रुकी दिल्ली की तीन युवतियों के साथ अतिरिक्त बेड लगाए जाने को लेकर सामने आई। युवतियों ने होटल मालिक भाजपा नेता और उसकी पत्नी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। परंतु सत्ताधीशों के दबाव में नतमस्तक मित्र पुलिस कार्यवाही के नाम पर चुप्पी साधकर बैठ गई।

दूसरा मामला भी इसी भाजपा नेता के परिवार से जुड़े पेट्रोल पंप पर उस समय सामने आया जब हरिद्वार बस स्टैंड के निकट स्थित सहगल पेट्रोल पंप पर हरियाणा के यात्री अपनी कार में तेल भरवा रहे थे। इस दौरान किसी बात को लेकर उनकी पंप कर्मचरियों से कहा-सुनी हो गई। जिसके बाद पंपकर्मी यात्रियों और उनके वाहन पर लाठी डंडों से लैस होकर टूट पड़े और उनकी गाड़ी में भी तोड़-फोड़ कर डाली। इस घटना की वीडियो वायरल हो गई। वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि पंप के कर्मचारी यही नहीं रुके बल्कि उनके द्वारा इसके बाद यात्रियों को गाड़ी से बाहर निकाल उनके ऊपर भी हमला किया गया और उनको बुरी तरह घायल कर दिया। इसके बाद उनको डरा धमका कर वहां से भगा दिया गया। पुलिस से इस मामले में कार्रवाई न करने की वजह पूछी गई तो वह लिखित तहरीर न मिलने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ती नजर आई।

वही, तीसरे मामले में हरिद्वार के ट्रैवल कारोबारियों द्वारा मुंबई के यात्रियों की ट्रेवल मिनी बस को रोक लिया गया। बस में मुंबई के 17 यात्री सवार थे। ट्रैवल कारोबारी घंटों उनकी बस को रोक हंगामा करते रहे। हंगामा के दौरान यात्रियों में से एक महिला बेहोश हो गई। उनमें से एक प्रिया जायसवाल नामक महिला हरिद्वार के ट्रैवल कारोबारियों के विरोध में उतर गयी। जिसके बाद मामला बिगाड़ते देख ट्रैवल कारोबारी वहां से भागते नजर आए। चौथा मामला हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर उस समय सामने आया जब एक श्रद्धालु को स्थानीय दुकानदार उसकी बीवी और मासूम बच्चों के सामने पीटता हुआ कैमरे में कैद हो गया। स्थानीय दुकानदार और पीड़ित श्रद्धालु के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर मामूली कहासुनी से शुरू हुआ मामला मारपीट तक जा पंहुचा। इस दौरान दुकानदार ने श्रद्धालु को उसके बीवी और मासूम बच्चे के सामने पीटना शुरू कर दिया। उनकी बीवी मासूम बच्चे को गोद में लेकर अपने पति को बचाने की गुहार लगाती रहीं। लेकिन कोई भी उन्हें बचाने सामने नहीं आया। सवाल यह है कि इस प्रकार की घटनाओं पर चुप्पी साधे बैठी पुलिस आखिर कार्यवाही को लेकर मौन क्यों धारण किए हुए है?

हरिद्वार में ही गत् 15 मई को फिर एक महिला यात्री के साथ अभद्रता, मारपीट का मामला सामने आया है। दिल्ली से गंगा स्नान को धर्मनगरी पहुंची एक महिला यात्री और उसके परिजनों के साथ श्रवणनाथ नगर में एक होटल व्यवसायी ने वाहन खड़ा करने को लेकर मारपीट कर डाली। हंगामा बढ़ता देख मौके पर पुलिस पहुंची और कार्रवाई के बजाय मामले को रफा-दफा कर दिया। इस प्रकार यात्रियों के साथ लगातार हो रही मारपीट की घटनाओं से धर्मनगरी हरिद्वार में अतिथि देवो भवः की परंपरा जहां एक ओर धूमिल होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी ओर पीड़ित यात्रियों को पुलिस का साथ मिलने के बजाय अधिकतर घटनाओं पर पर्दा डालने का कार्य किया जा रहा है। जिस कारण कुछ घटनाएं तो प्रकाश में ही नहीं आती है। हरिद्वार के साथ-साथ यात्रा सीजन में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी यात्रियों के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें जनपद उत्तरकाशी से भी एक मामला सामने आया है। यहां पुलिसकर्मी ही शराब के नशे में धुत्त होकर श्रद्धालुओं के वाहन को रोकते हुए उनसे अभद्रता करता हुआ कैमरे में कैद हो गया। हालांकि बाद में यह मामला प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के संज्ञान में आने पर आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। उत्तरकाशी में हुए इस घटनाक्रम के अनुसार बड़कोट थाने में तैनात सिपाही अंकुर चौधरी एक महिला श्रद्धालु के वाहन को रोकते हुए उसके साथ अभद्रता करते हुए कैमरे में कैद हो गया। सिपाही की वीडियो वायरल हो गयी।

