विधानसभा चुनाव निपटते ही भाजपा में घमासान शुरू हो गया है। भाजपा के कई विधायकों-प्रत्याशियों के तीखे तेवरां के साथ चुनाव में हरवाने का काम करने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। गम्भीर बात यह है कि पहली बार सीधे भाजपा प्रदेश संगठन के शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा किया गया है। लक्सर के विधायक और भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही चुनाव में उनको हरवाने का काम करने का बड़ा आरोप जड़ दिया तो काशीपुर के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा और चम्पावत के भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने भाजपा के कई बड़े नेताओं पर चुनाव में निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया है। अपने ही प्रत्याशियां द्वारा सीधे सार्वजनिक तौर पर इस तरह के आरोपों से भाजपा स्तब्ध तो है ही, साथ ही सरकार और संगठन भी इस नए भूचाल के चलते पूरी तरह से असहज हो चला है।
‘अब की बार 60 पार’ का नारा देकर चुनाव में उतरी भाजपा नेताओं को चुनाव सम्पन्न होने के बाद आराम का मौका भी नहीं मिला कि खानपुर के विधायक उम्मीदवार संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को न सिर्फ पार्टी का गद्दार कहा है। बल्कि आरोप भी लगाया है कि मदन कौशिक द्वारा नामित चार सभासदों ने चुनाव में उनके खिलाफ काम किया है। सोशल मीडिया में एक वीडियो लगतार गूंज रहा हे। जिसमें संजय गुप्ता अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर उनके चुनाव में हरवाने का काम करने का आरोप लगा रहे हैं। वे कोशिक को गद्दार कहकर पार्टी से बाहर करने की भी मांग कर रहे हैं। हैरत की बात यह हे कि जहां एक ओर स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संजय गुप्ता के अरोपों की सत्यता की जांच करने की बात कह रहे हैं वहीं भाजपा संगठन संजय गुप्ता से जवाब मांगने की बात कह रहा है। हरिद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान ने लक्सर नगर पालिका के सभासद सहित चार पदाधिकारियों को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्काष्ति कर दिया है। एक तरह से हरिद्वार भाजपा ने संजय गुप्ता के आरोपां की पुष्टि कर दी है, जबकि प्रदेश भाजपा संगठन मतगणना के बाद इस मामले में कार्यवाही करने की बात कह रहा है।
लक्सर सीट से संजय गुप्ता भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे थे। उनके मुकाबले में बसपा के पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद औेर कांग्रेस के अंतरिक्ष सैनी चुनाव में खड़े थे। इन तीनों ही नेताओं का इस क्षेत्र में मजबूत दखल रहा है जिसके चलते चुनावी मुकाबला कांटे का माना जा रहा है। मतदान के दिन आ रहे रूझानां के चलते संजय गुप्ता कमजोर बताए जा रहे थे। उन्हें अपनी पराजय का अंदेशा हो रहा था जिसका असर यह रहा कि उसी दिन सोशल मीडिया में संजय गुप्ता का एक वीडियो सामने आया जिसमें वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कोशिक पर उन्हें हरवाने का काम करने और नामित सभासदों पर मोहमद शहजाद के पक्ष में काम करने का अरोप लगाते दिखाई दिए।
संजय गुप्ता और मदन कौशिक की अदावत कोई नई नहीं है। पूर्व में भी वे मदन कोशिक पर कई आरोप लगा चुके हैं जिसमें झोटा बिरयानी खाने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी। मामला बसपा नेता मोहमद शहजाद के पुत्र के विवाह समारोह का था जिसमें भाजपा के कई बड़े नेता और स्वयं मदन कौशिक भी समारोह में शामिल थे। संजय गुप्ता ओैर मोहम्मद शहजाद के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते संजय गुप्ता ने भाजपा नेताओं को विवाह समोराह में जाने पर एतराज जताया और इतने नाराज हो गए कि विवाह में झोटा बिरयानी खाने का सार्वजनिक तौर पर गम्भीर आरोप लगा दिया। तत्कालीन समय में भाजपा सरकार और संगठन में खासा हंगामा भी खड़ा हुआ लेकिन मामले को पार्टी ने किसी तरह से शांत किया।
अब फिर से संजय गुप्ता ने मदन कौशिक पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। जिससे मामला फिर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। संजय गुप्ता का आरोप है कि मदन कौशिक और शहजाद के बीच पुरानी दोस्ती हे जिसके चलते मदन कौशिक के इशारे पर उनके समर्थक सभासदों और पदाधिकारियों ने चुनाव में उन्हें हरवाने के लिए शहजाद के पक्ष में काम किया। भाजपा विधायक संजय गुप्ता यहीं नहीं रूके और उन्होंने मदन
कोशिक पर 2017 में मंगलौर में स्लास्टर हाउस खोले जाने का आदेश दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मात्र 20 वर्षों में दूध का कारोबार करने वाले मदन कौशिक कैसे हजारों करोड़ के मालिक बन गए, इसलिए उनकी और उनकी सम्पतियों की भी जांच होनी चाहिए।
अपनी ही पार्टी के विधायक और उम्मीदवार द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ इस तरह के गम्भीर आरोप से भाजपा न सिर्फ बुरी तरह से हिली हुई है, बल्कि मुख्यमंत्री धामी भी असहज दिखाई दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो संजय गुप्ता के आरोपों में कुछ तो है जिसके चलते भाजपा में हलचल मची हुई है। इससे पहले भी हरिद्वार जिले में मदन कौशिक और अन्य विधायकों के बीच विवाद समाने आ चुके हैं। सतपाल महाराज और नगर निगम अध्यक्ष के बीच विवाद के पीछे भी भाजपा की हरिद्वार में वर्चस्व की जंग बताई गई थी जिसकी जद में मदन कौशिक पर गुटबाजी को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। अब फिर से मदन कौशिक पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं तो भाजपा इस मामले में क्या कदम उठाती है यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।