By Sanjay Swar
उत्तराखंड राज्य में कोरोना वायरस कोविड-19 से हुई पहली मृत्यु के सम्बंध में फैल रही अफवाह पर एम्स ऋषिकेश ने स्थिति स्पष्ट की है। गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में भर्ती लालकुआं की एक महिला की मृत्यु हो गई थी जो कोरोना संक्रमण से पीड़ित थी। एम्स ऋषिकेश द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट है कि कोरोना से संक्रमित महिला की मृत्यु कोरोना से नहीं बल्कि एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम से हुई है
जिसमें हृदय को रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। नैनीताल ज़िले के लालकुआं निवासी महिला को ब्रेन हैम्ब्रेज की शिकायत के चलते हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था फिर उसके परिजन उसे बरेली स्थिति राममूर्ति अस्पताल ले गए जहां से उसे ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स ऋषिकेश में उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था जिससे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। हल्द्वानी के जिस निजी चिकित्सालय में महिला इलाज के लिये भर्ती थी उस अस्पताल के एम डी सहित लगभग स्टाफ के 30 व्यक्तियों ने स्वयं को क्वारेन्टीन कर लिया है। हालांकि इन सभी का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। ऋषिकेश एम्स में भर्ती इस महिला की मृत्यु के बाद लोगों ने इसे प्रदेश की पहली कोरोना से हुई मौत के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक रविकांत ने इस पर बताया कि महिला की मृत्यु उसकी बीमारी से हुईं है न कि कोरोना से