वायरल हो रहे वीडियो में बड़कोट क्षेत्र में कुछ पुलिसकर्मियों ने यात्रियों के एक वाहन को रोका। वाहन में सवार महिला यात्री पुलिस से वाहन रोके जाने का कारण पूछ रही है, साथ ही पुलिसकर्मियों द्वारा 100 रुपये मांगें जाने की बाबत भी बात कर रही थी। महिला यात्री वीडियो में कह रही है कि वाहन में उसकी मां भी सवार है, जिसकी तबियत खराब है। बावजूद इसके पुलिसकर्मी वाहन को जाने नहीं दे रहे हैं। इस मामले में उत्तराखण्ड पुलिस की फजीहत होते देख डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल ही एसपी को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी द्वारा आरोपी पुलिसकर्मी को तुरंत निलंबित कर दिया गया। भले ही उत्तरकाशी के बड़कोट में तैनात पुलिसकर्मी के विरुद्ध कार्यवाही हो गई हो लेकिन चारधाम यात्रा के मार्गों पर कमोबेश पुलिस का यही हाल नजर आ रहा है।

यात्रा के दौरान अव्यवस्था का आलम यह है कि केदारनाथ के कपाट खुलने पर मंदिर के वीआईपी गेट पर भी यात्रियों के साथ पुलिस के जवानों द्वारा धक्का-मुक्की की गई। बताया जाता है कि इससे दुखी होकर सैकड़ों तीर्थ यात्री बिना दर्शन किए ही वापस लौटने को मजबूर हो गए। केदारनाथ में पुलिसकर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ की गई धक्का-मुक्की का मुख्य कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ना बताया जा रहा है। जबकि सत्यता यह है कि प्रशासन और पुलिस को भी इतनी भारी भीड़ का अंदाजा नहीं था। इस दिन केदारनाथ मंदिर पर रिकॉर्ड तोड़ 18 हजार यात्री पहुंचे। जिस कारण मंदिर परिसर की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई।

जिस तरह से यात्रियों के साथ मारपीट की घटनाएं हो रही है, लोग मर रहे हैं उससे चारधाम यात्रा असुरक्षित हो रही है। मैंने इस पर एक ट्वीट भी किया था और सरकार का ध्यान इस तरफ दिलाया था। लेकिन सरकार इस ओर से मुंह फेर रही है। यात्री ही उत्तराखण्ड की रोजी-रोटी है। अगर उनके साथ कुछ अप्रिय घटना होती है तो यह गलत है। फिलहाल यात्रियों पर धार्मिक जुनून सवार है वह बहुतायत की संख्या में वहां पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके हिसाब से सरकार सुविधाएं नहीं दे रही है।
वर्ष 2018-19 की तुलना में यह चारधाम यात्रा अव्यवसित और असुरक्षित है।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री

सीएम का सराहनीय फैसला
केदारनाथ में वीआईपी दर्शन के चलते आम श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। खासकर केदारनाथ में मौसम की चुनौती यानी ठंड और बारिश के बीच घंटों लाइन में लगने से कई तीर्थयात्रियों की तबीयत खराब हो रही थी जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। जबकि वहां देखने में आ रहा था कि वीआईपी लोग बिना लाइन में लगे और आसानी से दर्शन कर रहे थे जिससे आम श्रद्धालु परेशान हो रहे थे। इसके मद्देनजर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अब सभी श्रद्धालुओं के लिए एक समान व्यवस्था रहेगी। गौरतलब है कि बाबा केदार के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करना शासन-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। कपाट खुलने के दिन ही 18000 लोग केदारनाथ पहुंच गए थे।

 

