- संतोष सिंह
एनपीसीसी के निर्माणाधीन गैड़-गडगू मोटर मार्ग पर भारी वाहन के चलने से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। इससे विभाग एवं कार्यदायी संस्था की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। ग्रामीणों में एनपीसीसी और कार्यदायी संस्था के खिलाफ भारी आक्रोश है जो कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। बता दें कि गैड़-गडगू मोटर मार्ग का निर्माण कार्य मार्च 2019 में हुआ था। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण मोटर मार्ग का निर्माण हमेशा विवादों में रहा। ग्रामीणों की मांग पर एक बार एसडीएम ऊखीमठ द्वारा मोटर मार्ग की जांच भी की जा चुकी है। सितंबर 2020 में मोटर मार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे एनपीसीसी के अधिकारियों का घेराव कर ग्रामीण अपने गुस्से का इजहार भी कर चुके हैं फिर भी मोटर मार्ग निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है।
- जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है कि विभागीय अधिकारियों को बार-बार मोटर मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता लाने की गुहार लगाई जा रही है, मगर फिर विभागीय अधिकारी मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दरकिनार कर रहे हैैं। उनका कहना है कि मोटर मार्ग पर बनी पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से विभाग एवं कार्यदायी संस्था की लापरवाही साफ झलक रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण राणा का कहना है कि गैड़-गडगू दो किमी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य दो वर्षों में भी पूरा न होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण ही पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है।
- प्रधान बिक्रम सिंह नेगी का कहना है कि मोटर मार्ग पर जितने भी सुरक्षा दीवारों एवं पुस्तों का निर्माण हो रहा है उनमें गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को मोटा कमीशन जाने के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है। पूर्व प्रधान सरिता नेगी, सुदीप राणा, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिव प्रसाद सेमवाल, लवीश राणा का कहना है कि यदि क्षतिग्रस्त पुलिया की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन एवं विभाग के खिलाफ आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन- प्रशासन की होगी। दूसरी ओर विभागीय जेई जेपी सकलानी का कहना है कि कार्यदायी संस्था को नवंबर माह में नोटिस देकर पुलिया निर्माण में गुणवत्ता लाने के निर्देश दिए गए थे।
सड़क की गुणवत्ता पर सवाल
