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Uttarakhand

स्मैक तस्करी रोकने में नाकाम मित्र पुलिस… 

 मैदान के साथ ही पहाड़ की युवा पीढ़ी स्मैक के नशे की चपेट में बुरी तरह फस गई है। देवभूमि में अभिशाप साबित होती स्मैक सीमांत जिलों तक परोसी जा रही है। चंद पैसों के लालच के चलते नई पीढ़ी बर्बाद करने में तुले नशे के सौदागरों पर आखिर किसका संरक्षण है ? उत्तर प्रदेश से भारी मात्रा में सप्लाई की जाने वाली स्मैक का तांडव कुछ इस तरह हावी होने लगा है कि अब देवभूमि भी पंजाब की राह पर चलने लगा है, जो बेहद चिंतनीय है। उत्तराखण्ड सरकार को स्मैक जैसे घातक नशे के खिलाफ कठोर कानून बनाने चाहिए। अगर देहरादून में बैठे सरकार के नुमाइंदे और लाल फीताशाही को थोड़ी फुर्सत मिले तो प्रदेश की युवा पीढ़ी जो अंधकार की तरफ धकेली जा रही है उन्हें बचाने के प्रयास किए जाने के साथ ही नशा और स्मैक की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की करनी चाहिए। अगर कुमाऊ में स्मैक तस्करी की बात कही जाय तो वह उत्तर प्रदेश के बरेली समेत अन्य जिलों से भारी मात्रा में सप्लाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की मदद से नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे धकेला जाना बेहद जरूरी है। मित्र पुलिस आये दिन स्मैक तस्करों को जेल भेज रही है फिर भी स्मैक सीमांत जिले पिथौरागढ़ तक पहुचने में कामयाब हो जाती है। यानी स्मैक तस्कर पुलिस से भी दो कदम आगे चल रहे है। या फिर यूं कहें कि पुलिस महकमे का खुपिया तंत्र दिन प्रतिदिन कमजोर पड़ता जा रहा है। गौरतलब है कि विगत दिनों हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट ने सबित किया कक्षा ग्यारह में पड़ने वाली नाबालिक छात्रा को स्मैक के लालच ने उसे गर्भवती बना दिया, जिसने देवभूमि को शर्मसार किया एवम नशे की रोकथाम का दावा करने वालो के लिए इससे बड़ा तमाचा और क्या हो सकता है ? स्मैक की बाइट से युवाओं की जिंदगी सिकुड़ सी गई हैं। इस महंगे नशे ने कई परिवार बर्बाद कर दिए है, नशे की पूर्ति के लिए पैसो की जरुरत पड़ने लगी तो युवा अब लूटपाट के साथ साथ चोरियां भी करने को मजबूर है। अभिवावक बच्चे का भविष्य बनाने के लिए अपने से दूर कर अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं, पर उन्हें क्या पता स्मैक के सौदागर उनकी उम्मीदों को उनसे दूर कर मौत के मुहाने पर खड़ा करने का काम कर रहे है। इस जहरीले नशे से कई परिवारों के चिराग बुझ चुके है और कई बुझने की कगार पर है। सरकार को विशेष तौर पर स्मैक तस्करी की रोकथाम के लिए स्पेशल टीम का गठन करना बेहद जरूरी हो गया है, जो सिर्फ स्मैक तस्करी रोकने का काम करे, अगर अभी भी सरकार नही जागी तो फिर बहुत देर हो चुकी होगी।

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