बात अपनी-अपनी
मैं इस मामले पर पहले ही बोल चुका हूं। जब मैं केदारनाथ यात्रा करके लौटा तो मैंने इस सभी समस्याओं को प्रेस के माध्यम से सरकार के सामने रखा था। प्रदेश में अतिथि देवो भवः की छवि पर गहरा धब्बा लग रहा है। यात्रियों के साथ बदसलूकी और मारपीट आम हो चली है। पुसिल भी मूकदर्शक बनी हुई है। लोग बेमौत मर रहे हैं। यात्रियों के लिए ऑक्सीजन प्लांट तक नहीं हैं।
करण माहरा, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखण्ड कांग्रेस

अतिथि देवो भवः हमारी संस्कृति और सभ्यता रही है। लेकिन बदली परिस्थितियों में यह संस्कृति भी बदल रही है। फिलहाल हरिद्वार सहित पूरे प्रदेश में यात्रियों के साथ घट रही घटनाओं से देवभूमि की साख को बट्टा लग रहा है। सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। इसी के साथ यात्रियों को बिजली, पानी तक मुहैया नहीं हो रहे हैं। यात्राओं में लोग मर रहे हैं। लेकिन सरकार इस तरफ कुछ नहीं कर रही है बल्कि भाजपा के नेता तो श्रद्धालुओं की मौत को मोक्ष प्राप्ति तक कह रहे हैं।
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखण्ड

यात्रियों के साथ मारपीट की एक दो घटनाएं सामने आई है। जिसमें पुलिस द्वारा प्रॉपर कार्रवाई की गई है। ऐसा नहीं है कोई भी झगड़े की सूचना मिलती है तो पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच अपना काम कर रही है। कुछ मामले सामने आए हैं जिनको तत्काल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुलझाया है।
स्वतंत्र कुमार, पुलिस अधीक्षक, नगर हरिद्वार

सिपाही द्वारा महिला यात्री के वाहन को रोककर की गई अभद्रता के मामले में आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए गए हैं। भविष्य में सभी पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार अपनाएं। अगर दुबारा कोई ऐसा मामला सामने आया तो उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी श्रद्धालुओं का हम स्वागत करते हैं।
अर्पण यदुवंशी, पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी

जहां तक यात्रियों और व्यापारियों के बीच विवाद का सवाल है तो अधिकतर मामले यात्रियों द्वारा व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने तथा उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बाहर अनाधिकृत रूप से गाड़ी खड़ी करने को लेकर सामने आए हैं। हमारा मानना है कि ऐसे में व्यापारियों को भी संयम बरतना चाहिए और पुलिस को सूचना देकर ऐसे उद्दंड यात्रियों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। धर्मनगरी में पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है जो विवाद का मुख्य कारण बना हुआ है।
सुनील सेट्ठी, अध्यक्ष, महानगर व्यापार मंडल हरिद्वार

यह एक कटु सत्य है कि व्यापारी कभी झगड़ा नहीं चाहता लेकिन भीड़ में मौजूद कुछ अराजक तत्व झगड़े का कारण बनते हैं। धर्मनगरी में व्यापारी और श्रद्धालुओं के बीच होने वाले विवादों में खाने के पैसे को लेकर या फिर वाहन खड़ा करने को लेकर होने वाली घटनाएं सामने आई है। ऐसे में व्यापारी भी समझदारी का परिचय देकर पुलिस को सूचित करें तो इस प्रकार के विवाद सामने नहीं आएंगे।
संजीव चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, व्यापार मंडल उत्तराखण्ड

हरिद्वार में पार्किंग सबसे बड़ी समस्या है और 2 साल कोरोना महामारी के बाद चारधाम यात्रा प्रारंभ हुई है जो वर्तमान में अपने पीक पर है। ऐसे में पुलिस को भी आम यात्रियों को पार्किंग के संबंध में गाइड करने की आवश्यकता है, जिसमें फिलहाल पुलिस विफल है। जिस कारण टकराव की घटनाएं सामने आती है। यही नही यात्रियों के साथ-साथ व्यापारियों को भी समझदारी दिखानी चाहिए। जिससे भाईचारे के साथ-साथ अतिथि देवो भवः की परंपरा बनी रहे।
आदेश त्यागी, वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व अध्यक्ष प्रेस क्लब हरिद्वार

 

 

 

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