[gtranslate]
Uttarakhand

आपदा की आहट अफसरों में सरसराहट

 


बरसात का मौसम उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा को लेकर आता है। इस मौसम में यहां के वाशिंदों को सबसे ज्यादा भय आपदा आने का ही सताता रहता है। इसके मद्देनजर ही जनपद पौढ़ी के जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन की बैठक की है। इस बैठक में जिलाधिकारी ने आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) टीम से जुड़े सभी विभागों की बिन्दुवार बैठक ली। जिसमें डीएम ने विभागों की जानकारी तत्काल आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा कार्यों की सही जानकारी नहीं होने पर पूर्ति निरीक्षक को जमकर फटकार भी लगाई। यही नहीं बल्कि पौढ़ी के जिलाधिकारी ने बैठक में नदारद पशुपालन, मत्स्य, जल निगम समेत पांच अधिकारियों के आपदा अधिनियम के तहत स्पष्टीकरण तलब किए हैं।


कलक्ट्रेट सभागार में डीएम पौड़ी डॉ ़ विजय कुमार जोगदंडे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी रेखीय विभागों ने प्रतिभाग किया। डीएम ने भी विभागों के कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की। वहीं बैठक से नदारद मुख्य पशुपालन अधिकारी, मत्स्य, जल निगम, विद्युत व एनएच धुमाकोट का आपदा अधिनियम के तहत स्पष्टीकरण तलब किया है। कहा कि अधिनियम के तहत यह बैठक अनिवार्य और आवश्यक सेवाओं में से एक है। इस दौरान डीएम आपदा प्रबंधन की सूची में कई पुराने अधिकारियों के नाम और नंबर अपडेट नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सभी विभागों से अपनी अपडेट जानकारी आपदा कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने आपदा कार्यों में कतई लापरवाही नहीं बरतने के भी निर्देश दिए हैं।


डीएम ने नगर पालिकाओं को दिए सख्त निर्देश
जिला आपदा प्रबंधन की बैठक में डीएम डॉ ़विजय कुमार जोगदंडे ने सभी नगरपालिकाओं, नगर निगम व नगर पंचायतों के कार्यों की गहनता से समीक्षा की। डीएम ने अभी तक पालिका क्षेत्र के अंतर्गत कितने जर्जर भवनों को चिंहित किया गया है, साथ ही कितने जर्जर भवनों पर निवास न करने की चेतावनी चस्पा की है, आदि की जानकारी मांगी। यही नहीं डीएम ने सख्त हिदायत दी कि आपदा के दौरान किसी भी जर्जर भवन में कोई जनहानि हुई तो उसकी सारी जिम्मेदारी पालिका प्रशासन की होगी। साथ ही उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को आगामी 1 जुलाई से पूर्व ऐसे जर्जर भवनों को चिह्नित करने व उन पर निवास नहीं करने लायक भवन की चेतावनी बड़े साइन बोर्ड में चस्पा करने के निर्देश दिए हैं।

खाद्य आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी अहम
डीएम पौड़ी डॉ ़विजय कुमार जोगदंडे ने आपदा में राहत और बचाव कार्यों के बाद खाद्य विभाग की जिम्मेदारी को सबसे अहम बताया है। डीएम ने पूर्ति विभाग को जनपद के लिए 5 सौ राहत पैकेट अभी से तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें खाने की सभी सामग्रियों को रखने को कहा है। इसके अलावा डीएम ने भोजन तैयार करने के लिए टेंडर प्रक्रिया करने को कहा है। उन्होंने कहा कि भोजन व्यवस्था के लिए तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।


जनपद में स्थापित होंगी दो बाढ़ चौकी
आपदा की हर संभावित घटना से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने सभी तैयारियों को अमलीजामा पहना दिया है। जिले में पहली बार बाढ़ चौकियां भी स्थापित होने जा रही हैं। पौड़ी जिले में दो बाढ़ चौकियां श्रीनगर व कोटद्वार में बनाई जाएंगी। इस कार्य की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के सौंपी गई है। शहर में बाढ़ के हालात उत्पन्न होने पर बाढ़ चौकियां राहत और बचाव कार्य करेंगी।


जिले दो एसडीआरएफ टीम
डीएम ने जिले में इस बार एसडीआरएफ की दो अतिरिक्त टीमें मंगवाई हैं। जिसमें से एक टीम द्वारीखाल व दूसरी टीम बीरोंखाल के पास तैनात की जाएंगी। सीओ सदर पीएल टम्टा ने बताया कि जिले में अभी एसडीआरएफ की तीन व जलपुलिस की एक टीम मौजूद है जो कि कोटद्वार, सतपुली, श्रीनगर में तैनात हैं। जबकि जल पुलिस भी श्रीनगर में ही उपलब्ध है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD