[gtranslate]
  •      संजय कुंवर

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जोशीमठ दौरे के बाद प्रशासन मुस्तैद हो गया है। फिलहाल जोशीमठ को बचाने के लिए गठित की गई कमेटी भी अपने स्तर से जांच-पड़ताल में जुट गई है। इसे अलावा जर्जर हो चुके मकानों को भी हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जोशीमठ के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार सक्रिय है। कई योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। जबकि तकनीकी संस्थानों के वैज्ञानिकों का जोशीमठ में जमावड़ा लगा हुआ है।

जोशीमठ में डेंजर जोन घोषित किए गए भवनों को 9 जनवरी से ढहाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के आदेश के बाद सभी डेंजर जोन के 65 मकानों पर प्रशासन द्वारा लाल रंग का क्रॉस मार्क किए जाने के बाद इन सभी भवनों को तोड़ने की कार्यवाही की जा रही है जिसमें करीब 60 मजदूर लगाए गए हैं। 10 जनवरी को 27 और परिवारों के भवन खाली कराए गए। यह भवन रहने लायक नहीं थे।
भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 9 वार्ड में 678 भवन प्रभावित हुए हैं।

जिला प्रशासन ने शहर में रह रहे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अब तक 81 परिवारों को विभिन्न अस्थायी स्थानों पर विस्थापित किया है। जिला प्रशासन नगर क्षेत्र में निरंतर नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र अंतर्गत निवास करने योग्य 213 कमरों की क्षमता वाले कुल 16 भवनों को चयनित किया गया है। जिसमें कुल 1191 लोगों को ठहराया जा सकता है। जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत 4 वार्डों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाने का आदेश जारी किया गया है।

  • भू धंसाव की पहली बार होगी तकनीकी जांच
    तकनीकी संस्थानों के वैज्ञानिकों का लगा जोशीमठ में जमवाड़ा।
    जोशीमठ आपदा ग्रस्त भूमि की होगी जियो स्टडी
    आपदा राहत पैकेज में भी संशोधन का प्रस्ताव है।
    केंद्र सरकार से जोशीमठ के लिए विशेष आपदा राहत पैकेज मांगेगी प्रदेश सरकार।
    जोशीमठ में चल रहे राहत पुनर्वास कार्यों की मानिटरिंग के लिए भी दो कमेटी गठित सीएस को देंगे रोज रिपोर्ट।
    जोशीमठ का बनाया जाएगा नया मास्टर प्लान।
    जोशीमठ क्षेत्र की मिट्टी में हो रहे कटाव और धंसाव की होगी उच्च स्तरीय जांच।
    प्रभावितों को नई जगह बसाने से पूर्व होगी भू-धंसाव की गहन जांच।
    जोशीमठ के समीप कोठी फार्म, जड़ी-बूटी संस्थान परसारी, पीपलकोटी सेमलडाला जैसे विस्थापन स्थलों पर विस्थापितों को फिलहाल बसाने की योजना।
    भू-वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद ही होगा अंतिम निर्णय

You may also like

MERA DDDD DDD DD