देहरादून। उत्तरखण्ड की स्थापना के बाद से ही इस छोटे से प्रदेश की राजनीति में जहां भ्रष्टाचार और घोटालों की चर्चाएं रही हैं, वहीं सेक्स स्कैण्डलों की गूंज भी हर सरकार के कार्यकाल में सुनाई देती रही है। प्रदेश ही राजनीति को सबसे ज्यादा गरमाने वाले जैनी कांड के बाद कई छोटे बड़े मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में भाजपा के नेता और द्वाराहाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश नेगी पर एक महिला के द्वारा जबरन यौन शोषण और बलात्कार करने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। महिला का दावा है कि उसकी पुत्री के पिता भी महेश नेगी ही हैं। अपने आरोपों की पुष्टि के लिये महिला डीएनए जांच करवाने की भी मांग कर रही है। उसने विधायक के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। जबकि विधायक महेश नेगी की पत्नी ने महिला के खिलाफ विधायक को बदनाम करने और ब्लैकमंलिग के आरोप लगाते हुये रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 15 अगस्त 2020 को महिला ने तरहीर दी है कि विधायक महेश नेगी के द्वारा कई बार उसका यौन शोषण किया गया है। महिला के मुताबिक विधायक उसे अपने साथ मसूरी, दिल्ली, अल्मोड़ा,नैनीताल, हल्द्वानी, हिमाचल तथा नेपाल लेकर गये और वहां उसके साथ जबरन बलात्कार किया।
महिला ने पुलिस को दी गई तहरीर में यह भी दावा किया है कि उसकी शादी के तीन दिन पहले विधायक नेगी उसे मसूरी ले गए थे और वहां उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया। देहादून के एक अस्पताल में उसका इलाज स्वयं विधायक के द्वारा करवाया गया था। महिला का दावा है कि उसकी लड़की के पिता विधायक महेश नेगी ही हैं। महिला के मुताबिक लड़की की डीएनए जांच करवाई गई तो उसके पति से मिलान नहीं हुआ। ऐसा इसलिए कि विधायक ही उसकी उसकी लड़की के पिता हैं। उसने मांग की है कि विधायक का डीएनए टेस्ट करवाया जाए।
इससे पूर्व 14 अगस्त को विधायक महेश नेगी की पत्नी के द्वारा देहरादून के नेहरू कालोनी थाने में उक्त महिला और उसके परिवार के खिलाफ विधायक महेश नेगी को बदनाम करने और ब्लैकमेलिंग करने तथा पांच करोड़ रूपये मांगने का आरोप लगाते हुये मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
15 अगस्त को भी महिला के द्वारा पुलिस में एक और तहरीर दी गई जिसमें लिखा है कि विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी के द्वारा मुझे देहरादून के राजपुर रोड़ के एक रेस्त्रा में बुलाया गया। वहां मेरे सामने रुपये रखे और कहा कि फिलहाल पांच लाख रूपये पकड़ो और अपना मुंह बद रखो। मैंने कहा मुझे मेरी बेटी का हक चाहिये तो रीता नेगी ने कहा कि वह मुझे 25 लाख और देगी और जो वो कहेगी वही मुझे करना होगा। मेरे इंकार करने पर रीता नेगी के द्वारा नेहरू कालोनी थाने में मेरे और मेरे पति तथा अन्य के विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।
अब इस मामले में राजनीति भी होने लगी है। मामला एक सत्ताधारी पार्टी के विधायक से जुड़ा होने के चलते पुलिस भी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं तो वहीं भाजपा इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है। यहां तक कि भाजपा के किसी भी नेता के द्वारा इस मामले में कोई बयान तक नहीं दिया गया है। किसी भी नेता ने अपने विधायक महेश नेगी के समर्थन में कोई बात नहीं कही है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी सधे हुये अंदाज में कह रहे हैं कि मामला पुलिस में है और इसकी जांच होने के बाद ही कुछ कहा जायेगा या कोई कार्यवाही की जायेगी।
इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है यह तो पुलिस की जांच में सामने आ पायेगा, लेकिन फिलहाल विधायक नेगी के लिए स्थिति परेशानी वाली तो हो ही गई है। जानकारों का मानना है कि यदि महिला डीएनए टेस्ट की मांग को लेकर न्यायालय गई तो विधायक को करवाना ही पड़ेगा। जब एनडी तिवारी जैसे नेता को जांच के लिए सैंपल देना पडा तो विधायक नेगी कैसे बच सकते हैं।