चमोली। राज्य में अभी तक वर्ष 2013 की आपदा से प्रभावित लोगों का ही ठीक से पुनर्वास नहीं हो सका है कि आसमान से निरंतर आफत बरस रही है। सीमांत जिलों पिथौरागढ़, चमोली, और उत्तरकाशी में बादलों के फटने से जिस तरह सड़कें, पुलिया, पेयजल लाइनें और सिंचाई नहरें टूटी हैं उससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि इन जिलों में प्रशासन लोगों को तात्कालिक राहत और सहायता देने की कोशिश तो कर रहा है, लेकिन बारिश और बादलों के फटने से जो तबाही हुई। लोग जिस तरह बेघर हुए उससे उजड़े हुए लोगों के पुनर्वास की नई समस्या खड़ी हो गई है।
अकेले चमोली जिले के थराली व घाट तहसील में अतिवृष्टि व भूस्खलन से 41 परिवार प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत सहायता दी जा रही है। यहां 16 पशु मरे तथा 10 पक्के आवासीय भवन और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। घाट क्षेत्र में 3 हेक्टेयर भूमि तथा थराली में 33 परिवारों की कøषि योग्य भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। रतगांव कुंडी धुर्मा एवं मोखमल्ला में पेयजल एवं विद्युत बहाली का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बताया गया कि 1 मोटर पुल बुरसोल-रतगांव तथा 8 आरसीसी छोटे पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। लोक निर्माण व संबंधित सड़क निर्माण संस्थाओं द्वारा सड़क खोलने का कार्य गतिमान है। अन्य स्थानों पर 11 दुकानें, 1 पावर हाउस, 3 बुलेरो, 1 मैक्स, 1 कार 2 मोटर साइकिल बहने की भी जानकारी है। रविवार रात्रि 15 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण जिले में 21 मोटर मार्ग बाधित हो गए थे। जिन्हें खोलने की कार्यवाही चल रही है।
जिले की तहसील घाट एवं थराली में 16 जुलाई को हुई अतिवृष्टि और भूस्खलन प्रभावित परिवारों के लिए जिला प्रशासन ने तत्काल सहायता राशि वितरण करते हुए राहत शिविर लगाए गए हैं। जहां प्रभावितों को भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था की गई है। अतिवृष्टि के कारण 41 परिवार प्रभावित हुए थे। जिला प्रशासन की ओर से तहसील घाट में आपदा प्रभावित 17 परिवारों को तात्कालिक सहायता के रूप में 38 सौ रुपए प्रति परिवार के हिसाब से कुल 64,600 रुपए की धनराशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही सभी प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त सहायता के रूप में 5-5 किलो गेंहू व चावल तथा 2 लीटर मिट्टी तेल भी उपलब्ध कराया गया है। वहीं बेघर परिवारों को टेंट एवं तिरपाल दिए गए हैं। राजकीय इण्टर कॉलेज धुर्मा मोख में राहत शिविर बनाया गया है, जिसमें 5 प्रभावित परिवारों को ठहराया गया है। राजस्व, पुलिस एवं आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीमों द्वारा घाट एवं थराली क्षेत्र में क्षतिग्रस्त भवन, भूमि एवं मृतक पशुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।
आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 17 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण चमोली तहसील के रोली-ग्वाड गांव में मलवा आने के कारण दो गौशालाएं क्षतिग्रस्त होने से 1 बछिया की मृत्यु हुई है तथा तहसील कर्णप्रयाग के अंतर्गत रानौ में एक गौशाला टूटने से भैसा की मृत्यु हुई है। कर्णप्रयाग के निकट विद्युत लाइन टूटने से विकासखंड घाट, दशोली और जोशीमठ में विद्युत व्यवस्था बाधित हुई है। विद्युत विभाग द्वारा लाईन को सुचारू करने का नाम चल रहा है। वर्षा के चलते जिले में 50 मोटर मार्ग बाधित हुए थे, जिनमें से 23 मोटर मार्गों को खोला जा चुका है। 27 मोटर मार्गों को खोलने की कार्यवाही चल रही है। हालांकि प्रशासन प्रभावितों को फौरी सहायता तो उपलब्ध करा रहा है, लेकिन असली समस्या यह खड़ी हो गई है कि आखिर जो लोग बेघर हुए उनका पुनर्वास कब तक संभव हो सकेगा।