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Uttarakhand

जनजागरूकता से ही नशा मुक्त होगा प्रदेश

हल्द्वानी में आयोजित ‘नशे के खिलाफ जागरूकता’ अभियान में जिस प्रकार युवाओं खासकर महिलाओं की उपस्थिति रही उसने शंकर कोरंगा का कद तो बढ़ाया ही साथ ही भारी संख्या में पूर्व सैनिकों की उपस्थिति ने भी आभास कराया है कि नशे के खिलाफ अभियान में जनजागरूकता के माध्यम से बड़ी लड़ाई लड़ी जा सकती है

उत्तराखण्ड में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति से समाज का हर तबका किसी न किसी रूप में पीड़ित है। नशे के विभिन्न स्वरूपों खासकर स्मैक और चरस ने युवा पीढ़ी को अपनी चपेट में ले लिया है। नशा किसी भी प्रकार का सामाजिक या आर्थिक विभेद नहीं करता। उसके लिए अमीर-गरीब और ऊंच-नीच का कोई मानक नहीं है। खासकर युवा वर्ग में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति ने समाज के हर तबके को चिÐत कर दिया है। नशे के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार, पुलिस, सामाजिक संगठन, स्वयं सेवी संस्थाओं के अलावा कुछ जागरूक लोग व्यक्तिगत प्रयासों से जागरूकता फैला रहे हैं। कुमाऊं का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी में इसी कड़ी में भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री, युवा भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह कोरंगा ने ‘नशे के खिलाफ जागरूकता’ कार्यक्रम के माध्यम से एक जनसभा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से कोरंगा भाजपा के अंदर ही एक लंबी लकीर खींचने में सफल रहे।

हल्द्वानी के एम ़बी ़ इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित विशाल जनसभा में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम के लिए शंकर सिंह कोरंगा की सराहना करते हुए अजय भट्ट ने कहा कि ‘युवा जोश, युवा सोच’ का संकल्प तभी सार्थक होगा जब हमारा युवा नशे की प्रवृत्ति को ‘ना’ कह कर देश की सेवा के प्रति अपनी सोच रखेगा। अजय भट्ट ने युवाओं से अपील की कि युवा नशे की प्रवृत्ति को त्यागें और अपने भविष्य के लिए गंभीरता से सोचे। युवा हिंदुस्तान का भविष्य हैं और किसी देश के युवा को नशे की प्रवृत्ति की ओर धकेलना हिंदुस्तान की एक पीढ़ी को अंधकार की ओर धकेलने के समान है।

उत्तराखण्ड का जिक्र करते हुए भट्ट ने कहा, यहां के युवा भारत के गौरव हैं और उत्तराखण्ड के प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति सेना में अवश्य है जो सिद्ध करता है कि राज्य का हर व्यक्ति देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहता है। उन्होंने उत्तराखण्ड में नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में नशे के रूप में जो कुरीति फैल रही है उससे मुकाबला संगठित होकर ही किया जा सकता है। नशे के सौदागरों को जड़ से उखाड़ने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि नशे के व्यापारियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। सरकार और पुलिस के प्रयासों में अभिभावकों के सहयोग की जरूरत है। अभिभावक अपने बच्चों की आदतों और बदलते व्यवहार पर नजर रखें और बच्चा नशे की गिरफ्त में है तो उसकी काउंसिलिंग स्वयं करें।

‘नशे के खिलाफ जागरूकता’ कार्यक्रम समाज में फैलती उस नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ है जिसने पूरी युवा पीढ़ी को अपनी जकड़ में ले लिया है। समाज के हर जागरूक नागरिक का कर्त्तव्य है कि नशे के खिलाफ एक जुट हो युवा पीढ़ी को गर्त में जाने से बचाएं। इस दौरान शंकर सिंह कोरंगा ने अपनी मुहीम का जिक्र करते हुए कहा कि नशे के खिलाफ उनका यह अभियान निरंतर चलते रहने वाला अभियान है जो आगे आने वाले समय में नशा मुक्त कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से जारी रहेगा। नशा मुक्त उत्तराखण्ड का आगाज हल्द्वानी से हो चुका है और नशे के खिलाफ मुहीम को पूरे राज्य में ले जाएंगे। हल्द्वानी में आयोजित ‘नशे के खिलाफ जागरूकता’ अभियान में जिस प्रकार युवाओं खासकर महिलाओं की उपस्थिति रही उसने शंकर कोरंगा का कद तो बढ़ाया ही साथ ही भारी संख्या में युवाओं, महिलाओं और पूर्व सैनिकों की उपस्थिति ने भी आभास कराया है कि नशे के खिलाफ अभियान में जनजागरूकता के माध्यम से बड़ी लड़ाई लड़ी जा सकती है। शंकर कोरंगा का कहना है कि अब उनका उद्देश्य हल्द्वानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों खासकर नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में जागरूकता अभियान की शुरुआत कर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करेंगे। हर वार्ड में युवाओं को साथ लेकर वह अपने अभियान को तब तक चलाते रहेंगे जब-तक पूरा प्रदेश नशा मुक्त नहीं हो जाता।

प्रदेश भाजपा में व्याप्त गुटबाजी की तरफ इशारा करते हुए कोरंगा कहते हैं ‘कभी सामाजिक कार्यक्रम भी राजनीति से अछूते नहीं रह पाते। जिनके दिमाग में राजनीति ज्यादा खेलती है, उन्हें ऐसे कार्यक्रम राजनीतिक खतरा नजर आते हैं।’ इस सफल कार्यक्रम को असफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस कार्यक्रम में न आने की सलाह कुछ स्वयंभू (क्षत्रपों) ने दी जो स्वयं की इस सरकार में ताकतवर होने का दम भरते हैं। नगर निगम भी मैदान की अनुमति देने में अंतिम समय तक टालमटोल करता रहा। कुल मिलाकर कोरंगा के अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम भाजपा की अंदरूनी राजनीति का शिकार होने से बच गया तथा जनता ने राजनीतिज्ञों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि सामाजिक कार्यक्रमों में जनता हमेशा दलीय राजनीति से ऊपर सोचती है। कार्यक्रम में लोक गायिका माया उपाध्याय और लोक गायक इंदर आर्य के गीतों में लोग खूब झूमे। मेयर डॉ ़ जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री रेनू अधिकारी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद दर्शन सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस आयोजन में शामिल हुए।

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