[gtranslate]
Uttarakhand

उत्तराखंड के सीमांत गांवों तक कोरोना फैलने का खतरा

  • दाताराम चमोली
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की व्वस्थाओं में एक हल्की सी चूक सीमांत गांवों तक कोरोना फैलाने के लिए काफी है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए जल्दबाजी में चारधाम यात्रा शुरू न करे। जब तक यात्रा पडा़वों और तीर्थ स्थलों पर कोरोना संक्रमण रोकने के ठोस इंतजाम नहीं हो जाते तब तक वहां ज्यादा संख्या में लोगों की आवाजाही बेहद खतरनाक साबित होगी।
हालांकि शासन-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम करने और 8 जून से यात्रा शुरू किये जाने की बातें हो रही हैं, लेकिन इसमें सोचने का विषय यह भी है कि आखिर स्थानीय लोगों के भी कुछ व्यावहारिक अनुभव हो सकते हैं। इस वक्त तीर्थ पुरोहित, स्थानीय होटल व्वसायी, दुकानदार और आम लोग सभी महसूस कर रहे हैं कि यात्रा शुरू करना बहुत बड़ा जोखिम है। लोगों की चिंता अकारण नहीं है।

वे देख रहे हैं कि देश के महानगरों से संक्रमित होकर आए लोग पहले ही राज्य के लिए खतरनाक साबित हुए हैं, वहीं अब यदि महानगरों या देश के विभिन्न भागों से लोग चार धामों तक पहुंचते हैं तो पहाड़ के सुदूर क्षेत्रों तक जहां कि इलाज के नाम पर लोगों को बुखार की एक गोली तक उपलब्ध नहीं होती, वहां भी कोरोना जैसी महामारी के फैलने की प्रबल आशंकाएं रहेंगी। माणा जैसे सीमांत गांव तक इसकी चपेट में आ जाएंगे।ऐसे में यात्रा शुरू करने से पहले सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर लेना चाहिए।

You may also like

MERA DDDD DDD DD