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Uttarakhand

पूर्व आई जी उत्तराखंड गणेश मर्तोलिया से बातचीत

जिला बागेश्वर तहसील कपकोट गुलेर गाँव के रहने वाले पूर्व आई जी उत्तराखंड गणेश मर्तोलिया द्वारा अपने गृह जनपद बागेश्वर व पिथौरागढ़ के तल्ला ज्वार मे कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन मे असहाय दैनिक मजदूरों व गरीब महिलाओं को राहत सामग्री वितरित की। राहत सामग्री मे चावल दाल टूथ पेस्ट तेल दवाइयां दैनिक उपयोग की वस्तुएं प्रदान की गई। पुलिस सेवा के दौरान  यु पी और उत्तराखंड में दबंग ऑफिसर रहे गणेश मर्तोलिया द्वारा पिथौरागढ़ के तल्ला ज्वार और बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के नजदीकी गांवो से लेकर अति दुर्गम स्थानों पिंडर घाटी के बदियाकोट वाछम मल्ला दानपुर सूपी तरसाल लोहारखेत शामा लिती गोगिना यहाँ से नामिक ग्लेसियर नजदीक है।

गणेश मर्तोलिया बताते हैं उन्होंने 2400 परिवारों को राहत सामग्री पहुचाने का लक्ष्य रखा है 1800 परिवारों तक सामग्री पहुँच चुकी है।लॉक डाउन बढ़ेगा तो पिथौरागढ़ के मल्ला ज्वार धारचूला और मदकोट जाऊंगा।राहत सामग्री बाटते समय सोसियल डिस्टेंस और अनुशासन का ख्याल रखा गया। वहाँ के लोगो को साहस देने और इस वक़्त हिम्मत से काम लेने के लिये प्रोत्साहित किया।दि संडे पोस्ट ने ग्राउंड जीरो मे जाकर देखा ।सामग्री अति दुर्गम स्थानों पर मिलने पर वहाँ के वाशिंदे काफी खुश दिखे।क्योकि ये राहत सामग्री उनके लॉक डाउन के समय मिलने से उनकी कुछ मुश्किलें कम करेगा उनके खुश चेहरों से आसानी से लगाया जा सकता था।यहाँ पर लोग मुश्किल से जीवन यापन करते हैं जितना शारीरक ताकत होगी उतना ही जीवन है। सुविधाओं का अभाव तो है ही साथ मे जो सरकारी मदद होती वो सही से नही मिल पाती।कुछ स्थानों पर सरकारी राशन नही पहुँचा है।

सांसद और विधायक द्वारा कोई मदद नही मिलने से लोग नाराज दिखे।यहाँ पर संचार व्यवस्था भी चरमराई हुई है।इंटरनेट सेवा तो बस एक उम्मीद है।राहत सामग्री पहुचाने वाली टीम में स्थानीय जागरूक लोग सुंदर देव प्रेम गोस्वामी दीपक मर्तोलिया राकेस बिष्ट गोविंद कपकोटी के साथ स्थानीय प्रधान थे।जहाँ विश्व मे कोरोना संक्रमण के कारण हाहाकार मचा है ऐसे समय पूर्व आई जी गणेश मर्तोलिया द्वारा अति दुर्गम स्थानों में राहत सामग्री वितरित करना जनता को उत्साहित और हिम्मत देने का काम जरूर करेगा।।दिक दर्शन रावत से बातचीत

   दिक दर्शन : आप भा पु सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं आपने केदारनाथ आपदा देखी और अब सेवानिवर्ती के बाद कोरोना महामारी को देख रहे हैंक्या आपको लगता है राज्य सरकार इस महामारी से निपटने के लिए सक्षम प्रयास कर रही है।

आई जी मर्तोलिया : केदारनाथ आपदा एक जिले में आई थी।छोटा एरिया था ।कोरोना संक्रमण से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है।देश की सरकार और राज्य सरकार ने लॉक डाउन एक अच्छा निर्णय ले लिया है प्रधानमंत्री मोदी जी का ये निर्णय काबिले तारीफ है वरना देखे तो अमेरिका और इटली में कितने लोग मारे गए हैं।जनता को चाहिए लॉक डाउन के नियमो का और द्वारा दी गयी गाईड लाइनों का ईमानदारी और अनुशासन से पालन करे।

दिक दर्शन। :पिछले सप्ताह अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली की pil से पता चला कि प्रदेश मे जो डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल बनाये गए हैं उनमें से अधिकांश मे वेल्टीनेटर तक नही हैं तब कैसे इस महामारी से उत्तराखंड बच पायेगा।

