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Uttarakhand

पेयजल स्रोत के नजदीक सड़क निर्माण से फूटा ग्रामीणों का आक्रोश

पहाड़ों में विकास कार्य इस बेतरतीब तरीके से हो रहे हैं कि ग्रामीण उनके विरोध में आंदोलन को विवश हैं। पौड़ी के जयहरीखाल प्रखंड के ग्राम बंदूण में निर्माणाधीन वड्डा-ग्वीलाणी-ताडकेश्वर मोटर मार्ग निर्माण का विरोध कर रहे 9 ग्रामीणों को मंगलवार शाम प्रशासन ने हिरासत में ले लिया। ग्रामीण सड़क निर्माण से पेयजल स्त्रोत को खतरा बताते हुए निर्माण कार्य रुकवा रहे थे। इधर, प्रशासन ने ग्रामीणों के आरोप को पूरी तरह निराधार बताया है। एसडीएम संदीप कुमार का कहना है कि सड़क पेयजल स्रोत से करीब 30 मीटर आगे कट गई है व स्रोत पूरी तरह सुरक्षित है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन वड्डा-ग्वीलाणी-ताडकेश्वर मोटर मार्ग निर्माण का कार्य पीएमजीएसवाई की सतपुली इकाई के जिम्मे है। कार्यकारी संस्था ने निर्माण कार्य शुरू किया, लेकिन ग्राम बंदूण के ग्रामीणों ने सड़क कार्य का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि सड़क बनने से उनके गांव के पेयजल स्रोत को क्षति पहुंचेगी। पिछले लंबे समय से ग्रामीणों व कार्यदायी संस्था के मध्य विवाद जारी था। कार्यदायी संस्था की ओर से प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया, जिसके बाद उप जिलाधिकारी संदीप कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों व कार्यदायी संस्था के मध्य वार्ता हुई।

उप जिला अधिकारी ने बताया कि वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने कुछ मागे रखी, जिन पर सहमति बनी और सड़क कटान कार्य शुरू कर दिया गया। बताया कि कार्यकारी संस्था ने पेयजल स्त्रोत से करीब 30 मीटर आगे तक सड़क कटान कार्य कर दिया, लेकिन कुछ ग्रामीण महिलाओं ने पुनरू निर्माण कार्य को रोक दिया। महिलाएं सड़क पर पुलिया निर्माण की माग कर रही थी। कार्यदायी संस्था के अवर अभियंता ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं मानी।

मंगलवार शाम एसडीएम संदीप कुमार के नेतृत्व में पुलिस व राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 8 महिलाओं सहित नौ ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद बंदूण के ग्रामीण बड़ी संख्या में सतपुली तहसील पहुंचे और विरोध जताया। उन्होंने प्रशासन की इस कार्यवाही को एकतरफा बताते हुए कड़ा विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि कार्यदाई संस्था ग्रामीणों के साथ हुए समझौते से मुकर रही है। कहा कि सड़क कटान के मलबे को पेयजल स्रोत के निकट ही डाला जा रहा है। जिससे पेयजल स्रोत के लुप्त या दूषित होने का खतरा है। ग्रामीणों व प्रशासन के मध्य वार्ता जारी है।

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