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Uttarakhand

अपने आप को ही धन्यवाद

मौजूदा समय में उत्तराखण्ड की राजनीति में सोशल मीडिया का जमकर उपयोग होने लगा है। किसी भी काम को पूरा होने के बाद तो उसका श्रेय लेने की जबर्दस्त होड़ देखने को मिल रही है। इस होड़ में सत्ताधारी भाजपा सबसे आगे दिखाई दे रही है। प्रवासी उत्तराखण्डियों को प्रदेश में वापस लाए जाने के मामले में भाजपा नेताओं ने श्रेय लेने और अपने आप को सबसे बेहतर साबित करने का अभियान सोशल मीडिया में छेड़ा हुआ है। मजे की बात यह है कि इस होड़ में स्वयं मुख्यमंत्री कार्यालय भी नहीं बच पाया और प्रवासी उत्तराखण्डियों को प्रदेश लाने के लिए सोशल मीडिया में तमाम तरह की पोस्ट और वीडियो चलाए जा रहे हैं।

खास बात यह है कि इस तरह के अभियान में मुख्यमंत्री समर्थकों के अलावा सोशल मीडिया टीम के जारी किए गए पोस्ट और प्रचार सामग्री से कई बार मजाक भी बन रही है। जिसमें प्रवासियों को मुख्यमंत्री के पक्ष में बातें बोलने के लिए प्रेरित करने और सरकार के गुणगान करने का प्रमाण स्वयं उनके ही वीडियो में झलका रहा है। इसके बावजूद इस तरह का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया में जारी है।

हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अधिकृत फेसबुक अकाउंट पर जारी की गई पोस्ट को देखें तो इससे साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया को चलाने वाली टीम नैसिखियों की तरह काम कर रही है। प्रवासी उत्तराखण्डियों को प्रदेश में सुरक्षित वापस के लिए स्वयं मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया एकाउंट से त्रिवेंद्र रावत को धन्यवाद दिया गया है। मुख्यमंत्री को अपने ही राज्यवासियों को वापस लाने के लिए स्वयं को अनेक धन्यवाद प्रेषित किया गया है।

दरअसल, पुणे महाराष्ट्र से 1206 प्रवासियों को रेल मार्ग द्वारा उत्तराखण्ड लाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के अधिकृत सोशल मीडिया एकाउंट से केंद्र सरकार, भारतीय रेल तथा मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत को धन्यवाद देने की पोस्ट जारी की गई है। पोस्ट में लिखा गया है कि पुणे महाराष्ट्र से 1206 प्रवासियों को लेकर ट्रेन हरिद्वार उत्तराखण्ड के लिए प्रस्थान। केंद्र सरकार का कोटि-कोटि धन्यवाद। साथ ही माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी का अनेक आभार। आपकी सरकार आपके साथ है। हैरानी इस बात की है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय स्वयं मुख्यमंत्री को ही धन्यवाद देने से नहीं चुका, जबकि यह सोशल मीडिया एकाउंट उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकृत एकाउंट है।

इसी तरह सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के पक्ष में प्रवासी उत्तराखण्डियों की वापसी के लिए प्रचार के माध्यम से कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैंे। इसके लिए तीन वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुए हैं जिसमें एक वीडियो महज 7 सेकेंड का है। इसमें वीडियो बनाने वाला गुड़गांव की एक युवती से कह रहा है कि बोल दीजिए कि हम आ रहे हंै। इसके बाद दूसरा वीडियो 1 मिनट 27 सेकेंड का है जिसमें वही गुड़गांव की युवती उत्तराखण्ड सरकार और मुख्यमत्री को धन्यवाद दे रही है और सरकार की मदद से अभिभूत दिखाई दे रही है।

तीसरा वीडियो बेहद दिलचस्प है। यह भी गुड़गाव के किसी उत्तराखण्डी नागरिक का है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इस व्यक्ति को वीडियो बनाने वाला समझा रहा है, उसे क्या-क्या बोलना है। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति धीमे स्वर में कह रहा है, सीएम के लिए भी। परंतु यह व्यक्ति समझ नहीं पाया तो उसने कहा हैं जी। फिर वीडियो बनाने वाले ने उसे शायद समझा दिया तो वह तुंरत बोल पड़ा हां जी। हम उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी का धन्यवाद करते जो अपने लोगों को लाने के लिए काम कर रहे हैं। इसी वीडियो में पुलिस-प्रशासन के लिए भी बोलने को कहा जा रहा है जिसके बाद यही व्यक्ति पुलियस-प्रशासन को धन्यवाद देता दिखाई दे रहा है।

प्रदेश सरकार और प्रशासन ने जिस तरह से उत्तराखण्ड के लोगों को जो अन्य प्रदेशों में ंलाॅकडाउन के चलते फंसे हुए हैं, को प्रदेश वापस लाने के लिए परिवहन व्यवस्था चलाई है। यह सरकार का एक अच्छा काम है जेसे अन्य राज्यों की सरकार कर रही है। वैसे ही उत्तराखण्ड की सरकार भी कर रही है। इसका स्वागत होना भी चाहिए ओैर सरकार के काम का प्रचार भी हो तो इसमें बुराई नहीं दिखती। लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस तरह के काम करने वाली टीम के काम से ही सरकार और खास तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय का मजाक भी बन रहा है।

सोशल मीडिया में जारी पोस्ट पर तमाम तरह की टिप्पणियां आ रही हैं जिसमें सरकार का मजाक बनाया जा रहा है। खास तौर से इस तरह के प्रचार के वीडियो बनाने वाले समर्थकों और सोशल मीडिया टीम की मजाक भरी टिप्पणियां जमकर वायरल हो रही है। मुख्यमंत्री के अधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट से अपने आप को धन्यवाद देने पर भी सोशल मीडिया चलाने पाली टीम के नौसिखियेपन पर मजाक बनाया जा रहा है।

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