आई जी  मर्तोलिया :  संसाधनों की कमी थी अब चाइना से वेल्टीनेटर मंगाये गए हैं सांसद और विधायक अपनी निधि से भी स्थानीय अस्पतालों में वेल्टीनेटर मंगा रहे है कोरोना वायरस की दवाई पूरे विश्व मे नही हैं।परेशानी जमात की भी आई थी सरकार मुश्किलो को ठीक कर रही है इस कोरोना की लड़ाई को हम मिलकर सबके सहयोग से लड़ सकते हैं। जनता को घर मे रहकर अनुसासन से लॉक डाउन का पालन करे।

दिक दर्शन।: आपने केदारनाथ आपदा के दौरान व उसके बाद चले राहत कार्यो से सीधे जुड़े थे।अपने कुछ अनुभव हमारे साथ साझा कीजिए।

आई जी मर्तोलिया :आपदा आने के 36 घण्टे के अंदर सही ढंग से हमने उस परेशानी से लड़े।तत्कालीन मुख्यमंत्री जी एस डी आर एफ की परमिशन दी।केदारनाथ पहुचना बहुत मुश्किल था कोई ट्रैक नही था।आज अच्छी स्थिति हो गयी है।2014 मे पुनर्निर्माण हुवा मै डी आई जी इंचार्ज था अप्रैल से नवम्बर तक तब वहां गया।हम और कर्नल कोटियाल गए वहाँ सर्वे करना सुरु किया।400-500 मजदूरों के लिये ट्रैक बनाया।उस समय केदारनाथ यात्रा मे 100 लोग ही जा पाए।हमारी टीम ने अच्छा काम किया एस डी आर एफ ने लेबरों का मनोबल बढ़ाया।राश्ता तैयार किया।जब तक अंतिम आदमी सही जगह नही पहुचता हमारी टीम छोड़ती नही थी।विषम परिस्थिति थी 2016-17 मे देखने गया अब बहुत अच्छा हो गया है।

दिक़दर्शन: एस डी आर एफ का गठन कब हुआ

आई जी मर्तोलिया : 2013 मे इसका गठन हुआ।एक अच्छी फ़ौज हमारी तैयार हो गयी है जो बाढ़ और उच्च हिमालयी एरिया में हिमस्खलन आदि मे काम कर सकती है।7 या 8 ऐसे हैं जो एवरेस्ट चढ़े हैं।अभी भी कोरोना लड़ाई में हमारी मदद कर रहे हैं।5 दिक दर्शन इन दिनों आप अपने गृह जनपद में खासे सक्रिय हैं क्या भविष्य में राजनीति मे आने का इरादा है। आई जी गणेश मर्तोलिया ऐसा कुछ नही है।मैं और मेरी पत्नी एक दिन पहाड़ मे कोरोना पर क्या कर सकते हैं सोच रहे थे।उसके बाद हम कुछ मित्रों मथुरा और मुरादाबाद के भी हैं। मिलकर सोचा पहाड़ के दुर्गम एरिया में राहत पहुचाई जाई।गोपाल सिंह आई टी बी पी के रिटायर्ड कमांडेंट,देवन्द्र सिंह धर्मशतु उत्तराखंड खाद और आपूर्ति रघुनाथ सिंह मर्तोलिया रिटायर्ड जी एम प्रथमा बैंक देवेंद्र धर्मशतु एल आई सी, भूपेश पांगती शिक्षा विभाग,दुर्गा सिंह अधिकारी इनकम टैक्स आदि मित्रो और स्थानीय जागरूक लोगों का साथ मिला।अच्छा रहा आगे भी लॉक डाउन रहेगा तो
जारी रहेगा।

दिकदर्शन दुर्गम स्थानों परेशानी देखकर क्या लगा

आई जी गणेश मर्तोलिया : दुर्गम बदियाकोट मे ऑनलाइन सुविधा खराब से राशन कार्ड मे आ रही परेशानी है ।डी एस ओ से बात करते हैं।मुझे पिंडारी ग्लेशियर जाने वाले मार्ग पर वाछम के पास स्थानीय जनता ने बैरियर लगाया है वो बहुत अच्छा लगा।किसी भी गाड़ी को बाहरी आदमी को आगे नही जाने दे रहे 14 घंटे स्वतः बैरिकेट कर रहे हैं।ऐसी ही जागरूकता सब जगह आ जाये तो कोरोना पहाड़ को छू भी नही सकता है।

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